“दीपावली की शुभकामनाएँ”
***आदरणीय मित्रों ,
स्वीकार हों दीपावली की शुभकामनाएँ,
हैं छिपी इसमें सदभावनाएँ।
गणपति विघ्न मिटाएँ,
मान-बुद्धिधन सदा लुटाएँ।
सरस्वती ज्ञान का भंडार दें,
राशि बढ़े ऐसा वरदान दें।
लक्ष्मी करें धन की कृपा,
दें सभी की दरिद्रता मिटा।प्यार का दीप जलता रहे,
नफरत का धुंआ छटता रहे।सदा मन मे दीवाली रहे,
पृथ्वी हरी-संपदा वाली रहे॥
आपक़ो और आपक़े परिवारज़ऩो क़ो दीपावली की ढेर सारी शुभकामनाऎ।
आपकी दीपावली मगंलमय हो !
आप सभी का स्नेह एवं आशीष इसी प्रकार बना रहे तो जीवन का प्रवाह भी खूबसूरत बना रहेगा।
सादर,आपका स्नेहाकांक्षी-
प. दयानंद शास्त्री