आइये जाने नक्षत्रो का स्वभाव ,नक्षत्र भोजन ( क्या खाएं-क्या न खाएं ),क्या दान करें,नए वस्त्र धारण का प्रभाव ,क्या कार्य करें….
नक्षत्र संख्या में .7 हैं और एक राशि ढाई नक्षत्र से बनती है। नक्षत्र भी जातक का स्वभाव निर्धारित करते हैं———–
.. अश्विनी : बौद्धिक प्रगल्भता, संचालन शक्ति, चंचलता व चपलता इस जातक की विशेषता होती है।
इस नक्षत्र में वाहन खरीदना,यात्रा,शुभ हे….
नए वस्त्र धारण से सुख की प्राप्ति और शुभता में वृद्धि होती हे…
इस नक्षत्र में ध्यान रखें- अग्नि, सजावट, श्रंगार, लकड़ी, द्वार, छत ,व्यापार,
दान करें- गुड और बिल्वफल/ बिल्वपत्र ;
इसमें स्वास्थ्य सम्बन्धी कार्य और स्थिरता वाले कार्यो को प्राथमिकता देवे;
नक्षत्र भोजन- आलू,सीताफल, उड़द ,जो, गुड का मालपुआ,…..
इस नक्षत्र में केसर का सेवन लाभकारी होता हे…….
इस नक्षत्र में निम्न वस्तु नहीं खानी चाहिए-मुली,मोगरी,इलायची,घी,हरे मुंग,कंदमूल,शक्करकंद,
—————————————————————————–
2. भरणी : स्वार्थी वृत्ति, स्वकेंद्रित होना व स्वतंत्र निर्णय लेने में समर्थ न होना इस नक्षत्र के जातकों में दिखाई देता है।
इस नक्षत्र में कुंवा, तालाब खुदवाना, गणित-ज्योतिष कार्य शुभ हे….
नए वस्त्र धारण से परेशानी में वृद्धि होती हे…
इस नक्षत्र में ध्यान रखें- अग्नि, सजावट, श्रंगार, लकड़ी, द्वार, छत ,व्यापार,
दान करें- नमक का
इसमें स्त्री और मित्र से सम्बंधित कार्यो को प्राथमिकता देवे;
नक्षत्र भोजन- तिल, तिल का तेल, चांवल …..
इस नक्षत्र में इलायची का सेवन लाभकारी होता हे…….
इस नक्षत्र में निम्न वस्तु नहीं खानी चाहिए – दही, घी,आंवला, केसर,
————————————————————————
.. कृतिका : अति साहस, आक्रामकता, स्वकेंद्रित, व अहंकारी होना इस नक्षत्र के जातकों का स्वभाव है। इन्हें शस्त्र, अग्नि और वाहन से भय होता है।
इस नक्षत्र में कुंवा, तालाब खुदवाना, गणित-ज्योतिष कार्य,वस्त्र सिलवाना, शुभ हे….
नए वस्त्र धारण से उस वस्त्र के फटने या दाग लगने की संभावना होती हे…
इस नक्षत्र में ध्यान रखें- पानी, सजावट, श्रंगार, लकड़ी, द्वार, छत ,व्यापार,
दान करें- नमक का,
इसमें खुदाई, बिज रोपण (धान्य बुवाई ),जमीन,मकान(गृह) कार्यो को प्राथमिकता देवे;
नक्षत्र भोजन- इस नक्षत्र में लहसुन का सेवन लाभकारी होता हे……. दही, खीर, घी,उड़द,मिश्री,
इस नक्षत्र में निम्न वस्तु नहीं खानी चाहिए – निम्बू, खीर, चांवल,तिल, हरी सब्जी,
————————————————————————–
4. रोहिणी : प्रसन्न भाव, कलाप्रियता, मन की स्वच्छता व उच्च अभिरुचि इस नक्षत्र की विशेषता है।
इस नक्षत्र में राज्याभिषेक,मकान बनवाना,प्रथम व्यापार, शुभ हे….
