जीवन-यात्रा

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विवाह एवं वैवाहिक जीवन के विषय में ग्रहों की स्थिति काफी कुछ बताती है.सप्तम भाव को विवाह एवं जीवनसाथी का घर कहा जाता है.इस भाव एवं इस भाव के स्वामी के साथ ग्रहों की स्थिति के अनुसार व्यक्ति को शुभ और अशुभ फल मिलता है. शनि देव की भूमिका विवाह के विषय में क्या है आइये देखें. विवाह में सप्तम शनि...
वास्तु के प्राचीन शास्त्रों में उल्लेख किया गया है कि निर्माण के लिए भूमि का चयन करते समय मिट्टी के स्वरूप की परख अवश्य की जाए। अन्य पहलुओं के साथ-साथ वह भी महत्वपूर्ण कारक है। वास्तु में मिट्टी को उसके रंग, स्वाद और महक के आधार पर चार श्रेणियों में बांटा गया है- ब्राह्मण , क्षत्रिय , वैश्य व...
बृहस्पति और शुक्र दो ग्रह हैं जो पुरूष और स्त्री का प्रतिनिधित्व करते हैं.मुख्य रूप ये दो ग्रह वैवाहिक जीवन में सुख दु:ख, संयोग और वियोग का फल देते हैं. बृहस्पति और शुक्र दोनों ही शुभ ग्रह हैं .सप्तम भाव जीवन साथी का घर होता है .इस घर में इन दोनों ग्रहों की स्थिति एवं प्रभाव के अनुसार विवाह एवं...
मंगल उष्ण प्रकृति का ग्रह है.इसे पाप ग्रह माना जाता है.????----Astro Vastu-- विवाह और वैवाहिक जीवन में मंगल का अशुभ प्रभाव सबसे अधिक दिखाई देता है...????? मंगल दोष जिसे मंगली के नाम से जाना जाता है इसके कारण कई स्त्री और पुरूष आजीवन अविवाहित ही रह जाते हैं.इस दोष को गहराई से समझना आवश्यक है ताकि इसका भय दूर हो...
29 मार्च, 2011: मंगलवार, जब तक 8:22 Dasami कृष्णा, * 02:46 Sravanam तक, 6:11 * तक सिद्ध योग, जब तक 8:22 करण Vishti, जब तक 21:19 करण बावा, RahuK: 13:49 GulikaK: YamaG, 12:19: 15:19-16:49 - 9:19-10:49, 18:33 पर सूर्योदय पर 6:18 सूर्यास्त, *, * 03:49 Moonrise पर, 14:10 पर Moonset,) दिन में चंद्रमा मकर (पूरी) ---------------------------------------------------------------------------------------------- March 29, 2011: ...
वास्तुदोष और उसके परिणाम------------- दक्षिण नैॠत्य द्वार - घर की स्त्री को हानि उत्तर- ईशान का द्वार - पूर्ण सुख व उन्नति का आधार पश्चिम का द्वार - सुख व कुशलता का द्वार पूर्व का द्वार -शुभता की मुख्य भेंट उत्तर में द्वार बनायो - सुख को भी मार्ग दिखाओ पूर्व की ऊँची दीवार - स्वास्थ्य सदा रहे खराब पश्चिम में टेडी दीवार - अनिष्ट की...
राहु का चमत्कार---- भारत ही वह देश है जहाँ सर्प को देखकर हाथ जो़डे जाते हैं। देवता के रूप में उसकी प्रतिष्ठा की जाती है, जिसका प्रमाण नागपंचमी का पर्व है। नींव पूजन के समय चाँदी का नाग-नागिन का जो़डा स्थापित कर घर के स्थायित्व की कामना की जाती है। इस विश्वास का आधार यह माना जाता है कि यह...
मां शैलपुत्री की पूजा के साथ नवरात्र शुरु---- नवरात्र की शुरुआत हो गई है और देश भर के मंदिरों में तैयारियां शुरु हो गई हैं.. मां शैलपुत्री की पूजा के साथ इन पावन नवरात्रों की शुरुआत हो रही है... नवरात्र के हर दिवस का एक विशेष महत्व है। माता के नवरात्रों में ऐसे विशेष योग बनते हैं जिससे सभी...
श्राद्ध के विविध स्वरूप------ मत्स्य पुराण में तीन प्रकार के श्राद्ध बतलाए गए है, जिन्हें नित्य, नैमित्तिक एवं काम्य के नाम से जाना जाता है। यमस्मृतिमें पांच प्रकार के श्राद्धों का वर्णन मिलता है। जिन्हें नित्य, नैमित्तिक काम्य, वृद्धि और पार्वण के नाम से जाना जाता है।नित्य श्राद्ध- नित्य का अर्थ प्रतिदिन। अर्थात् रोज-रोज किए जानें वाले श्राद्ध को नित्यश्राद्ध...
तिल बताएं भविष्य... व्यक्ति के चेहरे पर किसी भी प्रकार के घाव आदि के चिन्ह या दाग, धब्बा आदि उसके सौंदर्य का नाश करते हैं, भले ही व्यक्ति के चेहरे का रंग गोरा अथवा सांवला हो। व्यक्ति के चेहरे पर तिल तो निश्चय ही सौंदर्यवर्धक हुआ करते हैं। तिल चेहरे की सुंदरता में चार चांद लगा देते हैं। ऐसी मान्यता...

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