सेहत के नुस्खे .-----
इन सर्दियों में यदि आप अपनी सेहत बनाने की सोच रहे हैं तो सबसे पहले पेट साफ करने की जरूरत है। पेट में कब्ज रहेगा तो कितने ही पौष्टिक पदार्थों का सेवन करें, लाभ नहीं होगा। भोजन समय पर तथा चबा-चबाकर खाना चाहिए, ताकि पाचन शक्ति ठीक बनी रहे, फिर पौष्टिक आहार या औषधि का सेवन...
JAY JAGANNATH
4TH SRI JAGANNTH ASIAN ASTROLOGERS CONFERENCE-2011
BHUBANESWAR, ODISHA, INDIA.
Respected Astro-Friends,
It is our pleasure to inform you that the 4TH SRI JAGANNATH ASIAN ASTROLOGERS’ CONFERENCE -2011 will be held on November, 2011 at Bhubaneswar, Odisha, India. The purpose of organising this conference is to highlight hidden truth of the various attributes of Astrology, Astronomy, Tantra, Vastu Sastra, Palmistry, Numerology, Yoga,...
नमस्कार और सोमवती अमवस्या की शुभकामनायें ---
मित्रो अभी में जयपुर में हूँ...
पता--भारतीय प्राच्य ज्योतिष शोध संसथान,
गोम डिफेन्स कालोनी, वाल्मीकि मार्ग,
वैशाली नगर, जयपुर-302021 (राजस्थान )....
-09024390067 / 09413103883 ;;;;
बीकानेर महोत्सव में भी जाना हे..मगर यहाँ से फुर्सत मिलेगी तो जा पाउँगा...
Pitar Dosha and its remedies.( पितृदोष और उसके उपाय)--Vijay Goel
मै यहां पर पितृदोष को दूर करने का एक बढिया उपाय बता रहा हूँ,यह एक बार की ही पूजा है,और यह पूजा किसी भी प्रकार के पितृदोष को दूर करती है।
सोमवती अमावस्या को (जिस अमावस्या को सोमवार हो) पास के पीपल के पेड के पास जाइये,उस पीपल के पेड को...
अक्षय तृतीया / Akshaya Tritiya----
वैशाखी शुक्ल 3 को अक्षय तृतीया (Akshaya Tritiya) कहते हैं। वृन्दावन में चरण दर्शन इसी दिन होते हैं। अक्षय तृतीया को सामान्यतया अखतीज के नाम से भी पुकारा जाता है। वैशाख मास में शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथी अक्षय तृतीया के नाम से लोक विख्यात है।
अक्षय का अर्थ है जो कभी भी ख़त्म नहीं होता।
हिन्दू...
सोमवती अमावस्या (02-04-2011)/ Somvati Amavasya--
जिस अमावस्या को सोमवार हो उसी दिन इस व्रत का विधान है। प्रत्येक मास एक अमावस्या आती है। और प्रत्येक सात दिन बाद एक सोमवार। परन्तु ऐसा बहुत ही कम होता है जब अमावस्या सोमवार के दिन हो। वर्ष में कई बार सोमवती अमावस्या आती रहती है।
यह स्नान, दान के लिए शुभ और सर्वश्रेष्ठ मानी...
।। श्री अमृत-मृत्युञ्जय-मन्त्र प्रयोग ।।
(रोग एवं अपमृत्यु-निवारक प्रयोग)-----
किसी प्राचीन शिवालय में जाकर गणेश जी की “ॐ गं गणपतये नमः” मन्त्र से षोडशोपचार पूजन करे । तदनन्तर “ॐ नमः शिवाय” मन्त्र से महा-देव जी की पूजा कर हाथ में जल लेकर विनियोग पढ़े -
विनियोगः- ॐ अस्य श्री अमृत-मृत्युञ्जय-मन्त्रस्य श्री कहोल ऋषिः, विराट् छन्दः, अमृत-मृत्युञ्जय सदा-शिवो देवता, अमुक गोत्रोत्पन्न अमुकस्य-शर्मणो मम...
Sarvarishth_Nivaran_Stotra--(सर्वारिष्ट निवारण स्तोत्र-)---
ॐ गं गणपतये नमः । सर्व-विघ्न-विनाशनाय, सर्वारिष्ट निवारणाय, सर्व-सौख्य-प्रदाय, बालानां बुद्धि-प्रदाय, नाना-प्रकार-धन-वाहन-भूमि-प्रदाय, मनोवांछित-फल-प्रदाय रक्षां कुरू कुरू स्वाहा ।।
ॐ गुरवे नमः, ॐ श्रीकृष्णाय नमः, ॐ बलभद्राय नमः, ॐ श्रीरामाय नमः, ॐ हनुमते नमः, ॐ शिवाय नमः, ॐ जगन्नाथाय नमः, ॐ बदरीनारायणाय नमः, ॐ श्री दुर्गा-देव्यै नमः ।।
ॐ सूर्याय नमः, ॐ चन्द्राय नमः, ॐ भौमाय नमः, ॐ बुधाय नमः,...
अमोघ शिव कवच----
भगवान् शङ्कर का नाम लेने से ही प्राणियों के सब दुःख दूर हो जाते हैं, फिर उनकी विधिवत् उपासना करने से क्या नहीं हो सकता ! निश्चय ही भगवान् शिव की पूजा करके लोग अपना सभी प्रकार का हित साधन कर सकते हैं । यहाँ श्रीस्कन्द-पुराण के ब्रह्मोत्तर खण्ड में ‘भद्रायु’ को योगीराज ‘ऋषभ’ निम्न कवच का...
क्लीं-बीज का अनुभूत प्रयोग----
एक फुट व्यास के गोल सफेद कागज पर पेंसिल से कागज के मध्य में लगभग चार अंगुल ऊँचा “क्लीं” बीजाक्षर लिखें । कागज के खाली भाग में कामनानुसार रङ्ग भरें । जैसे ‘लक्ष्मी-प्राप्ति’ के लिए पीला, ‘आकर्षण’ के लिए लाल, सभी तरह की ‘बीमारी’ के लिए ‘हरा रङ्ग’ ।
प्रातः-काल, प्रतिदिन, निश्चित समय पर, शान्त अवस्था में...