नए वस्त्र धारण से आर्थिक लाभ की संभावना होती हे…
इस नक्षत्र में ध्यान रखें- पानी, सजावट, श्रंगार, लकड़ी, छत ,अग्नि,
दान करें- तिल का,
इसमें व्यापार और हमेशा स्थिर रहने वाले ( कंट्रोल ) कार्यो को प्राथमिकता देवे;
नक्षत्र भोजन- इस नक्षत्र में घी, हरे मुंग का सेवन लाभकारी होता हे……सिंघाड़ा,
इस नक्षत्र में निम्न वस्तु नहीं खानी चाहिए – खीर, आलू, आम, सीताफल,
——————————————————————–
5. मृगराशि : बु्द्धिवादी व भोगवादी का समन्वय, तीव्र बुद्धि होने पर भी उसका उपयोग सही स्थान पर न होना इस नक्षत्र की विशेषता है।
इस नक्षत्र में यात्रा, वाहन,वस्त्र और गहने खरीदना,शुभ हे….
नए वस्त्र धारण से वस्त्र फटने की संभावना होती हे…
इस नक्षत्र में ध्यान रखें- पानी, गृह, सजावट, श्रंगार,
दान करें- तिल का,
इसमें हमेशा स्थिर रहने वाले ( कंट्रोल ) और कल्याणकारी कार्यो को प्राथमिकता देवे;
नक्षत्र भोजन- इस नक्षत्र में इलायची और कस्तूरी का सेवन लाभकारी होता हे……
इस नक्षत्र में निम्न वस्तु नहीं खानी चाहिए -करेला, कंदमूल, मुंग की दाल ,शकरकंद,निम्बू, सुगन्धित जल,
——————————————————————————-
6. आर्द्रा : ये जातक गुस्सैल होते हैं। निर्णय लेते समय द्विधा मन:स्थिति होती है, संशयी स्वभाव भी होता है
इस नक्षत्र में मकान बनवाना और राज्याभिषेक शुभ हे….
नए वस्त्र धारण से स्वास्थ्य कमजोर संभावना होती हे…
इस नक्षत्र में ध्यान रखें- व्यापार, पानी, गृह,गृह,
दान करें- तिल का,गुड का
इसमें हमेशा मित्र और स्त्री सम्बन्धी कार्यो को प्राथमिकता देवे;
नक्षत्र भोजन- इस नक्षत्र में मक्खन और आम का सेवन लाभकारी होता हे……
इस नक्षत्र में निम्न वस्तु नहीं खानी चाहिए – आंवला,तुरई, सिंघाड़ा, स्वादिष्ट और भरपेट भोजन
—————————————————————————-
7. पुनर्वसु : आदर्शवादी, सहयोग करने वाले व शांत स्वभाव के व्यक्ति होते हैं। आध्यात्म में गहरी रुचि होती है।
इस नक्षत्र में मकान बनवाना,यात्रा, वाहन खरीदना,वस्त्र, सम्रद्धि के कार्य शुभ हे….
नए वस्त्र धारण से धन-धान्य और कार्य में सफलता की संभावना होती हे…
इस नक्षत्र में ध्यान रखें- व्यापार, पानी, गृह,छत ,
दान करें- तिल का,गुड का
इसमें जमीन खरीदना और बिज(धन्य) सम्बन्धी कार्यो को प्राथमिकता देवे;
नक्षत्र भोजन- इस नक्षत्र में मीठी खीर, घी और कस्तूरी का सेवन लाभकारी होता हे……हरी सब्जी भी,
इस नक्षत्र में निम्न वस्तु नहीं खानी चाहिए – मोगरी, लहसुन, मुली, करेला
=======================================================================================
8. अश्लेषा : जिद्दी व एक हद तक अविचारी भी होते हैं। सहज विश्वास नहीं करते व ‘आ बैल मुझे मार’ की तर्ज पर स्वयं संकट बुला लेते हैं।
इस नक्षत्र में गणित,ज्योतिष,खुदाई के कार्य-कुंवा-तालाब-बावड़ी जेसे कार्य शुभ हे….
नए वस्त्र धारण से अचानक बीमारी ( स्वास्थ्य हानी )की संभावना होती हे…
इस नक्षत्र में ध्यान रखें- व्यापार, पानी, गृह,छत ,सजावट, अग्नि, लकड़ी,श्रंगार,
दान करें- नमक और गुड का….
