विशेष तिथियों पर करें दान-पुण्य—
यूँ तो पूरे वैशाख मास का ही धर्मशास्त्र में महत्व बताया गया है, लेकिन माह के दौरान आने वाली विशेष तिथियों के कारण दान-धर्म आदि का महत्व और भी बढ़ जाता है। ज्योतिषी डॉ. सर्वेश्वर शर्मा के अनुसार इन तिथियों पर शास्त्रोक्त रूप से दान देने से अक्षय फल की प्राप्ति होती है।
. मई- वैशाखी अमावस्या। शिप्रा स्नान के साथ पितरों की शांति हेतु पिंडदान का महत्व। पिंडदान व ब्राह्मणों को यथायोग्य दान करने से अभिष्ट फल की प्राप्ति तथा पितरों का आशीर्वाद मिलता है।
6 मई- अक्षय तृतीया। अक्षय तृतीया पर जल भरी मटकी के दान का महत्व। जप, दान, अनुष्ठान, ब्रह्म भोज आदि से अक्षय फल की प्राप्ति होती है।
7 मई- विनायकी चतुर्थी। गणेश आराधना एवं व्रत का विधान। गणेश दर्शन, व्रत से सुख समृद्घि व मनोकामना पूर्ण होती है।
.3 मई- मोहिनी एकादशी। व्रत, कथा श्रवण व दान का महत्व। मनोवांछित फल की प्राप्ति।

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