वास्तु और शल्य दोष—-
अक्सर सुनसान जगह देख कर या खाली प्लाट देख कर लोग उस में कूड़ा करकट फेकना शुरू कर देते है या कई बार लोग अपने पालतू जानवर या कोई ओर जानवर के मर जाने पर खाली प्लाट देख कर उसे दबा देते है,या इस्त्रियो का राज्स्वल का कपडा या अन्ये कोई रक्त-रंजित वस्त्र फेंक दिया जाता है|कई बार ऐसा भी होता है की हम किसी घर प्लाट को भरने के लिये उस में पुराना मलबा डलवा कर उस की नींव को ऊँचा उठा लेते है|उस पुराने मलबे में कई बार ऐसी चीजे आ जाती है जो हमें बड़ी परेशानी में डाल देती है|
जिस जगह या प्लाट पर आप ने फैक्ट्री या मकान बनाना हो, अगर उस जमीन के भीतर कोई शल्य हो(हड्डी,अस्थि,लोहा किसी का अंग ,बाल, कोयला जली हुई लकडी केश, भसम, आदि)हो तो उ़से निकाल देना चाहिए,नहीं तो ग्रहस्वामी /घर के मालिक को बहुत भयंकर परिणाम भुगतने पड़ते है|
कुछ शकुन द्वारा (स्य्म्प्तोम) के द्वारा भी प्लाट /घर के मालिक को शल्य दोष के बारे में पता चल सकता है की हमारे प्लाट में शल्य दोष है!
देवी पुराण में कहा गया है कि गृह शुरू करते ही गृह स्वामी के किसी अंग में खुजली पैदा हो जाये तो समझना चाहिए कि प्लाट में शल्य दोष है|
घर आरंभ करते ही या उस में जाने के तुंरत बाद व्यापार में जबरदस्त घाटा पड जाये तो समझे कि वहा कोई शल्य दोष है|
घर प्रवेश के .-. साल के भीतर घर का कोई सदस्य चल बसे तो पूर्व दिशा में नर शल्य दोष (मानव की हड्डी होती है)है |
अग्नि कोण दक्षिण पूर्व में नर शल्य हो तो राजदंड मिलता है|
दक्षिण दिशा में नर शल्य हो तो भयंकर रोग से मृत्यु आती है|
दक्षिण पश्चिम नेत्रेगाये में कुत्ते की हड्डी हो तो बच्चो की अकाल मृत्यु होती है|
उत्तर दिशा में शल्य हो तो कुबेर के सामान संपन्न आदमी भी कंगाल हो जाता है|
इशान नॉर्थ ईस्ट दिशा में शल्य हो तो धन और पशु नाश होता है|
घर के मध्य ब्रम्हा स्थान में शल्य हो तो कुल का नाश होता है| अगर आप उस घर या प्लाट फैक्ट्री में रहना चाहते है तो आप को वहां का शल्य दोष किसी योग्य वास्तु शास्त्री या तांत्रिक से जरुर दूर करवा ले|

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