हे केदार-नाथ, हे शम्भू , हे शिव, हे जगदीश , हे औढर-दानी ,
हे त्रयम्वकेश्वर , हे पशु-पति नाथ , हे नागेश्वर, हे ममलेश्वर,
हे घ्रिश्मेश्वर , हे आशेश्वर, हे रामेश्वर, हे विश्वनाथ, हे महाकालेश्वर,
हे विश्वेश्वर , हे ओंकारेश्वर, हे गोपेश्वर ,हे कामेश्वर, हे भूतेश्वर,
हे अर्ध-नारीश्वर ,हे महादेव,हे गौरी-पति , हे पार्वती-पति, हे हर ,
हे वरेश्वर ,हे भूत-नाथ, हे रूद्र, हे भगवान शंकर करुणावतारम
मैं रघुपति चरित गाथा निर्बाध रूप से लिखती रहूँ आपकी कृपा सहायता लाभ मुझे प्रति-पल मिलता रहे !
कर्पूर गौरम करुणावतारं , संसार सारं भुजगेन्द्र हारं !
सदा वसंतं हृदयार विन्दे , भवं भवानी सहितं नमामि !!
भवानी शंकरौ वन्दे , श्रृद्धा विश्वास रुपिणौ !
याभ्यां विना न पश्च्यन्ति , सिद्धाः स्वान्तः स्थमीश्वरम !!
गुरु पितु मातु महेश भवानी ! प्रनवउँ दीनबंधु दिन दानी !!
सेवक स्वामी सखा सियपी के ! हित निरुपधि सब विधि तुलसी के !!
वन्दौ बोध मयं नित्यं गुरुं शंकर रुपिणौ !
यमाश्रितो हि वक्रोपि चन्द्रः सर्वत्र वन्ध्यते !!
कोऊ न संकर सम प्रिय मोरे !
शंकर सरिस न कोऊ प्रिय मोरें !
*** ॐ नम: शिवाय ***
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हे त्रयम्वकेश्वर , हे पशु-पति नाथ , हे नागेश्वर, हे ममलेश्वर,
हे घ्रिश्मेश्वर , हे आशेश्वर, हे रामेश्वर, हे विश्वनाथ, हे महाकालेश्वर,
हे विश्वेश्वर , हे ओंकारेश्वर, हे गोपेश्वर ,हे कामेश्वर, हे भूतेश्वर,
हे अर्ध-नारीश्वर ,हे महादेव,हे गौरी-पति , हे पार्वती-पति, हे हर ,
हे वरेश्वर ,हे भूत-नाथ, हे रूद्र, हे भगवान शंकर करुणावतारम
मैं रघुपति चरित गाथा निर्बाध रूप से लिखती रहूँ आपकी कृपा सहायता लाभ मुझे प्रति-पल मिलता रहे !
कर्पूर गौरम करुणावतारं , संसार सारं भुजगेन्द्र हारं !
सदा वसंतं हृदयार विन्दे , भवं भवानी सहितं नमामि !!
भवानी शंकरौ वन्दे , श्रृद्धा विश्वास रुपिणौ !
याभ्यां विना न पश्च्यन्ति , सिद्धाः स्वान्तः स्थमीश्वरम !!
गुरु पितु मातु महेश भवानी ! प्रनवउँ दीनबंधु दिन दानी !!
सेवक स्वामी सखा सियपी के ! हित निरुपधि सब विधि तुलसी के !!
वन्दौ बोध मयं नित्यं गुरुं शंकर रुपिणौ !
यमाश्रितो हि वक्रोपि चन्द्रः सर्वत्र वन्ध्यते !!
कोऊ न संकर सम प्रिय मोरे !
शंकर सरिस न कोऊ प्रिय मोरें !
*** ॐ नम: शिवाय ***
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