केतु का प्रत्येक भाव के लिए उपाय —-एस्ट्रो  वास्तु 

आमतौर पर वैदिक ज्योतिष में जब ग्रह कमजोर या अशुभ स्थिति मे़ होता है तो उसका उपाय किया जाता है.

परन्तु लाल किताब के अनुसार ग्रह चाहे शुभ स्थिति में हो या अशुभ उसका उपाय करने से जहाँ उसके फल में स्थायित्व रहता हें, वही दूसरी तरफ अशुभ ग्रह का उपाय करने से उसके दूष्प्रभाव की शान्ति होती है. इस लेख के माध्यम से केतु ग्रह के प्रत्येक भाव मेँ स्थित होने पर उसके उपाय की जानकारी दी गई है. प्रत्येक व्यक्ति जिनका केतु जिस-. भाव में स्थित है वह यहाँ दी गई सूची के आधार पर उपाय कर सकता है.

प्रथम भाव में स्थित केतु के उपाय
.) बन्दर को गुड़ खिलाएं
2) काला, सफेद दो रंग का कम्बल मन्दिर में दान करें.
.) दोना पावों के अंगुठे में चाँदी या सफेद धागा बाधँ कर रखें.
4) ब्रह्मचर्य का पालन करें.
5) केसर का तिलक लगाएं.

द्वितीय भाव में स्थित केतु के उपाय
1) अपने चरित्र को उत्तम बनाए रखें.
2) माथे पर केसर का तिलक लगाएं.
3) मन्दिर में प्रतिदिन दर्शन के लिए जाएं.

तृतीय भाव में स्थित केतु के उपाय
1) कानो में सोना पहनें.
2) वृद्ध् की सेवा करें.
3) माथे पर केसर का तिलक लगाएं.
4) बहते पानी में गुड़ प्रवाहित करें.
5) भाई बन्धुओं से अच्छे सम्बन्ध बनाकर रखें.
6) जीभ पर केसर रखें.

चतुर्थ भाव में स्थित केतु का उपाय
1) दूध में सोना बुझा कर पीएं.
2) पीले रंग के नींबु चलते पानी में प्रवाहित करें.
3) कुत्ता पालें.
4) शरीर पर चाँदी धारण करें.

पचंम भाव में स्थित केतु के उपाय
1) दूध, चावल, देसी खाण्ड , सौंफ दरिया में प्रवाहित करें.
2) पिता व दादा की सेवा करें.
3) पितरो का श्राद्ध करें.
4) कन्याओं का आशीर्वाद लें.
5) केसर का तिलक लगाएं.
6) ब्राह्मण को बृहस्पति की वस्तुऎं दान करें.

छटे भाव में स्थित केतु के उपाय
1) कुत्ता पालें.
2) काला, सफेद कम्बल मन्दिर में दान करें.
3) बाएं हाथ में सोने का छ्ल्ला पहने.
4) दूध में केसर मिलाकर पीयें.

सप्तम भाव में स्थित केतु के उपाय
1) मीठी वाणी का प्रयोग करें.
2) अपने वचन पालन करें.

अष्टम भाव में स्थित केतु का उपाय
1)कुत्ता पालें.
2) काला, सफेद कम्बल मन्दिर में दान करें.
3) कानो में सोना पहनें.
4) अपने चरित्र को उत्तम बनाएं रखें.

नवम भाव में स्थित केतु का उपाय
1) कानो में सोना पहने व घर में सोना रखें.
2) कुत्ता पालें.
3) पिता, दादा के साथ रहें व उनकी सेवा करें.

दशम भाव में स्थित केतु के उपाय
1) चांदी के बर्तन में शहद भर कर घर में रखें.
2) 48 वर्ष से पहले मकान ना बनाएं.
3) व्यभिचार से बचें.
4) अपने चरित्र को उत्तम बनाएं रखें.

एकादश भाव में स्थित केतु के उपाय
1) दूध से सोना बुझा कर पियें.
2) काले रंग का कुत्ता पालें.
3) रात में स्त्री के सिरहाने मूली रख कर सुबह मन्दिर में दान करें.
4) दूध में केसर डालकर पिएं.

द्वादश भाव में स्थित केतु के उपाय

1) कुत्ता पालें, यदि किसी कारणवश कुत्ता मर जाए तो दोबारा कुत्ता पालें.
इस प्रकार लाल किताब के अनुसार केतु के उपाय करने से तुरन्त लाभ मिलता हैं.
नोट

1) एक समय में केवल एक ही उपाय करें.
2) उपाय कम से कम 4. दिन और अधिक से अधिक 43 दिनो तक करें.
3) उपाय में नागा ना करें यदि किसी करणवश नागा हो तो फिर से प्रारम्भ करें.
4) उपाय सूर्योदय से लेकर सूर्यास्त तक करें.
5) उपाय खून का रिश्तेदार ( भाई, पिता, पुत्र इत्यादि) भी कर सकता है

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