वास्तु सम्मत आफिस( VASTU AS PAR VASTU RULES)-----
वास्तु के दृष्टिकोण से एक अच्छे आफिस में बैठते हुए यह ध्यान रखना जरूरी हैं कि स्वामी की कुर्सी आफिस के दरवाजे के ठिक सामने ना हो । कमर के पीछे ठोस दीवार होनी चाहिए । यह भी ध्यान रखे कि आफिस की कुर्सी पर बैठते समय आपका मुंह पूर्व या उत्तर...
वास्तु सम्मत - रसोईघर (KITCHAN AS PAR VASTU)----
दीर्घायु के लिये व्यक्ति का स्वस्थ होना आवश्यक है। स्वस्थ व्यक्ति जीवन पर्यन्त समस्त प्रकार के उत्तर दायित्वो का ठीक से निर्वाह कर सकता है। वह वृद्धावस्था में किसी पर बोझ नही बन सकता है। इसलिये स्वास्थ को बहुत महत्व दिया है। व्यक्ति स्वस्क कैसे रहे, इसे समझाना आवश्यक है ताकि...
वास्तु सम्मत - रसोईघर (KITCHAN AS PAR VASTU)----
दीर्घायु के लिये व्यक्ति का स्वस्थ होना आवश्यक है। स्वस्थ व्यक्ति जीवन पर्यन्त समस्त प्रकार के उत्तर दायित्वो का ठीक से निर्वाह कर सकता है। वह वृद्धावस्था में किसी पर बोझ नही बन सकता है। इसलिये स्वास्थ को बहुत महत्व दिया है। व्यक्ति स्वस्क कैसे रहे, इसे समझाना आवश्यक है ताकि...
उपाय वास्तु (पञ्च तत्वों का संतुलन)---
हमारे शरीर मे पंचतत्त्व अपनी विशेष भूमिका निभाते हैं। पूरे का पूरा आयुर्वेद पंचतत्त्वों पर आधारित है। ये पंचमूल तत्त्व एक दूसरे तत्त्व की सहायता से शरीर को संचालित करते हैं। एक तत्त्व दूसरे तत्त्वों को उनकी क्रियाओं द्वारा संतुलित करते हुए मूल रूप में लाते हैं। इन तत्त्वों में संतुलन
को ही शारीरिक ;डमजंइवसपेउद्ध...
उपाय वास्तु (पञ्च तत्वों का संतुलन)---
हमारे शरीर मे पंचतत्त्व अपनी विशेष भूमिका निभाते हैं। पूरे का पूरा आयुर्वेद पंचतत्त्वों पर आधारित है। ये पंचमूल तत्त्व एक दूसरे तत्त्व की सहायता से शरीर को संचालित करते हैं। एक तत्त्व दूसरे तत्त्वों को उनकी क्रियाओं द्वारा संतुलित करते हुए मूल रूप में लाते हैं। इन तत्त्वों में संतुलन
को ही शारीरिक ;डमजंइवसपेउद्ध...
वास्तु दोष कैसे पहचाने ?
भवन निर्माण एवं वास्तु विज्ञान दो अलग अलग
विषय हैं। एक व्यक्ति अपने मनोनुकूल गृह का निमार्ण तो
करवा सकता है अपने आर्किटेक्ट या डिज़ाइनर से कहकर
उसे अच्छी प्रकार से सजा भी सकता है परन्तु वह उसमें
रहने पर सुखी जीवन व्यतीत करेगा यह आवश्यक नहीं।
एक आर्किटेक्ट भी जिसे केवल भवन निर्माण तकनीक का
ज्ञान है उस व्यक्ति...
वास्तु दोष कैसे पहचाने ?
भवन निर्माण एवं वास्तु विज्ञान दो अलग अलग
विषय हैं। एक व्यक्ति अपने मनोनुकूल गृह का निमार्ण तो
करवा सकता है अपने आर्किटेक्ट या डिज़ाइनर से कहकर
उसे अच्छी प्रकार से सजा भी सकता है परन्तु वह उसमें
रहने पर सुखी जीवन व्यतीत करेगा यह आवश्यक नहीं।
एक आर्किटेक्ट भी जिसे केवल भवन निर्माण तकनीक का
ज्ञान है उस व्यक्ति...
भवन हेतु प्लाट/ भूखण्ड (का आकार-- वास्तु सम्मत) लेते / खरीदते समय सावधानियां ------
अनेकों व्यक्ति भूखण्ड के शुभ-एव अशुभ तथ्वों के
ध्यान में रखे विना ही भवन निर्माण प्रारम्भ करवा
देते है, जिसके फलस्वरूप अशुभ फल, आर्थिक हानि, दुख
तथा कष्ट में जीवन व्यतीत करना पड़ता है। फिर व्यक्ति
ढूंडता फिरता है की भवन निर्माण में क्या त्रुटि रह गई है।
भवन निर्माण से...
ज्योतिष
भवन हेतु प्लाट/ भूखण्ड (का आकार– वास्तु सम्मत) लेते / खरीदते समय सावधानियां —-
आचार्य पंडित दयानन्द - 4
भवन हेतु प्लाट/ भूखण्ड (का आकार-- वास्तु सम्मत) लेते / खरीदते समय सावधानियां ------
अनेकों व्यक्ति भूखण्ड के शुभ-एव अशुभ तथ्वों के
ध्यान में रखे विना ही भवन निर्माण प्रारम्भ करवा
देते है, जिसके फलस्वरूप अशुभ फल, आर्थिक हानि, दुख
तथा कष्ट में जीवन व्यतीत करना पड़ता है। फिर व्यक्ति
ढूंडता फिरता है की भवन निर्माण में क्या त्रुटि रह गई है।
भवन निर्माण से...
भवन निर्माण/रखरखाव में (वास्तु सम्मत)सावधानियां----
वास्तु शास्त्र के अनुसार भवन निर्माण के लिए चुना गया भूखण्ड आयताकार या वर्गाकार होना चाहिए। जिसकी सभी चारों दीवारें 90 अंश का कोण बनाती हों। ऐसा प्लाट वास्तु नियमानुसार उत्तम श्रेणी का प्लाट माना जाता है। अगर हम वास्तु के नियमों को ध्यान में रखकर काफी हद तक वास्तु के द्वारा अपने जीवन को...