शनि अमावस्या शुभ हो—-


शनि अमावस्या है तो क्यों न शनिदेव से अपने बुरे कर्मों के लिए माफ़ी मांग लें —
शनिमंत्र व स्तोत्र सर्वबाधा निवारक वैदिक गायत्री मंत्र—- ‘ॐ भगभवाय विद्महे मृत्युरुपायधीमहि, तन्नो शनि: प्रचोदयात्।’
प्रतिदिन श्रध्दानुसार शनि गायत्री का जाप करने से घरमें सदैव मंगलमय वातावरण बना रहता है।
वैदिक शनि मंत्र —-ॐ शन्नोदेवीरमिष्टय आपोभवन्तु पीतये शंय्योरभिस्रवन्तुन:।
शनिदेव को प्रसन्न करने का सबसे पवित्र औरअनुकूल मंत्र है इसकी दो माला सुबह शाम करने से शनिदेव की भक्ति व प्रीति मिलती है।’पौराणिक’ शनि मंत्र –ॐ ह्रीं नीलांजनसमाभासं रविपुत्रं यमाग्रजम्। छायामार्तण्डसम्भूतंतं नमामि शनैश्चरम्॥
यह बहुत ही सटीक फल देने वाला शनि मंत्र है। इसका यदि सवाकराड़ जाप स्वयं करे या विद्वान साधकों से करवाएं तो जातक राजा के समान सुख प्राप्तकरता है।
शनि ग्रह पीड़ा निवारण मंत्र सूर्यपुत्रे दीर्घ देहो विशालाक्ष: शिवप्रिय:। मंदचार:प्रसन्नात्मा पीड़ां हरतु में शनि:॥
सूर्योदय के समय, सूर्य दर्शन करते हुए इस मंत्र का पाठकरना शनि शांति में विशेष उपयोगी होता है।कष्ट निवारण शनि मंत्र —-नीलाम्बर: शूलधर: किरीटी गृघ्रस्थितस्त्रसकरो धनुष्मान्।चर्तुभुज: सूर्यसुत: प्रशान्त: सदाऽस्तुं मह्यं वरंदोऽल्पगामी॥
इस मंत्र से अनावश्यकसमस्याओं से छुटकारा मिलता है। प्रतिदिन एक माला सुबह शाम करने से शत्रु चाह करभी नुकसान नहीं पहुंचा पायेगा।
सुख-समृध्दि दायक शनि मंत्र —कोणस्थ:पिंगलो वभ्रु:कृष्णौ रौद्रान्त को यम:। सौरि: शनैश्चरौ मंद: पिप्पलादेन संस्तुत:॥
इस शनि स्तुति कोप्रात:काल पाठ करने से शनिजनित कष्ट नहीं व्यापते और सारा दिन सुख पूर्वक बीतताहै।शनि पत्नी नाम स्तुति —ॐ शं शनैश्चराय नम: ध्वजनि धामिनी चैव कंकाली कलहप्रिया।कंटकी कलही चाऽथ तुरंगी महिषी अजा॥ ॐ शं शनैश्चराय नम:
यह बहुत ही अद्भुत औररहस्यमय स्तुति है यदि आपको कारोबारी, पारिवारिक या शारीरिक समस्या हो।
इस मंत्रका विधिविधान से जाप और अनुष्ठान किया जाये तो कष्ट आपसे कोसों दूर रहेंगे। यदिआप अनुष्ठान न कर सकें तो प्रतिदिन इस मंत्र की एक माला अवश्य करें घर में सुख-शांतिका वातावरण रहेगा।
ॐ शं शनैश्चराय नम: