>बृहस्पति और मंगल का महापरिवर्तन--2011@किस राशि पर क्या होगा प्रभाव!????बृहस्पति ग्रह का शुक्रवार से अस्त हो जाने के कारण इसका प्रभाव सभी राशियों पर पड़ेगा। मंगल कुंभ से मीन राशि में प्रवेश कर चुका है। 21 अप्रैल 2011 तक सभी शुभ कार्यों पर रोक लगेगी। इस संबंध में ज्योतिषाचार्य पं. जीएम हिंगे के अनुसार सभी राशियों पर इसका विशेष...
>कार्यस्थल की शुभता हेतु :----1. कार्यस्थल का ब्रह्म स्थान (केन्द्र स्थान) हमेशा खाली रखना चाहिए. ब्रह्म स्थान में कोई खंबा, स्तंभ, कील आदि नहीं लगाना चाहिए.2. कार्यस्थल पर यदि प्रतीक्षा स्थल बनाना हो, तो सदैव वायव्य कोणे में ही बनाना चाहिए.3. अपनी पीठ के पीछे कोई खुली खिडकी अथवा दरवाजा नहीं होना चाहिए.4. विद्युत का सामान, मोटर, स्विच, जैनरेटर,...
>रामचरितमानस के चमत्कारिक मंत्र---जन सामान्य की पीड़ा निवारण में रामचरित मानस और हनुमान चालीसा की चौपाइयां और दोहे जातक की कुंडली में व्याप्त ग्रह दोष और पीड़ा निवारण में सहायक हो सकते हैं। इन्हें सुगमता से समझा जा सकता है और श्रद्धापूर्वक पारायण करने से लाभ मिल जाता है। मानस की चौपाइयों में मंत्र तुल्य शक्तियां विद्यमान हैं। इनका...
>नव-संवत्सर की शुरुआत--हिंदू नववर्ष को जानें :::----जैसे ईसा (अंग्रेजी), चीन या अरब का कैलेंडर है उसी तरह राजा विक्रमादित्य के काल में भारतीय वैज्ञानिकों ने इन सबसे पहले ही भारतीय कैलेंडर विकसित किया था। इस कैलेंडर की शुरुआत हिंदू पंचांग के अनुसार चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से मानी जाती है।मार्च माह से ही दुनियाभर में पुराने...
>लाभकारी वास्तु टोटके------1 भवन के उत्तर में द्वार व खिड़कियाँ रखना से धनागमन होता है।2 भूखण्ड के उत्तर पूर्व में अण्डरग्राउण्ड पानी का टैंक रखने से स्थिर व्यवसाय एवं लक्ष्मी का वास होता है।3 उत्तर पूर्व के अण्डरग्राउण्ड टैंक से रोजाना पानी निकाल कर पेड़ पौधे सीचने से धन वृद्धि...
>धन समृधि के अचूक टोटके----1 यदि आप व्यवसायी हैं, पुराने उद्योग के चलते नया उद्योग आरम्भ कर रहे हों तो अपने पुराने कारखाने से कोई भी लोहे की वास्तु ला कर अपने नए उद्योग स्थल में रख दें। जिस स्थान पर इस को रखेंगे वहां पर स्वस्तिक बनाएं और वहां पर थोड़े से काले उडद रखें उसके ऊपर...
>किसी मन्त्र जाप,उपासना अथवा कर्मकांड इत्यादि का हमे सही लाभ क्यों नहीं प्राप्त होता ?ऎसी स्थिति स्वभावत: किसी के भी मन को असमंजस में डाल देती है कि मन्त्र-तन्त्र, कर्मकांड,भक्ति,पूजा-उपासना इत्यादि की एक जैसी ही प्रक्रिया का अवलम्बन करने पर भी एक व्यक्ति को तो लाभ हो जाता है, जब कि दूसरे किसी अन्य को कोई सफलता नहीं मिलती,...
>वास्तु के कुछ महत्वपूर्ण तथ्य एवं बिना तोडफोड के दोष निवारण----आज के जमाने में वास्तु शास्त्र के आधार पर स्वयं भवन का निर्माण करना बेशक आसान व सरल लगता हो, लेकिन पूर्व निर्मित भवन में बिना किसी तोड फोड किए वास्तु सिद्धान्तों को लागू करना जहाँ बेहद मुश्किल हैं, वहाँ वह प्रयोगात्मक भी नहीं लगता. अब व्यक्ति सोचता है...
>क्यों हैं गणपति अग्र पूज्य ? प्राचीन समय का प्रत्येक शास्त्र,प्रत्येक मन्त्र,विश्वास,ग्रन्थ या महावाक्य किसलिए महत्वपूर्ण है ओर किस तत्व को पाकर वह शक्तिशाली बना है? इस प्रश्न का उत्तर यही है कि उस शास्त्र,ग्रन्थ या विश्वास की अन्त:कुक्षी में सत्य का कोई न कोई बीज मन्त्र छिपा है.ये समूचा संसार वृ्क्ष सत्य का ही दूसरा रूप है,जिसके प्रत्येक...
>विवाह पूर्व जन्मकुंडली मिलान...(चन्द आवश्यक बातें)---भावी दम्पति का वैवाहिक जीवन वैचारेक्य, सुख समृ्द्धि एवं वंशवृ्द्धि से परिपूर्ण हो. इसके लिए हिन्दु वैवाहिक परम्परा एवं मान्यता के अनुसार वर-कन्या की जन्मकुंडली का सम्यक मिलान किया जाता है. जिसके आधार पर यह निर्धारित तथा सुनिश्चित किया जाता है कि विवाहोपरांत दम्पति के मध्य मैत्री, सामंजस्य तथा सुख-समृ्द्धि की कैसी स्थिति रहेगी....