रंगों से सँवारें जीवन--- पं० शक्तिमोहन श्रीमाली
प्रकृति स्वयं को विभिन्न रंगों में अभिव्यक्त करती है और व्यक्ति प्रकृति के इन्हीं रंगों के माध्यम से अपनी संवेदनाओं, भावनाओं, एवं पसंद को अभिव्यक्त करता है । रंग अपनी ओजस्विता एवं प्रकाश द्वारा मानव मस्तिष्क एवं शरीर को प्रभावित करते हैं ।
सूर्य के श्वेत उज्जवल प्रकाश में सात रंग अर्न्तनिहित होते हैं...
ज्योतिष और उससे जुड़े भ्रम----मोनिका जैन
ज्योतिष शास्त्र उस विद्या का नाम है जो ब्रह्मांड में विचरने वाले ग्रह - नक्षत्रों की गति, दूरी और स्थिति का गणितीय आधार पर गणना करता है । ज्योतिष शास्त्र का सम्बन्ध वेदों से है परन्तु इसका यह तात्पर्य कादाचित नहीं कि ज्योतिष शास्त्र महज़ बस एक ग्रन्थ है । अपितु यह एक विज्ञान...
--सुख और दुख----
हो सकता है कि मेरे इस लेख में आप को मेरी बातें किताबी बातों की तरह लगें, यह भी हो सकता है कि आप को ऐसा भी लगे कि में ज्ञान बाँट रही हूँ, या जो कुछ मैंने इस लेख के ज़रिये कहने कि कोशिश कि है वह कहना बहुत आसान है मगर करना उतना ही मुश्किल...
ज्योतिष के द्वारा कैरियर का चुनाव सही है----पं. कृष्ण गोपाल मिश्र
हमारे देश में किशोरावस्था के बाद बच्चों के कैरियर को लेकर आभिभावकों को बहुत सारी दुविधाएँ रहती हैं । एक तरफ बच्चों के मन की आकांक्षाएं जो कि बहुत हद तक भौतिक परिवेश व भौतिकता के चमक-दमक से प्रभावित होती हैं वहीं दूसरी ओर अभिभावकों के मन में अपने...
चुनाव जीतने का फ़ार्मूला ---
चुनाव को जीतने का तंत्र---
चुनाव के अन्दर प्रत्याशी बनने और चुनाव को जीतने मे बहुत जद्दोजहद करनी पडती है,कोई धन का बल लेकर चुनाव जीतना चाहता है कोई अपने बल और दादागीरी पर चुनाव जीतना चाहता है,किसी के पास दादागीरी और धन दोनों ही नही है तो वह भलमन्साहत से चुनाव जीतने की कवायद करता...
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|| श्री कृष्ण शरणं मम ||
"जीवन सार्थक करने का पावन पर्व श्री कृष्ण जन्माष्टमी "
हरे कृष्ण ! हरे कृष्ण ! कृष्ण ! कृष्ण ! हरे हरे ! हरे राम ! हरे राम ! राम ! राम ! हरे हरे !
जब भी असुरों के अत्याचार बढ़े हैं और धर्म का पतन हुआ है तब-तब भगवान ने पृथ्वी पर अवतार लेकर...
शाबर मन्त्रों के भावार्थ ----
ओम वक्रतुण्डाय हूं---
जब स्थिति आपके नियंत्रण से बाहर हो या लोग आपके बारे में नकारात्मक विचार रखते हों या आप हताश और निराश हों तो इस मंत्र का जाप करें। इससे लाभ मिलेगा यानी तुरंत प्रसाद मिलेगा।
इन मंत्रों को जपने से तमाम तरह की बाधाओं और बुरी शक्तियों से मुक्ति मिलती है। इन मंत्रों से...
आनंद क्या है?
सुख तो एक उत्तेजना है और दुख भी। प्रीतिकर उत्तेजना को सुख और अप्रीतिकर को हम दुख कहते हैं। आनंद दोनों से भिन्न है। वह उत्तेजना की नहीं, शांति की अवस्था है। सुख को जो चाहता है, वह निरंतर दुख में पड़ता है, क्योंकि एक उत्तेजना के बाद दूसरी विरोधी उत्तेजना वैसे ही अपरिहार्य है, जैसे...
आइये जाने वर्तमान में शब्दों के अर्थों को-----
1. वास्तविक आशावादी : ऐसा गंजा जो बाल उगाने वाला वो ही तेल खरीदता है जिसके साथ कंघी फ्री हो.
2.आदर्श शिक्षक :जो स्वंय ना समझे की वो क्या पढ़ा रहा है
3) मच्छर : इंजेक्शन की ऐसी सिरिंज जो उड़ सकती है.
4) कामयाब व्यक्ति : जिसे पहली बीवी की वजह से कामयाबी हासिल...