>ग्रहों के विशिष्ट योग----कुंडली में ग्रहों की स्थिति के अनुरूप मनीषियों ने इन्हें विशिष्ट योगों के नाम दिए हैं। 1. युति : दो ग्रह एक ही राशि में एक सी डिग्री के हों तो युति कहलाती है। अशुभ ग्रहों की युति अशुभ फल व शुभ ग्रहों की युति शुभ फल देती है। अशुभ व शुभ ग्रह की युति भी...
>लाल किताब के सिद्ध टोटके----नानक दुखिया सब संसार ! आज संसार में हर आदमी दुखी है ! चाहे अमीर हो या गरीब, बडा हो या छोटा ! हर इंसान को कोई न कोई परेशानी लगी रहती है ! ज्योतिष में इसके लिए कई उपाय सुझाए गए हैं ! जिनको विधि पूर्वक करके हम लाभ उठा सकते हैं !लाल किताब...
>एस्ट्रो से जानें विवाह के योग--जन्म कुंडली से करें ग्रह-दोष निवारण:::---आजकल लड़के-लड़कियाँ उच्च शिक्षा या अच्छा करियर बनाने के चक्कर में बड़ी उम्र के हो जाने पर विवाह में काफी विलंब हो जाता है। उनके माता-पिता भी असुरक्षा की भावनावश बच्चों के अच्छे खाने-कमाने और आत्मनिर्भर होने तक विवाह न करने पर सहमत हो जाने से भी विवाह में...
>बृहस्पति और मंगल का महापरिवर्तन--2011@किस राशि पर क्या होगा प्रभाव!????बृहस्पति ग्रह का शुक्रवार से अस्त हो जाने के कारण इसका प्रभाव सभी राशियों पर पड़ेगा। मंगल कुंभ से मीन राशि में प्रवेश कर चुका है। 21 अप्रैल 2011 तक सभी शुभ कार्यों पर रोक लगेगी। इस संबंध में ज्योतिषाचार्य पं. जीएम हिंगे के अनुसार सभी राशियों पर इसका विशेष...
>कार्यस्थल की शुभता हेतु :----1. कार्यस्थल का ब्रह्म स्थान (केन्द्र स्थान) हमेशा खाली रखना चाहिए. ब्रह्म स्थान में कोई खंबा, स्तंभ, कील आदि नहीं लगाना चाहिए.2. कार्यस्थल पर यदि प्रतीक्षा स्थल बनाना हो, तो सदैव वायव्य कोणे में ही बनाना चाहिए.3. अपनी पीठ के पीछे कोई खुली खिडकी अथवा दरवाजा नहीं होना चाहिए.4. विद्युत का सामान, मोटर, स्विच, जैनरेटर,...
>रामचरितमानस के चमत्कारिक मंत्र---जन सामान्य की पीड़ा निवारण में रामचरित मानस और हनुमान चालीसा की चौपाइयां और दोहे जातक की कुंडली में व्याप्त ग्रह दोष और पीड़ा निवारण में सहायक हो सकते हैं। इन्हें सुगमता से समझा जा सकता है और श्रद्धापूर्वक पारायण करने से लाभ मिल जाता है। मानस की चौपाइयों में मंत्र तुल्य शक्तियां विद्यमान हैं। इनका...
>नव-संवत्सर की शुरुआत--हिंदू नववर्ष को जानें :::----जैसे ईसा (अंग्रेजी), चीन या अरब का कैलेंडर है उसी तरह राजा विक्रमादित्य के काल में भारतीय वैज्ञानिकों ने इन सबसे पहले ही भारतीय कैलेंडर विकसित किया था। इस कैलेंडर की शुरुआत हिंदू पंचांग के अनुसार चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से मानी जाती है।मार्च माह से ही दुनियाभर में पुराने...
>लाभकारी वास्तु टोटके------1 भवन के उत्तर में द्वार व खिड़कियाँ रखना से धनागमन होता है।2 भूखण्ड के उत्तर पूर्व में अण्डरग्राउण्ड पानी का टैंक रखने से स्थिर व्यवसाय एवं लक्ष्मी का वास होता है।3 उत्तर पूर्व के अण्डरग्राउण्ड टैंक से रोजाना पानी निकाल कर पेड़ पौधे सीचने से धन वृद्धि...
>धन समृधि के अचूक टोटके----1 यदि आप व्यवसायी हैं, पुराने उद्योग के चलते नया उद्योग आरम्भ कर रहे हों तो अपने पुराने कारखाने से कोई भी लोहे की वास्तु ला कर अपने नए उद्योग स्थल में रख दें। जिस स्थान पर इस को रखेंगे वहां पर स्वस्तिक बनाएं और वहां पर थोड़े से काले उडद रखें उसके ऊपर...
जीवन-यात्रा
>किसी मन्त्र जाप,उपासना अथवा कर्मकांड इत्यादि का हमे सही लाभ क्यों नहीं प्राप्त होता ?
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>किसी मन्त्र जाप,उपासना अथवा कर्मकांड इत्यादि का हमे सही लाभ क्यों नहीं प्राप्त होता ?ऎसी स्थिति स्वभावत: किसी के भी मन को असमंजस में डाल देती है कि मन्त्र-तन्त्र, कर्मकांड,भक्ति,पूजा-उपासना इत्यादि की एक जैसी ही प्रक्रिया का अवलम्बन करने पर भी एक व्यक्ति को तो लाभ हो जाता है, जब कि दूसरे किसी अन्य को कोई सफलता नहीं मिलती,...