Tag: दयानन्द शास्त्री
भगवान श्री गणेश के सिद्ध मंत्र—–
भगवान श्री गणेश के सिद्ध मंत्र-----
लम्बोदर के प्रमुख चतुर्वर्ण हैं। सर्वत्र पूज्य सिंदूर वर्ण के हैं। इनका स्वरूप व फल सभी प्रकार के शुभ व मंगल भक्तों को प्रदान करने वाला...
श्रावण मास—
श्रावण मास 16 जुलाई,2011 से प्रारंभ हो गया है, जो 13 अगस्त तक रहेगा।
भगवान शिव को यह मास अतिप्रिय है। श्रावण मास लगते ही जहां मन में सुकून और ठंडक का...
आप सभी को राखी/ रक्षाबंधन पर्व और स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक बधाइयाँ और शुभकामनायें..
नमस्कार मित्रों,अभी हम देश की राजधानी ( दिल्ली) में हें जी....और केसे हें जी आप सभी..सभी हमारे फेसबुक/ऑरकुट के मित्रों...और ब्लॉग के पाठकों....
आप सभी को राखी/ रक्षाबंधन पर्व और स्वतंत्रता दिवस...
हे राम!! हे राम!!!हे राम!!!!!
हे राम!! हे राम!!!हे राम!!!!!
आप लोग सोच रहे होंगे की मुझे ये सुबह -सुबह क्या हो गया हें????गुड मोर्निंग/ जे राम जी की/जय श्री कृष्ण/ आदाब/सत श्रीअकाल....अरे मित्रों..कल सुबह...जयपुर के सिन्धी...
भारतीय संस्कृति में श्राद्व कर्म की गरिमा
भारतीय संस्कृति में श्राद्व कर्म की गरिमा-----
भारतीय हिन्दु संस्कृति मे तीन प्रकार के ऋणों का उल्लेख है- पितृ ऋण, ऋशि ऋण व देव ऋण। षास्त्र विहित कर्मो की पुजा, वत्र,उपवासादि से...
Lucky flowers…
Lucky flowers...
Sunsign and Lucky Flowers
Did you know you had a flower that could bring you luck? Not many people are aware that by placing their lucky flowers, they can turn things around...
हस्तरेखा में अंगुली की जानकारी —
हस्तरेखा में अंगुली की जानकारी ---
हस्त रेखा विज्ञान बहुत प्राचीन विज्ञान है। किसी भी व्यक्ति के हाथ के गहन अध्ययन द्वारा उस व्यक्ति के भूत, भविष्य और वर्तमान तीनों कालों के...
क्या आपका विवाह नहीं हो पा रहा हे?????
क्या आपका विवाह नहीं हो पा रहा हे?????
युवक-युवती के शीघ्र विवाह के सामान्य उपाय ---
1. कन्या के विवाह में हो रहे विलम्ब को दूर करने के लिए पिता को चाहिए कि...
वास्तु निर्माण से सम्बंधित शास्त्रीय नियम—
वास्तु निर्माण से सम्बंधित शास्त्रीय नियम---
प्राचीन एवम सर्वमान्य संहिता व वास्तु ग्रंथो में प्रतिपादित कुछ शास्त्रीय वास्तु नियमों का उल्लेख किया जाता है | वास्तु निर्माण में इनका प्रयोग करने पर...
विज्ञान एवं आध्यात्म—
विज्ञान एवं आध्यात्म---
संसार वास्तव में ईश्वर का आभास हैं और यह आभास इस कारण उत्पन्न होता हैं कि हमने अज्ञानता वश संसार को सत्य समझ लिया हैं जो क्षण भंगुर...