इसमें पूजा,दान,ब्राह्मन,भोजन सम्बन्धी और मित्र सम्बन्धी कार्यो को प्राथमिकता देवे;
नक्षत्र भोजन- इस नक्षत्र में केसर,गुड,कमलगट्टा, शक्कर का सेवन लाभकारी होता हे….कंदमूल-शक्करकंद….,
इस नक्षत्र में निम्न वस्तु नहीं खानी चाहिए – सीताफल,मिश्री,आम,सुगन्धित जल
———————————————————————–
9. मघा : स्वाभिमानी, स्वावलंबी, उच्च महत्वाकांक्षी व सहज नेतृत्व के गुण इन जातकों का स्वभाव होता है।
इस नक्षत्र में गणित,ज्योतिष,खुदाई के कार्य-कुंवा-तालाब-बावड़ी जेसे कार्य शुभ हे….
नए वस्त्र धारण से अचानक बीमारी ( स्वास्थ्य हानी )की संभावना होती हे…
इस नक्षत्र में ध्यान रखें- व्यापार, पानी, द्वार,गृह,छत ,सजावट, अग्नि, लकड़ी,श्रंगार,
दान करें- तिल और गुड का….
इसमें स्त्री और मित्र सम्बन्धी कार्यो को प्राथमिकता देवे;
नक्षत्र भोजन- इस नक्षत्र में केसर का सेवन लाभकारी होता हे….मुली, मोगरी,
इस नक्षत्र में निम्न वस्तु नहीं खानी चाहिए – आलू, कमलगट्टा,सीताफल,खीर,चांवल,तिल
————————————————————————————–
1.. पूर्वा फाल्गुनी : श्रद्धालु, कलाप्रिय, रसिक वृत्ति व शौकीन होते हैं। ।
इस नक्षत्र में गणित,ज्योतिष,खुदाई के कार्य-कुंवा-तालाब-बावड़ी जेसे कार्य शुभ हे….
नए वस्त्र धारण से अचानक बीमारी ( स्वास्थ्य हानी )की संभावना होती हे…
इस नक्षत्र में ध्यान रखें- व्यापार, पानी, द्वार,गृह,छत ,सजावट, अग्नि, लकड़ी,श्रंगार,
दान करें- तिल,नमक और गुड का….
इसमें स्थिर( कंट्रोल), कल्याणकारक सम्बन्धी कार्यो को प्राथमिकता देवे;
नक्षत्र भोजन- इस नक्षत्र में आलू,उड़द, इलायची का सेवन लाभकारी होता हे….आंवला
इस नक्षत्र में निम्न वस्तु नहीं खानी चाहिए – सीताफल,आलू,खीर,तिल,खीर..
—————————————————————————————-
11. उत्तरा फल्गुमी :—- ये संतुलित स्वभाव वाले होते हैं। व्यवहारशील व अत्यंत परिश्रमी होते हैं।
इस नक्षत्र में मकान बनवाना,मंदिर निर्माण,राज्याभिषेक जेसे कार्य शुभ हे….
नए वस्त्र धारण से धन लाभ की संभावना होती हे…
इस नक्षत्र में ध्यान रखें- व्यापार, द्वार,गृह,छत,अग्नि, लकड़ी,श्रंगार,सजावट……
दान करें- नमक का….
इसमें दान, भोजन, पूजा, ब्रह्मण कार्यो को प्राथमिकता देवे; स्त्री और मित्र सम्बन्धी कार्य…….
नक्षत्र भोजन- इस नक्षत्र में आलू,उड़द,लहसुन का सेवन लाभकारी होता हे….
इस नक्षत्र में निम्न वस्तु नहीं खानी चाहिए -खीर, निम्बू, दही, घी, सुगन्धित जल……..
—————————————————————————————
12. चित्रा : लिखने-पढ़ने में रुचि, शौकीन मिजाजी, भिन्न लिंगी व्यक्तियों का आकर्षण इन जातकों में झलकता है।
इस नक्षत्र में यात्रा, खरीददारी–जेसे—मकान, गहने,वाहन,वस्त्र खरीदना जेसे कार्य शुभ हे….
