भारत की शीर्ष सत्ता परिवर्तन की संभावना—–
. मई 2..1 से राहु और केतु का जो राशि परिवर्तन हुवा हे । इस परिवर्तन से कुछ राशियों को फायदा तो कुछ को नुकसान उठाना पड़ेगा। पिछले अठारह महीने से राहु धनु राशि में तथा केतु मिथुन राशि में चल रहा है। यह दोनों एक साथ ही परिवर्तन करते हैं।
. मई 2..1 से राहु और केतु का जो राशि परिवर्तन हुवा हे । इस परिवर्तन से कुछ राशियों को फायदा तो कुछ को नुकसान उठाना पड़ेगा। पिछले अठारह महीने से राहु धनु राशि में तथा केतु मिथुन राशि में चल रहा है। यह दोनों एक साथ ही परिवर्तन करते हैं।
2 मई २०११,सोमवार से राहु वृश्चिक राशि में तथा केतु वृषभ राशि में अपने 28 अंश 16 कला पूर्ण कर इन राशियों में संचारण करना प्रारंभ किया he। यह दोनों ग्रह वक्र गति में चलते हैं। 2 मई को स्पष्ट राहु वृश्चिक तथा केतु वृषभ राशि में प्रवेश कर गया, किंतु मध्यम राहु का वृश्चिक राशि पर प्रवेश 6 जून को दोपहर 4.15 मिनट पर करेगा।
इस प्रकार सोमवार को दोनों ग्रह राशि परिवर्तन कर 6 जून को मध्यम राहु होगा। इस राहु-केतु के परिवर्तन से पिछले 18 माह से परेशान जातक निजात पाएंगे और मेष, सिंह, धनु राशि वाले जातक अगले 18 माह के लिए राहु-केतु से परेशान होंगे। इनको मानसिक कष्ट होगा। इस के कारन/प्रभाव स्वरूप भारत की शीर्ष सत्ता परिवर्तन(प्रधानमंत्री जी का पद मनमोहन जी के स्थान पर किसी अन्य को मिलने की संभावना बन रही हे —संभवतया–श्री प्रणव मुखर्जी के योग अधिक प्रबल बन रहे हे)..विद्वान् ज्योतिष गण इस बात पर गंभीरता से विचार कर …अपनी-अपनी राय/ विचार से हमें सूचित अवश्य करें….
इस प्रकार सोमवार को दोनों ग्रह राशि परिवर्तन कर 6 जून को मध्यम राहु होगा। इस राहु-केतु के परिवर्तन से पिछले 18 माह से परेशान जातक निजात पाएंगे और मेष, सिंह, धनु राशि वाले जातक अगले 18 माह के लिए राहु-केतु से परेशान होंगे। इनको मानसिक कष्ट होगा। इस के कारन/प्रभाव स्वरूप भारत की शीर्ष सत्ता परिवर्तन(प्रधानमंत्री जी का पद मनमोहन जी के स्थान पर किसी अन्य को मिलने की संभावना बन रही हे —संभवतया–श्री प्रणव मुखर्जी के योग अधिक प्रबल बन रहे हे)..विद्वान् ज्योतिष गण इस बात पर गंभीरता से विचार कर …अपनी-अपनी राय/ विचार से हमें सूचित अवश्य करें….