जीवन-यात्रा

जीवन शेली,आध्यात्म,ज्योतिष,वास्तु,हस्तरेखा,लालकिताब,राशिफल,मुहूर्त,त्यौहार,कविता,

>दिऩांक प्रमुख त्योहार अन्य त्योहार हिंदी माह पक्ष तिथि1 मार्च फाल्गुन कृष्ण द्वादशी (12)2 मार्च महाशिवरात्री व्रत प्रदोष व्रत फाल्गुन कृष्ण त्रयोदशी (13)3 मार्च महाशिवरात्री व्रत (मतांतर से) पंचक प्रारंभ ( दिन 10.7 से), बैद्यनाथ ज. फाल्गुन कृष्ण चतुर्दशी (14)4 मार्च अमावस्या फाल्गुन कृष्ण अमावस्या (155 मार्च फाल्गुन शुक्ल एकम (1)6 मार्च फुलोरा दोज, चंद्रदर्शन परमहंस ज. फाल्गुन शुक्ल...
>अंक के अनुसार जानिए किस COLOR की DRESS है आपके लिए LUCKY!----------ज्योतिष के अनुसार अंको और रंगो का गहरा संबंध है। अगर आप अपने लकी नंबर के अनुसार कपड़े पहनेंगे तो बिजनेस, नौकरी, पढ़ाई में सफलता तो मिलेगी साथ ही प्रेम संबंध लंबे समय तक बने रहेंगे।अंक- 1 एक अंक सूर्य का अंक माना गया है इसलिए आप सूर्य...
>निम्न उपाय करें होली के दिन-----यदि पुत्री की इच्छा हो तो ॠतुकाल की 5, 7, 9 या 15वीं रात्रि में से किसी एक रात्रि का शुभ मुहूर्त पसंद करना चाहिए कृष्णपक्ष के दिनों में गर्भ रहे तो पुत्र व शुक्लपक्ष में गर्भ रहे तो पुत्री पैदा होती है=============================================मुकदमा जीतने के लिये - होली की आग लाकर उसके कोयले से...
>लग्न से जानिए शरीर के रोग-रखें सावधानी और परहेज----- जन्मकुंडली का छठा (6) और ग्यारहवाँ (11) भाव रोग के भाव माने जाते है यानि इन भावों से हमें होने वाले रोगों की संभावित जानकारी मिल सकती है। यदि इन भाव के स्वामी अच्छी स्थिति में हो तो रोग का निदान हो जाता है या रोग...
>वास्तु दिलाएगा एक्जाम में सफलता--- कभी आपने सोचा है बच्चे की पढ़ाई का संबंध घर की संरचना से भी हो सकता है। विद्यार्थी किस दिशा में और कैसे बैठकर पढ़ रहा है इसका भी प्रभाव उसकी पढ़ाई पर पड़ सकता है। आप समझ ही गए होंगे कि हम बात कर रहे हैं वास्तुशास्त्र की।...
>किस ग्रह से कौन-सी बीमारी::::---मनुष्य के मन, मस्तिष्क और शरीर पर मौसम, ग्रह और नक्षत्रों का प्रभाव लगातार रहता है। कुछ लोग इन प्रभाव से बच जाते हैं तो कुछ इनकी चपेट में आ जाते हैं। बचने वाले लोगों की सुदृढ़ मानसिक स्थिति और प्रतिरोधक क्षमता का योगदान रहता है। लाल किताब अनुसार हम जानते हैं कि किस ग्रह...
>जब हो दो ग्रह एक साथ -दो ग्रहों का साथ और बीमारियाँ----प्रत्येक व्यक्ति की कुंडली में ग्रहों की स्थितियाँ अलग-अलग होती है। यदि कुंडली के किसी खाने में दो ग्रह एक साथ हैं तो उनसे कई बीमारियाँ हो सकती है। प्रस्तुत है उनकी सामान्य जानकारी। कुंडली के किसी भी खाने में दो ग्रह साथ होने पर उनसे होने वाली...
>मंगल क्रूर नहीं कल्याणकारी है--मंगल को कैसे अनुकूल बनाएँकोई भी व्यक्ति चाहे वह लड़की हो या लड़का, सबसे पहले आँखों के माध्यम से फीजिकल ब्यूटी की ओर एट्रैक्ट होता है। उसके बाद म्युचअल अंडरस्टैंडिंग यानी कि वैचारिक समानता और फिर सहन-सहन की समानता। परंतु क्या शादी के बंधन के लिए मात्र सुंदर शरीर और वैचारिक या रहन-सहन की समानता...
>जब कुंडली में हो मंगल दोष--मंगली दोष कैसे करें दूर?यदि प्रथम, चतुर्थ, सप्तम, अष्ठम व द्वादश भावों में कहीं भी मंगल हो तो उसे मंगल दोष कहा जाता है लेकिन उन दोषों के बावजूद अगर अन्य ग्रहों की स्थिति, दृष्टि या युति निम्नलिखित प्रकार से हो, तो मंगल दोष खुद ही प्रभावहीन हो जाता है :- * यदि मंगल...
>सप्तम पर ग्रहों की दृष्टि-(शनि, राहु-केतु का दृष्टि फल)::--##शनि यदि पंचम में रहकर सप्तम को देखता हो तो जातक विवेकी, गंभीर और शांत होता है। इनकी अध्यात्म, रिसर्च और तंत्र-मंत्र में रूचि रहती है। यह शनि भाइयों के लिए शुभ नहीं है, जीवनसाथी से भी मतभेद बनाए रखता है। साथी या तो कम पढ़ा-लिखा या कम स्तर का होता...

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