नए वस्त्र धारण शुभ रहता हे……….
ध्यान रखें- द्वार,गृह,छत,लकड़ी,श्रंगार,सजावट……
दान करें- तिल का….
इसमें व्यापर, हमेशा स्थिर कार्यो को प्राथमिकता देवे; व्यापार, जमीं खोदना, बीजारोपण सम्बन्धी कार्य…….
नक्षत्र भोजन- इस नक्षत्र में मिंग की दल, कंदमूल, शक्करकंद…का सेवन लाभकारी होता हे….
इस नक्षत्र में निम्न वस्तु नहीं खानी चाहिए – करेला, कस्तूरी, मुली, मोगरी, इलायची………
—————————————————————————————-
.13. स्वाति : समतोल प्रकृति, मन पर नियंत्रण, समाधानी वृत्ति व दुख सहने व पचाने की क्षमता इनका स्वभाव है।
इस नक्षत्र में यात्रा, खरीददारी–जेसे—वाहन,वस्त्र खरीदना जेसे कार्य शुभ हे….
नए वस्त्र धारण से अर्थ लाभ, और मीठा भोजन प्राप्ति की संभावना हे………….
ध्यान रखें- द्वार,गृह,छत,लकड़ी,श्रंगार,सजावट……
दान करें- तिल का…गुड का…..
इसमें व्यापर, हमेशा स्थिर कार्यो को प्राथमिकता देवे; हेल्दी,कल्याणकारक… सम्बन्धी कार्य…….
नक्षत्र भोजन- इस नक्षत्र में आम,केला, तुरई …का सेवन लाभकारी होता हे….
इस नक्षत्र में निम्न वस्तु नहीं खानी चाहिए – हरे मुंग, मक्खन , कंदमूल ,घी,शक्करकंद……………
———————————————————————————–
14. विशाखा : स्वार्थी, जिद्दी, हेकड़ीखोर व्यक्ति होते हैं। हर तरह से अपना काम निकलवाने में माहिर होते हैं।।
इस नक्षत्र में गणित, ज्योतिष, खुदाई कार्य-( कुवां, तालाब, ), हवन ,संग्रह, वस्त्र सम्बन्धी कार्य शुभ हे….
नए वस्त्र धारण से मन-सम्मान और दबदबा बढ़ने की संभावना हे………….
ध्यान रखें- द्वार,गृह,श्रंगार,सजावट……
दान करें- ..गुड का…..
इस नक्षत्र में दान,पूजा, ब्राह्मन कर्म भोजन जेसे कार्यो को प्राथमिकता देवे; मित्र और स्त्री …सम्बन्धी कार्य…….
नक्षत्र भोजन- इस नक्षत्र में हरी सब्जी , आंवले की सब्जी , करेला …का सेवन लाभकारी होता हे….
इस नक्षत्र में निम्न वस्तु नहीं खानी चाहिए – घी,शक्करकंद, दही, मिश्री, कंदमूल, मीठी खीर मिश्रित धान्य ………
—————————————————————————————-
15. अनुराधा : कुटुंबवत्सल, श्रृंगार प्रिय, मधुरवाणी, सन्मार्गी, शौकीन होना इन जातकों का स्वभाव है।
इस नक्षत्र में यात्रा, खरीद दरी सम्बन्धी कार्य जेसे- वाहन,वस्त्र, गहने की …शुभ हे….
नए वस्त्र धारण से मित्र से मुलाकात की संभावना हे………….
ध्यान रखें- — द्वार,श्रंगार,सजावट…अग्नि……
दान करें- ..नमक का ….
इस नक्षत्र में मित्र और स्त्री …सम्बन्धी कार्यो को प्राथमिकता देवे; ….
नक्षत्र भोजन- इस नक्षत्र में दाख( किशमिश )मिश्रित धान्य, भरपेट स्वादिष्ट भोजन ..का सेवन लाभकारी होता हे….
इस नक्षत्र में निम्न वस्तु नहीं खानी चाहिए – मीठी खीर,तिल, चांवल, कमलगट्टा की और हरी सब्जी …………
————————————————————————————————
16. ज्येष्ठा : स्वभाव निर्मल, खुशमिजाज मगर शत्रुता को न भूलने वाले, छिपकर वार करने वाले होते हैं।
इस नक्षत्र में यात्रा, खरीद दरी जेसे- वाहन की …शुभ हे….
