Home Tags वास्तु

Tag: वास्तु

क्यों और किस दिशा में शुभ नहीं होता बेडरूम?

0
क्यों और किस दिशा में शुभ नहीं होता बेडरूम? कहते हैं यदि किसी व्यक्ति का वैवाहिक जीवन सुखी हो तो उसका पूरा जीवन अपने आप सुखी हो जाता है। वास्तु के अनुसार...

MPORTANCE OF GANESH  CHATURTHI —–

0
MPORTANCE OF GANESH  CHATURTHI ----- GANESH CHATURTHI--- Ganeshji is remembered on chauth or chaturthi, the 4th day of every month of the Hindu calendered, but most of all on Ganesh Chaturthi which is...

BUILDING GREEN HOMES—Ashok Sachdev

0
BUILDING GREEN HOMES---Ashok Sachdev  New trends and technologies--- Green technologies---   Modern times are seeing unprecedented progress in all areas of life. It has made our life very comfortable but has brought with it...

राशि और सैक्स – मकर राशि

0
राशि और सैक्स - मकर राशि Sign & Sex - Capricorn  सौरमण्डल में अपने मगरमच्छ आकार के कारण इस राशि का नामकरण ‘मकर’ है। स्वामी ग्रह शनि, अंक 8 है। हस्तरेखा के अनुसार...

राशि और सैक्स – कुम्भ राशि

0
राशि और सैक्स - कुम्भ राशि Sign & Sex -Aquarius  जिस महिला के स्तन घड़े के समान विशाल स्तूपाकार, शक भरी बहुत पनियल आंखें हो तथा पुरूष का सिर घड़े के समान, दर्शन,...

राशि और सैक्स – मीन राशि—

0
राशि और सैक्स - मीन राशि Sign & Sex - Pisces सौर मण्डल में इस राशि का आकार विपरीत दिशा में दो मछलियों के समान है, इनमें एक नर दूसरी मादा लगती है।...

नाथ सम्प्रदाय का परिचय–खींवराज शर्मा

0
नाथ सम्प्रदाय का परिचय--खींवराज शर्मा  यह सम्प्रदाय भारत का परम प्राचीन, उदार, ऊँच-नीच की भावना से परे एंव अवधूत अथवा योगियों का सम्प्रदाय है। इसका आरम्भ आदिनाथ शंकर से हुआ है और इसका...

गोरखनाथ—खींवराज शर्मा

0
गोरखनाथ---खींवराज शर्मा  गोरखनाथ' या गोरक्षनाथ जी महाराज ११वी से १२वी शताब्दी के नाथ योगी थे। गुरु गोरखनाथ जी ने पूरे भारत का भ्रमण किया और अनेकों ग्रन्थों की रचना की। गोरखनाथ जी...

वेदव्यास—खींवराज शर्मा

0
वेदव्यास---खींवराज शर्मा  ऋषि वेदव्यास महाभारत ग्रंथ के रचयिता थे। वेदव्यास महाभारत के रचयिता ही नहीं, बल्कि उन घटनाओं के साक्षी भी रहे हैं, जो क्रमानुसार घटित हुई हैं। अपने आश्रम से हस्तिनापुर...

मनुस्मृति—खींवराज शर्मा

0
मनुस्मृति---खींवराज शर्मा  भारतीय पंरपरा में मनुस्मृति को (जो मानव-धर्म-शास्त्र, मनुसंहिता आदि नामों से प्रसिद्ध है) प्राचीनतम स्मृति एवं प्रमाणभूत शास्त्र के रूप में मान्यता प्राप्त है। धर्मशास्त्रीय ग्रंथकारों के अतिरिक्त शंकराचार्य, शबरस्वामी...

प्रख्यात लेख

मेरी पसंदीदा रचनायें

error: Content is protected !!