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वास्तु अनुसार कैसा हो घर का प्रवेश द्वार…(ध्यान रखने योग्य कुछ बाते)..–वैभव नाथ शर्मा

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वास्तु अनुसार कैसा हो घर का प्रवेश द्वार...???--वैभव नाथ शर्मा (ध्यान रखने योग्य कुछ बाते).... जिस प्रकार मनुष्य के शारीर में रोग के प्रविष्ट करने का मुख्य मार्ग मुख होता है उसी प्रकार किसी...

**धी–अथवा— विज्ञान– पवन तलहन ***

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*****धी--अथवा--- विज्ञान--पवन तलहन *** ********--------------------------------------------------------- .....................सत्य को जानो..................... विज्ञान को समझाते हुए अष्टावक्र-गीता में बताया है----- मोक्षो विषयवैरस्यं बन्धो वैषयिको रस:! एतावदेव विज्ञानं यथेच्छसि तथा कुरु!! विषयों में से रस का चला जाना ही मोक्ष है और विषयों...

वेदांग और सूत्र-ग्रन्थ—खींवराज शर्मा

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वेदांग और सूत्र-ग्रन्थ---खींवराज शर्मा  वेदांग---- शिक्षा, कल्प, व्याकरण, ज्योतिष, छन्द और निरूक्त - ये छ: वेदांग है। 1. शिक्षा - इसमें वेद मन्त्रों के उच्चारण करने की विधि बताई गई है। 2. कल्प - वेदों...

THE THREAT AGAINST HINDU TEMPLES AND VEDIC CULTURE IN INDIA—-

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THE THREAT AGAINST HINDU TEMPLES AND VEDIC CULTURE IN INDIA---- Raj Astrologer  THE THREAT AGAINST HINDU TEMPLES AND VEDIC CULTURE IN INDIA   This article shows how the Indian government is purposely jeopardizing...

श्रीभगवतीस्तोत्रम्—-

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श्रीभगवतीस्तोत्रम्---- श्रीभगवतीस्तोत्रम शक्ति रूपेण देवी भगवती दुर्गा की स्तुति में कहा गया स्तोत्र है। इसके अनेक उवाच हैं, जो कि निम्नलिखित हैं। यह एक धार्मिक पाठ है जिसकी रचना व्यास मुनि ने...

श्री हनुमत शक्ति मंत्र प्रयोग—

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श्री हनुमत शक्ति मंत्र प्रयोग---  हमारे सनातन धर्म मे रुद्रा अवतार हनुमान सदैव विराजमान है,मनुष्य हो या देवी,देवता सभी के कार्य को सम्पन्न करते है हनुमान जी। राम भक्त,दुर्गा भक्त हो या...

नृसिंह मंत्र—-

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नृसिंह मंत्र---- शत्रु बाधा हो या तंत्र मंत्र बाधा,भय हो या अकाल मृत्यु का डर।इस मंत्र के जप करने से शांति हो जाती है।शत्रु निस्तेज होकर भाग जाते है,भूत पिशाच भाग जाते...

॥ श्री बजरंग बाण ॥

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                       ॥ श्री बजरंग बाण ॥श्री हनुमान जी का बजरंग बाण जो प्रचलित है,उसका प्रभाव तो है ही परन्तु यह बजरंगबाण तांत्रोक्त प्रभाव वाला है।सारे अशुभ ग्रह,शत्रु,अवरोध का शमन बजरंग बाण पाठ से होताहै।भूत,पिशाच,तंत्र बाधा,डाईन,मूठ,मारण या आसुरी शक्तियों का कोप इस सारे संकट सेहनुमान जी मुक्त करते है।बजरंग बाण का पाठ करते समय अपने दायें हनुमत मूर्ति या चित्रके सामने एक लाल वस्त्र आसन के लिए रख ले ।  बजरंग बाण के हनुमान जी महामृत्युजयके साथ पंचमुख,सप्तमुख,एकादशमुख रूप धारण करके अकाल मृत्यु से रक्षा तो करते ही हैसाथ ही यम,काल को दूर भगाकर प्राणों की रक्षा करते है।पाठ से पहले गुरु,गणेश का पूजनकर पाठ करना चाहिए साथ ही तुलसी बाबा के साथ सीताराम जी का ध्यान कर हनुमान जीका निम्न ध्यान कर पाठ करना चाहिए। कहा जाता है कि जबबजरंग बाण का पाठ किया जाता है,तो हनुमान जी पधार जाते है।आजीवका में बाधा हो, याकोइ भी संकट ,तंत्र,मंत्र,मूठ,या ग्रह दोष से,या भूत पिशाच,का प्रकोप इस सभी बाधा सेहनुमान जी रक्षा करये है।आपको कोई रास्ता नहीं मिल रहा हो,तो एक दीपक जला कर किशमिश,गुड़ का भोग लगाकर प्रथम गुरुदेव,तब श्री गणेश,कुलदेवता का पुजन कर,रामपरिवार सहित तुलसीबाबा को प्रणाम कर श्री बजरंग बाण का एक या इच्छा अनुसार विषमसंख्या में पाठ करे तो हनुमान जी सारे संकट दूर कर देंगे।गूगूल का आहुती देकर पाठ करे तोविशेष लाभ होगा।            ध्यान -अतुलित बल धामं,हेमशैलाभ देहं,दनुज वन कृशानुं ज्ञानिनामग्रगण्यम्।             सकल गुणनिधानं वानराणामधीशं,रघुपति प्रियभक्तं वातजातं नमामि॥                                          ॥ श्री बजरंग बाण ॥   ॥दोहा॥ निश्चय प्रेम प्रतिति ते,विनय करे सह मान,।तेहि के कारज सकल शुभ,सिद्ध करैं हनुमान॥॥चौपाई॥जय हनुमन्त!सन्त हितकारी।सुन लीजे प्रभु!विनय हमारी॥जन के काज विलम्ब न कीजै।आतुर दौरि महा सुख दीजै॥                                                       जैसे कूदि सिन्धु के पारा।सुरसा वदन पैठि विस्तारा॥                                                       आगे जाय लंकिनी रोका।मारेहु लात गई सुर लोका॥जाय विभीषण को सुख दीन्हा।सीता निरखि परम पद लीन्हा॥बाग उजारि सिन्धु मँह बोरा।अति आतुर यम कातर तोरा॥                            अक्षय कुमार मारि संहारा।लूम लपेट लंक को जारा॥      ...

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गणपति वंदना--- हे लम्बोदर,हे गजानन, हे गणपति,हे गणेश! कष्ट,भव का करो शमन, दूर करो दुख,पीड़ा,क्लेश।प्रथम पुज्य,रीद्धि सीद्धि के दाता, विघ्नहारी तुम भाग्य विधाता, सृजित करो प्रपंच विमुख युक्ति, सृष्टि में कण कण हो सुख। तम भावों का करो समूल...

ॐ नमः शिवाय

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ॐ नमः शिवायआज ह्रदय से प्रभु तुम्हाराअनुपम ध्यान मैं करती हूँ  ;कलम बनेगी कमंडल मेराकविता से पूजा करती हूँ .*********************प्रभु  आपके अनुपम रूप कोशब्दों में कैसे लिख दूँ ;यही सोचकर ह्रदय में मेरेअसमंजस -सी रहती...

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