नए वस्त्र धारण से मन विचलित रहने की संभावना हे………….
ध्यान रखें- — द्वार,श्रंगार,सजावट…अग्नि……
दान करें- ..नमक का …गुड का……
इस नक्षत्र में स्थिरता .सम्बन्धी कार्यो को प्राथमिकता देवे; ….
नक्षत्र भोजन- इस नक्षत्र में कंदमूल, शक्करकंद, कद्दू, मिश्री ..का सेवन लाभकारी होता हे….
इस नक्षत्र में निम्न वस्तु नहीं खानी चाहिए – मीठी खीर,आम, आलू,सीताफल, कमलगट्टा ………
—————————————————————————————-
17. मूल : प्रारंभिक जीवन कष्टकर, परिवार से दुखी, राजकारण में यश, कलाप्रेमी-कलाकार होते हैं।
इस नक्षत्र में …गणित, ज्योतिष, खुदाई कार्य-कुंवा,तालाब….शुभ हे….
नए वस्त्र धारण से कलह रहने या पानी में डूबने की आशंका हे………….
ध्यान रखें- — द्वार,.अग्नि……
दान करें- ..नमक का …गुड का……तिल का…
इस नक्षत्र में दान,पूजा, भोजन, ब्राहम्ण सम्बन्धी और मित्र व् स्त्री सम्बन्धी कार्यो को प्राथमिकता देवे; ….
नक्षत्र भोजन- इस नक्षत्र में मुली, मोगरी, आलू, सीताफल, .का सेवन लाभकारी होता हे….
इस नक्षत्र में निम्न वस्तु नहीं खानी चाहिए – मुंग की दाल, केसर, घी, मीठी खीर, सुगन्धित जल……….
————————————————————————————
18. पूर्वाषाढ़ा : शांत, धीमी गति वाले, समाधानी व ऐश्वर्य प्रिय व्यक्ति इस नक्षत्र में जन्म लेते हैं।
इस नक्षत्र में …गणित, ज्योतिष, खुदाई कार्य-कुंवा,तालाब….शुभ हे….शीघ्र लाभ
नए वस्त्र धारण से अचानक बीमारी/ रोग की आशंका हे………….
ध्यान रखें- —अग्नि……
दान करें- ..नमक का …गुड का……तिल का…
इस नक्षत्र में जमीं खुदाई, गृह, कल्याण करक.. कार्यो को प्राथमिकता देवे; ….
नक्षत्र भोजन- इस नक्षत्र में निम्बू, आंवला, मिश्री….तिल, चांवल…का सेवन लाभकारी होता हे….
इस नक्षत्र में निम्न वस्तु नहीं खानी चाहिए – सिंघाड़ा, इलायची, मक्खन, भरपेट स्वादिष्ट भोजन ………
——————————————————————————————–
19 -. उत्तराषाढ़ा : विनयशील, बुद्धिमान, आध्यात्म में रूचि वाले होते हैं। सबको साथ लेकर चलते हैं।
इस नक्षत्र में …मंदिर, मकान, बनाना ..शुभ हे…राज्याभिषेक और सर्प कार्य से .शीघ्र लाभ
नए वस्त्र धारण से मीठा भोजन प्राप्ति की संभावना हे……………
ध्यान रखें- —पानी, राजपाट, श्रंगार का……
दान करें- ……तिल का…
इस नक्षत्र में स्थिर ( कंट्रोल), जमीन खुदाई और व्यापारिक कार्यो को प्राथमिकता देवे; ….
नक्षत्र भोजन- इस नक्षत्र में निम्बू, मिश्री..बिल्वपत्र ..घी, दहीं, खीर …का सेवन लाभकारी होता हे….
