श्री विष्णु सहस्त्रनामस्तोत्र----
ध्यान----
शान्ताकारं भुजगशयनं पद्मनाभं सुरेशं
विश्वाधारं गगनसदृशं मेघवर्णं शुभाङ्गम् ।
लक्ष्मीकान्तं कमलनयनं योगिभिर्ध्यानगम्यं
वन्दे विष्णुं भवभयहरं सर्वलोकैकनाथम् ॥
सशङ्खचक्रं सकिरीटकुण्डलं सपीतवस्त्रं सरसीरुहेक्षणम् ।
सहारवक्षः स्थलकौस्तुभश्रियं नमामि विष्णुं शिरसा चतुर्भुजम् ॥
स्तोत्र
यस्य स्मरणमात्रेण जन्मसंसारबन्धनात् ।
विमुच्यते नमस्तस्मै विष्णवे प्रभविष्णवे ॥
नमः समस्तभुतानामादिभुताय भूभृते ।
अनेकरूपरूपाय विष्णवे प्रभविष्णवे ॥
वैशम्पायन उवाच
श्रुत्वा धर्मानशेषेण पावनानि च सर्वशः ।
युधिष्ठिरः शान्तनवं पुनरेवाभ्यभाषत ॥ १ ॥
युधिष्ठिर उवाच
किमेकं दैवतं लोके किं वाप्येकं परायणम् ॥ ९...
पति पत्नी के सुखी जीवन के लिये वास्तु की उपयोगिता---
आज के भौतिक संसार में मनुष्य अध्यात्म को छोड़कर भौतिक सुखों के पीछे भाग रहा है। समय के अभाव ने उसे रिश्तों के प्रति उदासीन बना दिया है। किंतु आज भी मनुष्य अपने घर में संसार के सारे सुखों को भोगना चाहता है। इसके लिए हमें वैवाहिक जीवन को वास्तु...
श्रीगणेश वन्दना---
Om Gan Ganptye Namah:---
“Shri Ganesh ka Naam Liya to Badha Fatak nahi pati hai, Devon Ka vardan Barasta, Budhdhi vimal ban jati hai.”
Praying Lord Ganesha makes a human free from all problems and obstacles. He is marked by intelligence, sharpness and wisdom as he is blessed by other divinity powers. All our works starts with remembering to Lord...
अपना घर बनाने का योग---
घर भी रोटी और कपडा की तरह से जरूरी है,मनुष्य अपने लिये रहने और व्यापार आदि के लिये घर बनाता है,पक्षी अपने लिये प्रकृति से अपनी बुद्धि के अनुसार घोंसला बनाते है,जानवर अपने निवास के लिये गुफ़ा और मांद का निर्माण करते है। जलचर अपने लिये जल में हवा मे रहने वाले वृक्ष आदि पर...
वास्तु पुजन.......
नवीन घर का प्रवेश उत्तरायण सूर्य में वास्तु पुजन करके ही करना चाहीये | उसके पहले वास्तु का जप यथाशक्ती करा लेना चाहिये | शास्त्रानुसार गृह प्रवेश में माघ ,फाल्गुन ,वैशाख, ज्येष्ठ , आदि मास शुभ बताये गये है | माघ महीने में प्रवेश करने वाले को धन...
आज के मुहूर्त --शनिवार, 2 अप्रैल 2011---
शुभ विक्रम संवत- 2067, शालिवाहन शक संवत- 1932,
संवत्सर का नाम- शोभन, अयन- उत्तरायन, ऋतु- वसंत,
मास- चैत्र, पक्ष- कृष्ण, तिथि- चर्तुदशी सायं 05.35 पश्चात अमावस्या,
हिजरी सन्- 1432, मु. मास- रबिलाखर, तारीख- 27,
नक्षत्र- पूर्वाभाद्रपद प्रात: 11.24 पश्चात उत्तराभाद्रपद,
योग- शुक्ल प्रात: 8.40 पश्चात ब्रह्मा, सूर्योदयकालीन करण- चतुष्पाद,
चन्द्रमा- मीन राशि में दिवसपर्यंत रहेंगे। ग्रह योग-...
कुछ मुहूर्त हमेशा शुभ होते हैं ---
जानिए स्वयं सिद्ध मुहूर्त----
हम यूँ तो किसी भी काम को करने से पहले मुहूर्त देखते हैं लेकिन कुछ मुहूर्त ऐसे होते हैं जो हमेशा शुभ ही होते हैं। नीचे दिए गए मुहूर्त स्वयं सिद्ध माने गए हैं जिनमें पंचांग की शुद्धि देखने की आवश्यकता नहीं है-
1 चैत्र शुक्ल प्रतिपदा
2 वैशाख...
Chaughadia Muhurats---
In Vedic Astrology, Chaughadia Muhurtas are a quick and effective method to find out the intraday auspicious times to start a new venture / project or begin an important / auspicious work. These muhurtas are extensively used in Guajrat and other western states of India. In this method, 24 hours of...
Indian/Vedic Astrology: Basic Information & Learning Material for Beginners----
Indian astrology also known as vedic astrology or Hindu astrology enjoys a wide popularity and prestige in the world. Its mathematical accuracy and predictions systems are simply marvellous. The following information in the form of tables will be of immense help to students of vedic astrology.
There are seven real planets and...
Quick Vaastu Tips----
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