Tag: वास्तु
VAASTU AND ASTROLOGY—-Nikhil Gupta
VAASTU AND ASTROLOGY----Nikhil Gupta
We all know that when lord of first house goes into 8th or in 6th house, it’s bad. Similarly when lord of 4th house placed in 12th or...
जरुरी सूचना / इन्फोर्मशन/ जानकारी —
जरुरी सूचना / इन्फोर्मशन/ जानकारी ---
आगामी 04 अगस्त ,2011 ( नागपंचमी के सुअवसर पर) मणि ज्योतिष एवं वास्तु अनुसन्धान केंद्र( पंडित शरद त्रिपाठी) द्वारा पित्र दोष और कालसर्प योग/ दोष निवारण...
देव्यपराधक्षमापनस्तोत्रम्—
देव्यपराधक्षमापनस्तोत्रम्---
न मन्त्रं नो यन्त्रं तदापि च न जाने स्तुतिमहोन चाह्वानं ध्यानं तदापि च न जाने स्तुतिकथाः ।न जाने मुद्रास्ते तदापि च न जाने विलपनंपरं जाने मातस्त्वदनुसरणं क्लेशहरणम् ॥ १ ॥
विधेरज्ञानेन द्रविणविरहेणालसतयाविधेयाशक्यत्वात्तव...
देवी स्तुति—
देवी स्तुति----
जगजननी जय! जय! माँ! जगजननी जय! जय!
भयहारिणी, भवतारिणी, भवभामिनि जय जय। (जगजननी जय ! जय !!)
तू ही सत्-चित्-सुखमय, शुद्ध ब्रह्मरूपा।
सत्य सनातन, सुन्दर, पर-शिव सुर-भूपा॥१॥ (जगजननी जय ! जय !!)
आदि अनादि,...
जाने की वेद क्या है और क्या इसका रहस्य है—-
जाने की वेद क्या है और क्या इसका रहस्य है---
।।ॐ।। वेद 'विद' शब्द से बना है जिसका अर्थ होता है ज्ञान या जानना, ज्ञाता या जानने वाला; मानना नहीं और न...
लक्ष्मी प्राप्ति हेतु आराधना क्यों, केसे और क्यूँ ????—-
लक्ष्मी प्राप्ति हेतु आराधना क्यों, केसे और क्यूँ ????----
(ऐश्वर्य,वशीकरहण,उच्चाटन,पुत्र प्राप्ति,राजसम्मान,सुख और संपत्ति की प्राप्ति के मार्ग)
हवन केसे और क्यों करें---
नवरात्रों के प्रारम्भ होने से पूर्व अपने सभी मित्रों को बताने का...
मनपंसद संतान-प्राप्ति के योग—
मनपंसद संतान-प्राप्ति के योग----
स्त्री के ऋतु दर्शन के सोलह रात तक ऋतुकाल रहता है,उस समय में ही गर्भ धारण हो सकता है,उसके अन्दर पहली चार रातें निषिद्ध मानी जाती है,कारण दूषित...
ॐकार रूद्राष्ट्क(भावार्थ सहित)—-
ॐकार रूद्राष्ट्क(भावार्थ सहित)----
परम शिव भक्त कागभुशुण्डि ने जब अपने गुरू की अवहेलना की तो वे शिव के क्रोध-भाजन हुए। अपने शिष्य के लिए क्षमादान की अपेक्षा रखने वाले सहृदय गुरू ने...
ब्रह्माकृत शिव स्तोत्रम्—-
ब्रह्माकृत शिव स्तोत्रम्----
परमपिता ब्रह्मा ने पर्मात्मा एवं परंब्रह्म शिव की उपासना की थी। इस स्तोत्र को ब्रह्मा कृत माना जाता है।नमस्ते भगवान रुद्र भास्करामित तेजसे| (1)नमो भवाय देवाय रसायाम्बुमयात्मने||ब्रह्माजी बोले कि हे...
रावण कृत शिव ताण्डव स्तोत्रम्—
रावण कृत शिव ताण्डव स्तोत्रम्---
(1)जटाटवी-गलज्जल-प्रवाह-पावित-स्थले गलेऽव-लम्ब्य-लम्बितां-भुजङ्ग-तुङ्ग-मालिकाम् डमड्डमड्डमड्डम-न्निनादव-ड्डमर्वयंचकार-चण्ड्ताण्डवं-तनोतु-नः शिवः शिवम् .. १..जिन शिव जी की सघन जटारूप वन से प्रवाहित हो गंगा जी की धारायं उनके कंठ को प्रक्षालित क होती हैं, जिनके गले...