कुंडली के किस घर में हो शनि तो क्या उपाय करें?

. जून को शनि जयंती महापर्व है। इस दिन शनि देव से संबंधित उपाय करने से  कुंडली में स्थित अशुभ शनि बुरा असर नही डालेगा। शनि जयंती पर शनि देव से संबंधित छोटे से छोटा उपाय भी बड़ा फल देने वाला होता है। इसलिए हम आपको बता रहें हैं,

कुंडली के पहले घर में शनि हो तो-

जिस व्यक्ति की कुंडली में शनि पहले भाव में हो वह व्यक्ति राजा के समान जीवन जीने वाला होता है। शनि अशुभ है तो व्यक्ति रोगी, गरीब और बुरे काम करने वाला होता है। इसलिए ये उपाय करें

– किसी जरूरतमंद को या ब्राह्मण या साधु-संत को तवा दान करें।

– नशा आदि से दूर रहें।

– बंदरों को चने आदि खिलाएं।

दूसरे भाव में शनि हो तो-

ऐसा व्यक्ति बिगड़े मुंह वाला, लालची, विदेश में धन कमाने वाला होता है। ऐसे लोग ये उपाय करें

– दूध या दही का तिलक करें।

– सांप को दूध पिलाएं।

– भैंस को रोज घास खिलाएं।

तीसरे भाव में शनि हो तो-

व्यक्ति संस्कारवान, आलसी और चतुर होता है। इसके लिए ये उपाय करें-

– घर में किसी अंधेरी जगह पर धन, सोना, रुपए आदि रखें।

– नशा, मांस से दूर रहें।

– बहते पानी में चावल बहाएं।

चतुर्थ भाव में शनि हो तो-

चतुर्थ भाव में  शनि होने से व्यक्ति रोगी, दुखी और धन हीन होने लगता है। इसलिए ये उपाय करने चाहिए

– सांप को दूध पिलाएं

– शनि का दान तेल, उड़द, काले कपड़े का दान करें।

– मछली को चावल खिलाएं।

पांचवें भाव में शनि हो तो-

पांचवे भाव का शनि व्यक्ति को दुखी, पुत्र हीन, मित्र हीन और कम बुद्धि वाला बनाता है। इसलिए ये उपाय करने चाहिए।

– घर के अंधेरे कमरे में हरे मूंग रखें।

– 48 वर्ष की उम्र तक मकान न बनाएं।

– मांस-मदिरा या बादाम का सेवन बिल्कुल ना करें।

छठें भाव में शनि हो तो-

कुंडली के छठे भाव में हो तो वह कामी, अधिक खाने वाला और कुटिल होता है। इसलिए ये उपाय करें-

– एक बर्तन में तेल भरकर उसमें अपना मुंह देखें और पानी में बहा दें।

– सांप को दूध पिलाएं।

– नारियल या बादाम नदी में बहाएं।
कुंडली के सातवें भाव में शनि हो तो-

सातवें भाव का शनि होने पर व्यक्ति रोगी, गरीब, कामी, खराब वेशभूषा वाला होता है।  इसलिए ये उपाय करने चाहिए।

– काली गाय को घास खिलाएं, उसकी सेवा करें।

– बुराइयों एवं अधार्मिक कार्य से बचें।

– किसी बर्तन में शहद भरकर घर में रखें।

आंठवे भाव में शनि हो तो-

व्यक्ति कुष्ट या भगंदर रोग से पीडि़त, दुखी और कम उम्र वाला होता है। इसलिए ऐसे उपाय करने चाहिए

– चांदी पहनें।

– 8 बादाम नदी में बहाएं।

– राहु और शनि की विशेष पूजा कराएं।

कुंडली के नवें भाव में शनि हो तो-

ऐसा व्यक्ति जिसकी कुंडली में नवम भाव में शनि हो वह अधार्मिक, गरीब, पुत्रहीन, दुखी होता है।

– पिली वस्तुओं का दान दें।

– अपने चांदी रखें।

– घर की छत पर घास या लकड़ी बिल्कुल ना रखें।

दसवें भाव में शनि हो तो-

दशम भाव का शनि होने पर व्यक्ति धनी, धार्मिक, राज्यमंत्री या उच्चपद पर आसीन होता है। शनि के इन शुभ प्रभाव बढ़ाने के लिए ऐसे उपाय करें-

– रोज चने की दाल पानी में प्रवाहित करें।

– घर छत पर फालतु वस्तुएं बिल्कुल ना रखें।

– अंधों को रोज खाना खिलाएं।

ग्यारहवें भाव में शनि हो तो-

जिस व्यक्ति की कुंडली में ग्याहरवें भाव में शनि हो वह लंबी आयु वाला, धनी, कल्पनाशील, निरोग, सभी सुख प्राप्त करने वाला होता है। इन शुभ प्रभावों को बढ़ाने के लिए शनि के ये उपाय करें-

– घर के अंधेरे हिस्से में 1. बादाम काले कपड़े में बांधकर रखें।

– मांस-मदिरा से दूर रहे।

– शुभ कार्य से पहले पानी का कलश भरकर घर में रखें।

बारहवें भाव में शनि हो तो-

बाहरवें भाव में शनि होने पर व्यक्ति अशांत मन वाला, पतित, बकवादी, कुटिल दृष्टि, निर्दय, निर्लज, खर्च करने वाला होता है। शनि देव के इन अशुभ प्रभावों से बचने के लिए निचे बताए गए उपाय करें-

– भैरव महाराज की पूजा करें।

– मछली को चावल खिलाएं।

– शनिवार को भैरव मंदिर में सरसो का तेल का दीपक लगाएं।

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