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भजन–श्री कृष्ण –भजन—

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कोई पीवे... कोई पीवे... कोई पीवे... कोई पीवे... कोई पीवे संत सुझान, नाम रस मीठा रे ॥  राजवंश की रानी पी गयी, एक बूँद इस रस का।  हो भैया रे... एक बूँद इस रस...

राशि और सैक्स – मकर राशि

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राशि और सैक्स - मकर राशि Sign & Sex - Capricorn  सौरमण्डल में अपने मगरमच्छ आकार के कारण इस राशि का नामकरण ‘मकर’ है। स्वामी ग्रह शनि, अंक 8 है। हस्तरेखा के अनुसार...

नाथ सम्प्रदाय का परिचय–खींवराज शर्मा

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नाथ सम्प्रदाय का परिचय--खींवराज शर्मा  यह सम्प्रदाय भारत का परम प्राचीन, उदार, ऊँच-नीच की भावना से परे एंव अवधूत अथवा योगियों का सम्प्रदाय है। इसका आरम्भ आदिनाथ शंकर से हुआ है और इसका...

गोरखनाथ—खींवराज शर्मा

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गोरखनाथ---खींवराज शर्मा  गोरखनाथ' या गोरक्षनाथ जी महाराज ११वी से १२वी शताब्दी के नाथ योगी थे। गुरु गोरखनाथ जी ने पूरे भारत का भ्रमण किया और अनेकों ग्रन्थों की रचना की। गोरखनाथ जी...

वेदव्यास—खींवराज शर्मा

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वेदव्यास---खींवराज शर्मा  ऋषि वेदव्यास महाभारत ग्रंथ के रचयिता थे। वेदव्यास महाभारत के रचयिता ही नहीं, बल्कि उन घटनाओं के साक्षी भी रहे हैं, जो क्रमानुसार घटित हुई हैं। अपने आश्रम से हस्तिनापुर...

मनुस्मृति—खींवराज शर्मा

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मनुस्मृति---खींवराज शर्मा  भारतीय पंरपरा में मनुस्मृति को (जो मानव-धर्म-शास्त्र, मनुसंहिता आदि नामों से प्रसिद्ध है) प्राचीनतम स्मृति एवं प्रमाणभूत शास्त्र के रूप में मान्यता प्राप्त है। धर्मशास्त्रीय ग्रंथकारों के अतिरिक्त शंकराचार्य, शबरस्वामी...

‘यन्त्रराज’—श्री यन्त्र

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'यन्त्रराज'---श्री यन्त्र---- लक्ष्मी हिन्दू धर्म की एक प्रमुख देवी हैं । वो भगवान विष्णु की पत्नी हैं और धन, सम्पदा, शान्ति और समृद्धि की देवी मानी जाती हैं । दीपावली के त्योहार...

**ज्ञान-विद्या जिस से भी मिले ले लो*****पवन तलहन**

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****ज्ञान-विद्या जिस से भी मिले ले लो*****पवन तलहन******* ******************************************** यदि अपने से हीन वर्ण के पास कोई विद्या हो तो उसे भी श्रद्धालु बनकर सीख लेना चाहिये! किसी चाण्डाल आदि अन्त्यज के पास...

शीतला-शान्ति प्रयोग—-वैदिक जगत—

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शीतला-शान्ति प्रयोग----वैदिक जगत--- क॰ “ॐ ह्रीं शीतलायै नमः” का १०० बार उच्चारण करते हुए श्वेत चन्दन-युक्त शत-पत्री-अर्क द्वारा शत-संख्यक अर्घ्य-दान करने से एक सप्ताह में शीतला-व्रण शान्त हो जाते हैं ।ख॰ एक अन्य अव्यर्थ...

क्या और केसे करें —सौभाग्य-प्राप्ति, वर-वधू-प्राप्ति प्रयोग—वैदिक जगत—

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क्या और केसे करें ---सौभाग्य-प्राप्ति, वर-वधू-प्राप्ति प्रयोग---वैदिक जगत---मन्त्रः- “ह्रीं क्लीं इन्द्राणि, सौभाग्य-देवते, मघ-वत्-प्रिये ! सौभाग्यं देहि मे स्वाहा ।।”विनियोगः- ॐ अस्य श्रीइन्द्राणी-मन्त्रस्य बृहस्पति ऋषिः, गायत्री छन्दः, श्रीइन्द्राणी देवता, सर्व-सौभाग्य-प्राप्त्यर्थे जपे विनियोगः ।ऋष्यादि-न्यासः- बृहस्पति ऋषये नमः...

प्रख्यात लेख

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