कैसे होते हैं अरिष्ट योग —-
कुंडली में ग्रहों के बलाबल व स्थिति के अनुरूप बीमारियों के योग देखे जाते हैं। हालाँकि आजकल चिकित्सा क्षेत्र में प्रगति के चलते हर बीमारी का निदान संभव हो चला है अत: यदि कुंडली में अरिष्ट योग हो तो सावधानी रखकर कष्ट से बचा जा सकता है।
.. लग्नेश षष्ठ, अष्टम या द्वादश भाव में हो तो शरीर कष्ट होता है।
.. लग्नेश कमजोर हो व लग्न तथा चंद्रमा पाप प्रभाव में हो तो स्वास्थ्य गड़बड़ाता है।
.. चंद्रमा राहु के साथ हो या बारहवाँ हो तो रोग देता है।
4. लग्नेश सप्तम में पाप प्रभाव में हो तो स्वास्थ्य कष्ट बना रहता है।
5. लग्नेश अष्टम में व अष्टमेश लग्न में हो तो बीमारियाँ घेरती हैं।
6. राशि स्वामी पाप ग्रहों से दृष्ट या युक्त हो, अष्टम में हो तो स्वास्थ्य हानि करता है।
7. सूर्य-चंद्र-शनि एकत्र हो 6-8-12 में हो तो भयंकर कष्ट देते हैं।
8. चंद्र-बुध केंद्र में हो व शनि-मंगल की दृष्टि में हो तो भयंकर कष्ट होता है।
विशेष : स्वास्थ्य रक्षा के लिए लग्नेश को मजबूत करें व इष्ट की साधना करें।