जीवन-यात्रा

जीवन शेली,आध्यात्म,ज्योतिष,वास्तु,हस्तरेखा,लालकिताब,राशिफल,मुहूर्त,त्यौहार,कविता,

>ईशान कटा होना दुर्भाग्य सूचक--- आपके घर के वास्तु में ईशान कोण का बहुत महत्व है, ईशान कोण उत्तर कोने को माना गया है। इस स्थान को वास्तु शास्त्र में भगवान की दिशा माना गया है। जैसा कि शब्द से ही स्पष्ट है कि यह स्थान ईश्वर का स्थान है। और यही कारण है कि यदि यह भाग...
>लग्न में जब गुरु हो --कई मायनों में महत्वपूर्ण है बृहस्पति--- लग्न का बृहस्पति कई मायनों में महत्वपूर्ण माना जाता है। लग्न का बृहस्पति जातक को विद्या पि‍पासु बना देता है। हर तरह से ज्ञान अर्जन करने की इच्छा इनमें रहती है। हर बृहस्पति व्यक्ति को अच्छे स्वभाव का मालिक भी बनाता है। लग्न में बृहस्पति होने पर व्यक्ति...
>गुरु-चन्द्रमा मिलकर बनाते हैं गजकेसरी योग-- शुभ स्थिति में कारक ग्रह देते हैं उत्तम फल--जब जन्मांग में गुरु एवं चन्द्रमा एक-दूसरे से केन्द्र में होते हैं तो गजकेसरी योग बनता है। यह एक अत्यन्त ही उत्तम योग है। विभिन्न ज्योतिषाचार्यों ने इसकी भूरि-भूरि प्रशंसा की है। गजकेसरी योग में उत्पन्न जातक शत्रुहन्ता, वाकपटु, राजसी सुख एवं गुणों से...
>दक्षिणमुखी भवन और वास्तु--- वास्तुशास्त्र के बारे में जानकारी रखने वाले लोगों के दिलोदिमाग में भी यह बात गहराई तक समाई हुई है कि दक्षिणमुखी मकान में निवास करके कभी सुखी नहीं रह सकते हैं। इस भय के कारण भारत में कई दक्षिणमुखी प्लॉट लंबे समय तक खाली पड़े रहते हैं और बेचने वाले को प्लॉट की कीमत...
>शुभ फलदायक बुधादित्य योग--फलदायक है बुध-सूर्य युति----- बुध व्यावहारिकता व ज्ञान को दर्शाता है और सूर्य तेज का कारक है। गोचर में सूर्य-बुध साथ-साथ या आगे पीछे ही होते हैं। यदि यह युति शुभ भावों में हो तो व्यक्ति को व्यावहारिक वृत्ति का बनाती है। ऐसे व्यक्ति अपना काम निकालने में चतुर होते हैं, वाकपटु भी होते हैं। इनकी...
>ईशान में बना शौचालय हानिकारक-- सकारात्मक ऊर्जा क्षेत्र में न बनाएँ शौचालय----शौचालय बनाते वक्त काफी सावधानी रखना चाहिए, नहीं तो ये हमारी सकारात्मक ऊर्जा को नष्ट कर देते हैं और हमारे जीवन में शुभता की कमी आने से मन अशांत महसूस करता है। इसमें आर्थिक बाधा का होना, उन्नति में रुकावट आना, घर में रोग घेरे रहना जैसी...
>कर्ज चुकाने के आसान उपाय--वास्तु में फेरबदल कर पाएँ कर्ज से मुक्ति---कर्ज चुकाने की स्थिति आदमी को अत्यंत दुविधा में डाल देती है। आदमी के मन में रात-दिन सिर्फ उसे चुकाने के लिए मानसिक उद्वेग बने रहते हैं। कुछ परिस्थितियों के कारण कर्ज लेने की स्थिति बन जाती है। न चाहते हुए भी कर्ज खत्म होने का नाम नहीं...
>मंगल ही देता है शुभ फल... मंगल से मिलती है आर्थिक संपन्नता----एक तरफ मंगल जहाँ दाम्पत्य जीवन के लिए सबसे खराब ग्रह कहा गया है। तथा मांगलिक दोष के कारण वैवाहिक जीवन को तहस-नहस करने वाला कहा गया है वहीं पर यह मंगल आर्थिक सम्पन्नता एवं भूमि-भवन, वाहन आदि की समृद्धि को भी दर्शाता है। इसमें कोई संदेह...
>आग्नेय में स्थापित करें रसोईघर--- दक्षिण-पूर्व में रखें डाइनिंग टेबल---- रसोईघरः आग्नेय कोण में अथवा पूर्व व आग्नेय के मध्य या फिर पूर्व में रसोईघर स्थापित करें। आग्नेय कोण सर्वश्रेष्ठ है। अगर आपका खाना पकाना आग्नेय कोण में नहीं हो रहा हो, तो चूल्हा या गैस आग्नेय कोण में जरूर रखें। भोजन बनाने वाली का मुँह पूर्व दिशा...
>गणेश पूजन से शांत करें वास्तुदोष --- वास्तु पुरुष की प्रार्थना पर ब्रह्माजी ने वास्तुशास्त्र के नियमों की रचना की थी। इनकी अनदेखी करने पर उपयोगकर्ता की शारीरिक, मानसिक, आर्थिक हानि होना निश्चित रहता है। वास्तुदेवता की संतुष्टि गणेशजी की आराधना के बिना अकल्पनीय है। गणपतिजी का वंदन कर वास्तुदोषों को शांत किए जाने में किसी प्रकार का...

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