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>जुरि चली हें बधावन नंद महर घर सुंदर ब्रज की बाला। कंचन थार हार चंचल छबि कही न परत तिहिं काला॥ डरडहे मुख कुमकुम रंग रंजित , राजत रस के एना। कंचन पर खेलत मानो खंजन अंजन युत बन नैना॥ दमकत कंठ पदक मणि कुंडल, नवल प्रेम रंग बोरी। आतुर गति मानो चंद उदय भयो, धावत तृषित चकोरी॥ खसि...
>हर एक पल बेखबर है इश्क की परछाइयों से,गैर की गलियां झूम रही मेरे हीं शहनाईयों से,अब मुड़ कर कभी ना देखना,कि दामन मेरा कैसे भींज रहा आँसुओ की विदाईयों से, ना कभी मिलने की एक और कसम खा लें हम,ये हम नहीं हमारे दिल कह रहे हैं,देखो तो कितने खुश है सभी,जहाँ फूटती थी चिंगारियाँ वहाँ फूल खिल...
>"ख्वाब" ख्वाब ही हैं जो जिंदगी को जीना सिखा देते हैं,ख्वाब ही हैं जो मौत से भी लड़ना सिखा देते हैं,आप तो बस टूटे हुए ख्वाबों की बात करते होहम टूटे ख्वाब को भी,ख्वाब मे मुकम्मल बना देते हैं.हम ख्वाब देखते हैं,मगर हकीकत मे जिया करते हैं. ख्वाब को मंजिल नहीं रास्ता कहा करते हैंआप तो ख्वाब देखकर ही...
>इस पल से उस पल तक तुमको ही चाहेंगेकहता है जो कुछ दिल उसको ही मानेंगेइसपल से उस पल तक तुमको ही चाहेंगे चाहे दो कोई भी सज़ा हम तुम्हारेही रहेंगेचाहे हो कोई ख़फ़ा हम तुम्हें अपना मानेंगेयह दूरियाँअपनेदिलों के दरम्याँ न रखेंगे सच कहती हैं आँखें जब तुमको देखती हैंराज़दिल के खोलती हैं, इशारों में बोलती हैं इस...
>Brahma Muraari Suraarchita LingamNirmala Bhashita Shobhita LingamJanmaja Dukha Vinaashaka LingamTat Pranamaami Sadaa Shiva Lingam Devamuni Pravaraarchita LingamKaamadaham Karunaakara LingamRaavana Darpa Vinaashaka LingamTat Pranamaami Sada Shiva Lingam Sarva Sugandha Sulepitha LingamBuddhi Vivardhana Kaarana LingamSiddha Suraasura Vanditha LingamTat Pranamaami Sadaa Shiva Lingam Kanaka Mahaamani Bhushitha LingamPhanipathi Veshtitha Shobhitha LingamDaksha Suyajna Vinaashaka LingamTat Pranamaami Sadaa Shiva Lingam Kumkuma Chandana Lepitha LingamPankaja Haara...
>धनतेरस के शुभ मुर्हूत में ऐसे होंगी लक्ष्मी प्रसन्न:-भारतीय संस्कृति और धर्म में शंख का बड़ा महत्व है। विष्णु के चार आयुधो में शंख को भी एक स्थान मिला है। मन्दिरों में आरती के समय शंखध्वनि का विधान है। हर पुजा में शंख का महत्व है। यूं तो शंख की किसी भी शुभ मूहूर्त में पूजा की जा सकती...
>कार्तिक मास के कृष्णपक्ष की त्रयोदशी को धनतेरस का पर्व मनाया जाता है। इस दिन मृत्यु के देवता यमराज व भगवान विष्णु के अंशावतार धन्वन्तरि का पूजन किए जाने का विधान है। धनतेरस पर भगवान यमराज के निमित्त व्रत भी रखा जाता है। पूजन विधि- इस दिन सायंकाल घर के बाहर मुख्य दरवाजे पर एक पात्र में अन्न...
>धरती धोरां री !आ तो सुरगां नै सरमावै,ईं पर देव रमण नै आवै,ईं रो जस नर नारी गावै,धरती धोरां री !सूरज कण कण नै चमकावै,चन्दो इमरत रस बरसावै,तारा निछरावल कर ज्यावै,धरती धोरां री !काळा बादलिया घहरावै,बिरखा घूघरिया घमकावै,बिजली डरती ओला खावै,धरती धोरां री !लुळ लुळ बाजरियो लैरावै,मक्की झालो दे’र बुलावै,कुदरत दोन्यूं हाथ लुटावै,धरती धोरां री !पंछी मधरा मधरा बोलै,मिसरी...

>होगी ?????

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>दिन हुआ है तो रात भी होगी,हो मत उदास कभी तो बात भी होगी,इतने प्यार से दोस्ती की है खुदा कीकसमजिंदगी रही तो मुलाकात भी होगी. कोशिश कीजिए हमें याद करने कीलम्हे तो अपने आप ही मिल जायेंगेतमन्ना कीजिए हमें मिलने की बहानेतो अपने आप ही मिल जायेंगे . महक दोस्ती की इश्क से कम नहीं होतीइश्क से ज़िन्दगी...
>खूबसूरत है वो मुस्कान जो दूसरों की खुशी देख कर खिल जाए, खूबसूरत है वो दिल जो किसी के दुख मे शामिल हो जाए, खूबसूरत है वो जज़बात जो दूसरो की भावनाओं को समज जाए, खूबसूरत है वो एहसास जिस मे प्यार की मिठास हो जाए, खूबसूरत है वो बातें जिनमे शामिल हों दोस्ती और प्यार की किस्से, कहानियाँ,...

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