इस नक्षत्र में निम्न वस्तु नहीं खानी चाहिए – करेला, इलायची, कस्तूरी, लहसुन ……
————————————————————————————-
20. श्रवण : सन्मार्गी, श्रद्धालु, परोपकारी, कतृत्ववान होना इन जातकों का स्वभाव है।
इस नक्षत्र में …मकान बनाना ..शुभ हे…विजय, राज्याभिषेक और शत्रु नाशक कार्य से .शीघ्र लाभ
नए वस्त्र धारण से नेत्र रोग की संभावना हे……………
ध्यान रखें- —पानी,श्रंगार, सजावट, लकड़ी का……
दान करें- ……तिल का…नमक का…
इस नक्षत्र में स्थिर ( कंट्रोल), कल्याण कारक कार्यो को प्राथमिकता देवे; ….
नक्षत्र भोजन- इस नक्षत्र में दूध, खीर, खांड, घी, हरे मुंग .का सेवन लाभकारी होता हे….
इस नक्षत्र में निम्न वस्तु नहीं खानी चाहिए – सिंघाड़ा, शक्करकंद, कंदमूल,दहीं …….
————————————————————————————
21. धनिष्ठा : गुस्सैल, कटुभाषी व असंयमी होते हैं। हर वक्त अहंकार आड़े आता है।
इस नक्षत्र में …मकान बनाना ..शुभ हे..राज्याभिषेक से .शीघ्र लाभ
नए वस्त्र धारण से आर्थिक लाभ की संभावना हे……………
ध्यान रखें- —पानी,श्रंगार, सजावट, लकड़ी , द्वार,का……
दान करें- ……नमक का…
इस नक्षत्र मेंदान, भोजन, पूजा ब्रह्मण कार्य और मित्र तथ स्त्री सम्बन्धी कार्यो को प्राथमिकता देवे; ….
नक्षत्र भोजन- इस नक्षत्र में कस्तूरी, इलायची, मुंग, चांवल. करेला, कंदमूल, शक्करकंद का सेवन लाभकारी होता हे….
इस नक्षत्र में निम्न वस्तु नहीं खानी चाहिए – हरी सब्जी, मुंग की दल, खीर ….
—————————————————————————————-
22. शतभिषा :- रसिक मिजाज, व्यसनाधीनता व कामवासना की ओर अधिक झुकाव होता है। समयानुसार आचरण नहीं करते।
इस नक्षत्र में …मकान बनाना ..शुभ हे..राज्याभिषेक से .शीघ्र लाभ
नए वस्त्र धारण से अशुभ सूचना की आशंका/संभावना हे……………
ध्यान रखें- —पानी,श्रंगार, सजावट, लकड़ी , द्वार,का……
दान करें- ……नमक का..तिल का…..
इस नक्षत्र में जमीं खरीदना, गृह/ कल्याण करक कार्य और धान्य( बीजारोपण ) सम्बन्धी कार्यो को प्राथमिकता देवे; ….
नक्षत्र भोजन- इस नक्षत्र में मक्खन और तुरई , तुम्बे के बीज का सेवन लाभकारी होता हे….
इस नक्षत्र में निम्न वस्तु नहीं खानी चाहिए – आम, खीर …
—————————————————————————————–
23. पूर्व भाद्रपद : बुद्धिमान, जोड़-तोड़ में निपुण, संशोधक वृत्ति, समय के साथ चलने में कुशल होते हैं।
इस नक्षत्र में …ज्योतिष, गणित, खुदाई कार्य- तालाब, कुंवा से शीघ्र लाभ
नए वस्त्र धारण से अशुभ सूचना की आशंका/संभावना हे…जल स्रोत से खतरा— तालाब, कुंवा, नदी, …………
ध्यान रखें- —व्यापर, द्वार, लकड़ी, ……
दान करें- ……नमक का….
इस नक्षत्र में पूजा पाठ, गृह निर्माण / विकास, स्थिर और कल्याणकारी कार्य को प्राथमिकता देवे; ….
नक्षत्र भोजन- इस नक्षत्र में दही, करेला, का सेवन लाभकारी होता हे….
इस नक्षत्र में निम्न वस्तु नहीं खानी चाहिए – हरी सब्जी, मुंग की दाल, नींबू, ..घी, मीठी खीर ,
———————————————————————————————–
24. उत्तरा भाद्रपद : मोहक चेहरा, बातचीत में कुशल, चंचल व दूसरों को प्रभावित करने की शक्ति रखते हैं।
इस नक्षत्र में …मकान, मंदिर निर्माण, राज्याभिषेक, स्थिर और सर्वकार्य से लाभ
नए वस्त्र धारण से पुत्र लाभ …..
