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भुवनेश्वरी—खींवराज शर्मा—-

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भुवनेश्वरी---खींवराज शर्मा----(Importance of Maa Bhuvaneshwari Mahavidhya)भुवनेश्वरी अर्थात संसार भर के ऐश्वयर् की स्वामिनी । वैभव-पदार्थों के माध्यम से मिलने वाले सुख-साधनों को कहते हैं । ऐश्वर्य-ईश्वरीय गुण है- वह आंतरिक आनंद...

सूर्य सिद्धांत–खींवराज शर्मा

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सूर्य सिद्धांत--खींवराज शर्मा  सूर्य सिद्धांत भारतीय खगोलशास्त्र पर लिखी गयी टीका है. भारतीय गणितज्ञ और खगोलशास्त्रियों ने इसका सन्दर्भ भी लिया है, जैसे आर्यभट्ट और वाराहमिहिर, आदि. वाराहमिहिर ने अपने पंचसिद्धांतिका में चार अन्य...

नाथ सम्प्रदाय का परिचय–खींवराज शर्मा

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नाथ सम्प्रदाय का परिचय--खींवराज शर्मा  यह सम्प्रदाय भारत का परम प्राचीन, उदार, ऊँच-नीच की भावना से परे एंव अवधूत अथवा योगियों का सम्प्रदाय है। इसका आरम्भ आदिनाथ शंकर से हुआ है और इसका...

गोरखनाथ—खींवराज शर्मा

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गोरखनाथ---खींवराज शर्मा  गोरखनाथ' या गोरक्षनाथ जी महाराज ११वी से १२वी शताब्दी के नाथ योगी थे। गुरु गोरखनाथ जी ने पूरे भारत का भ्रमण किया और अनेकों ग्रन्थों की रचना की। गोरखनाथ जी...

वेदव्यास—खींवराज शर्मा

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वेदव्यास---खींवराज शर्मा  ऋषि वेदव्यास महाभारत ग्रंथ के रचयिता थे। वेदव्यास महाभारत के रचयिता ही नहीं, बल्कि उन घटनाओं के साक्षी भी रहे हैं, जो क्रमानुसार घटित हुई हैं। अपने आश्रम से हस्तिनापुर...

मनुस्मृति—खींवराज शर्मा

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मनुस्मृति---खींवराज शर्मा  भारतीय पंरपरा में मनुस्मृति को (जो मानव-धर्म-शास्त्र, मनुसंहिता आदि नामों से प्रसिद्ध है) प्राचीनतम स्मृति एवं प्रमाणभूत शास्त्र के रूप में मान्यता प्राप्त है। धर्मशास्त्रीय ग्रंथकारों के अतिरिक्त शंकराचार्य, शबरस्वामी...

आर्यभट्ट-(An introduction & very important article)–खींवराज शर्मा

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आर्यभट्ट-(An introduction & very important article)--खींवराज शर्मा   आर्यभट्ट ṭ भारतीय गणित और भारतीय खगोल विज्ञान के शास्त्रीय युग के महान गणितज्ञखगोलविदों की पंक्ति में अग्रणी है.उनके सर्वाधिक प्रसिद्ध कार्य हैं ((४९९...

माध्यमिक तंत्र-साहित्य—खींवराज शर्मा

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माध्यमिक तंत्र-साहित्य---खींवराज शर्मा  प्राचीन आगमों या तंत्रों का नामनिर्देश अन्यत्र किया गया है। यहाँ माध्यमिक तंत्र साहित्य के विषय में बताया गया है। देवताओं के उपासनासंबंध से तंत्र का भेदनिरूपण संक्षेप में कुछ...

प्राचीन तंत्र साहित्य—खींवराज शर्मा

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प्राचीन तंत्र साहित्य-----खींवराज शर्मा आगम ग्रंथ में साधारणतया चार पाद होते है - ज्ञान, योग, चर्या और क्रिया। इन पादों में इस समय कोई-कोई पाद लुप्त हो गया है, ऐसा प्रतीत होता...

यदि आप आर्थिक समस्या से परेशान हे तो कही आप अनजाने में निम्न कार्य...

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यदि आप आर्थिक समस्या से परेशान हे तो कही आप अनजाने में निम्न कार्य तो नहीं कर रहे हे न.... ०१.--खाना खाने बाद (भोजन करने के बाद)..आप उस थाली/ प्लेट में हाथ...

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