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>ग्रहों के अशुभ फल--- प्रत्येक जातक की कुंडली में अशुभ ग्रहों की स्थिति अलग-अलग रहती है, परंतु कुछ कर्मों के आधार पर भी ग्रह आपको अशुभ फल देते हैं। व्यक्ति के कर्म-कुकर्म के द्वारा किस प्रकार नवग्रह के अशुभ फल प्राप्त होते हैं, आइए जानते हैं : चंद्र : सम्मानजनक स्त्रियों को कष्ट देने जैसे, माता, नानी,...
>वस्तुओं में फेरबदल कर वास्तु दोष समाप्त करें---वास्तु शास्त्र इसके रचयिता विश्वकर्माजी की मानव को अभूतपूर्व देन है। ज्योतिष विज्ञान के अंतर्गत वास्तु का एक महत्वपूर्ण स्थान है। किसी भी भवन का निर्माण करते समय उसे वास्तुनुकूल बनाना आवश्यक है क्योंकि घर में सुख, शांति एवं समृद्धि इसी पर आधारित है। वास्तु दोष होने पर भवन में कई प्रकार...
>सर्वग्रह शांति के लिए करें गणेश आराधना---- गजाननजी को ज्योतिष शास्त्र में बुध ग्रह से संबद्ध किया जाता है। इनकी उपासना नवग्रहों की शांतिकारक व व्यक्ति के सांसारिक-आध्यात्मिक दोनों तरह के लाभ की प्रदायक है। अथर्वशीर्ष में इन्हें सूर्य व चंद्रमा के रूप में संबोधित किया है। सूर्य से अधिक तेजस्वी प्रथम वंदनदेव हैं। इनकी रश्मि चंद्रमा...
>ईशान कटा होना दुर्भाग्य सूचक--- आपके घर के वास्तु में ईशान कोण का बहुत महत्व है, ईशान कोण उत्तर कोने को माना गया है। इस स्थान को वास्तु शास्त्र में भगवान की दिशा माना गया है। जैसा कि शब्द से ही स्पष्ट है कि यह स्थान ईश्वर का स्थान है। और यही कारण है कि यदि यह भाग...
>लग्न में जब गुरु हो --कई मायनों में महत्वपूर्ण है बृहस्पति--- लग्न का बृहस्पति कई मायनों में महत्वपूर्ण माना जाता है। लग्न का बृहस्पति जातक को विद्या पि‍पासु बना देता है। हर तरह से ज्ञान अर्जन करने की इच्छा इनमें रहती है। हर बृहस्पति व्यक्ति को अच्छे स्वभाव का मालिक भी बनाता है। लग्न में बृहस्पति होने पर व्यक्ति...
>गुरु-चन्द्रमा मिलकर बनाते हैं गजकेसरी योग-- शुभ स्थिति में कारक ग्रह देते हैं उत्तम फल--जब जन्मांग में गुरु एवं चन्द्रमा एक-दूसरे से केन्द्र में होते हैं तो गजकेसरी योग बनता है। यह एक अत्यन्त ही उत्तम योग है। विभिन्न ज्योतिषाचार्यों ने इसकी भूरि-भूरि प्रशंसा की है। गजकेसरी योग में उत्पन्न जातक शत्रुहन्ता, वाकपटु, राजसी सुख एवं गुणों से...
>दक्षिणमुखी भवन और वास्तु--- वास्तुशास्त्र के बारे में जानकारी रखने वाले लोगों के दिलोदिमाग में भी यह बात गहराई तक समाई हुई है कि दक्षिणमुखी मकान में निवास करके कभी सुखी नहीं रह सकते हैं। इस भय के कारण भारत में कई दक्षिणमुखी प्लॉट लंबे समय तक खाली पड़े रहते हैं और बेचने वाले को प्लॉट की कीमत...
>शुभ फलदायक बुधादित्य योग--फलदायक है बुध-सूर्य युति----- बुध व्यावहारिकता व ज्ञान को दर्शाता है और सूर्य तेज का कारक है। गोचर में सूर्य-बुध साथ-साथ या आगे पीछे ही होते हैं। यदि यह युति शुभ भावों में हो तो व्यक्ति को व्यावहारिक वृत्ति का बनाती है। ऐसे व्यक्ति अपना काम निकालने में चतुर होते हैं, वाकपटु भी होते हैं। इनकी...
>ईशान में बना शौचालय हानिकारक-- सकारात्मक ऊर्जा क्षेत्र में न बनाएँ शौचालय----शौचालय बनाते वक्त काफी सावधानी रखना चाहिए, नहीं तो ये हमारी सकारात्मक ऊर्जा को नष्ट कर देते हैं और हमारे जीवन में शुभता की कमी आने से मन अशांत महसूस करता है। इसमें आर्थिक बाधा का होना, उन्नति में रुकावट आना, घर में रोग घेरे रहना जैसी...
>कर्ज चुकाने के आसान उपाय--वास्तु में फेरबदल कर पाएँ कर्ज से मुक्ति---कर्ज चुकाने की स्थिति आदमी को अत्यंत दुविधा में डाल देती है। आदमी के मन में रात-दिन सिर्फ उसे चुकाने के लिए मानसिक उद्वेग बने रहते हैं। कुछ परिस्थितियों के कारण कर्ज लेने की स्थिति बन जाती है। न चाहते हुए भी कर्ज खत्म होने का नाम नहीं...

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