ध्यान रखें- —व्यापर, द्वार, लकड़ी, ……
दान करें- ……नमक का….
इस नक्षत्र में पूजा पाठ, दान, भोजन ,ब्रह्मण कर्म. स्त्री और मित्र सम्बन्धी कार्य को प्राथमिकता देवे; ….कपूर का प्रयोग करें….
नक्षत्र भोजन- इस नक्षत्र में खीर, उड़द का बड़ा, स्वादिष्ट भरपेट भोजन का सेवन लाभकारी होता हे….
इस नक्षत्र में निम्न वस्तु नहीं खानी चाहिए – आंवला, सिंघाड़ा, मक्खन, मिश्रित धान्य , ..
—————————————————————————————–
25. रेवती : सत्यवादी, निरपेक्ष, विवेकवान होते हैं। सतत जन कल्याण करने का ध्यास इनमें होता है
इस नक्षत्र में …यात्रा, वाहन खरीद दरी से लाभ
नए वस्त्र धारण से अचानक धन / अर्थ लाभ …
ध्यान रखें- —व्यापार, द्वार, लकड़ी, ……
दान करें- ……गुड का….
इस नक्षत्र में व्यापर, स्थिर कार्य , जमीन खुदाई और बीज रोपण सम्बन्धी कार्य को प्राथमिकता देवे; ….
नक्षत्र भोजन- इस नक्षत्र में दही, कमलगट्टा और सुगन्धित जल का सेवन लाभकारी होता हे….
इस नक्षत्र में निम्न वस्तु नहीं खानी चाहिए – मुली, मोगरी, इलायची, लहसुन, कंदमूल, शक्करकंद, कस्तूरी…
———————————————————————————————-
26 –. हस्त : कल्पनाशील, संवेदनशील, सुखी, समाधानी व सन्मार्गी व्यक्ति इस नक्षत्र में जन्म लेते हैं।
इस नक्षत्र में …यात्रा, वाहन खरीद दरी से लाभ , मकान बनवाना, वस्त्र और सम्रद्धि के कार्य
नए वस्त्र धारण से …कार्य में सफलता प्राप्त होती हे….
ध्यान रखें- —अग्नि. द्वार., सजावट,..श्रंगार……..
दान करें- ……गुड का….नमक का….
इस नक्षत्र में ——व्यापर, स्थिर कार्य , जमीन खुदाई और बीज रोपण सम्बन्धी कार्य को प्राथमिकता देवे; ….
नक्षत्र भोजन- इस नक्षत्र में घी , हरे मुंग का, सिंघाड़ा का सेवन लाभकारी होता हे….
इस नक्षत्र में निम्न वस्तु नहीं खानी चाहिए – आंवला, मक्खन, खीर, भरपेट स्वादिष्ट भोजन…..
——————————————————————————-
27. पुष्य : सन्मर्गी, दानप्रिय, बुद्धिमान व दानी होते हैं। समाज में पहचान बनाते हैं।
इस नक्षत्र में …मकान बनवाना, वस्त्र और गहने बनवाना, राज्याभिषेक करवाना..जेसे कार्य करवाना और सम्रद्धि के कार्य करवाना चाहिए…
नए वस्त्र धारण से …इच्छाओ की पूर्ति और ..अर्थ लाभ की प्राप्ति होती हे…..
ध्यान रखें- —जल, द्वार., व्यापर, लकड़ी, चोखट, छत …
दान करें- ……..नमक का….
इस नक्षत्र में ——व्यापर, स्थिर कार्य , कल्याण कारक कार्यो को प्राथमिकता देवे; ….
नक्षत्र भोजन- इस नक्षत्र में खीर, दूध ,मिश्र धन्य का भोजन / सेवन लाभकारी होता हे….
इस नक्षत्र में निम्न वस्तु नहीं खानी चाहिए – भरपेट स्वादिष्ट भोजन.., इलायची, कंदमूल, शक्करकंद, तुरई, …