रूद्राक्ष चिकित्सा ----
रूद्राक्ष ( रूद्र मतलब शिव, अक्ष मतलब आंसु इसलिए रूद्र अधिक अक्ष मतलब शिव के आंसु) विज्ञान में उसे Elaeocarpus Ganitras Roxb के नाम से जाना जाता हैं, जो एक तरह का (फल) बीज हैं । जो कि एशिया खंड के कुछ भागों में जैसे की इंडोनेशिया, जावा, मलेशिया, भारत, नेपाल, श्रीलंका और अंदमान-निकोबार में पाये...
मंगल हमेशा अमंगल नहीं करता....
मंगल एक पापी एंव क्रुर ग्रह हे इसे भुमि पुत्र कुज आदी नामों से भी पुकारा जाता हे। कुज का अर्थ होता हे कु अर्थात खराब या पापी ओर ‘ज’ अर्थात जन्मा हुआ अर्थात पाप से जन्मा हुआ जब यह ग्रह लग्न से प्रथम चर्तुथ सप्तम अष्टम या द्वादश भाव में बैठता है तब अपना...
मंगल हमेशा अमंगल नहीं करता....
मंगल एक पापी एंव क्रुर ग्रह हे इसे भुमि पुत्र कुज आदी नामों से भी पुकारा जाता हे। कुज का अर्थ होता हे कु अर्थात खराब या पापी ओर ‘ज’ अर्थात जन्मा हुआ अर्थात पाप से जन्मा हुआ जब यह ग्रह लग्न से प्रथम चर्तुथ सप्तम अष्टम या द्वादश भाव में बैठता है तब अपना...
वास्तु निर्माण से सम्बंधित शास्त्रीय नियम---
प्राचीन एवम सर्वमान्य संहिता व वास्तु ग्रंथो में प्रतिपादित कुछ शास्त्रीय वास्तु नियमों का उल्लेख किया जाता है | वास्तु निर्माण में इनका प्रयोग करने पर वास्तु व्यक्ति के लिए सब प्रकार से शुभ ,समृद्धि कारक एवम मंगलदायक होता है |आजकल के तथाकथित वास्तु शास्त्रियों द्वारा जनसाधारण को व्यर्थ के बहम में डालने वाले...
वास्तु निर्माण से सम्बंधित शास्त्रीय नियम---
प्राचीन एवम सर्वमान्य संहिता व वास्तु ग्रंथो में प्रतिपादित कुछ शास्त्रीय वास्तु नियमों का उल्लेख किया जाता है | वास्तु निर्माण में इनका प्रयोग करने पर वास्तु व्यक्ति के लिए सब प्रकार से शुभ ,समृद्धि कारक एवम मंगलदायक होता है |आजकल के तथाकथित वास्तु शास्त्रियों द्वारा जनसाधारण को व्यर्थ के बहम में डालने वाले...
मांगलिक दोष में भ्रान्तियों का निवारण ----
विवाह के समय वर एवम कन्या की जन्म कुंडली मिलान करते हुए अष्टकूट के साथ -साथ मांगलिक दोष पर भी विचार किया जाता है |परन्तु खेद है कि अधिकांश दैवज्ञ इस महत्व पूर्ण विषय पर विचार करते हुए कुछ मुहूर्त ग्रंथों के अप्रमाणिक एवम तर्क हीन वाक्यों का आधार ले कर त्रुटि पूर्ण...
मांगलिक दोष में भ्रान्तियों का निवारण ----
विवाह के समय वर एवम कन्या की जन्म कुंडली मिलान करते हुए अष्टकूट के साथ -साथ मांगलिक दोष पर भी विचार किया जाता है |परन्तु खेद है कि अधिकांश दैवज्ञ इस महत्व पूर्ण विषय पर विचार करते हुए कुछ मुहूर्त ग्रंथों के अप्रमाणिक एवम तर्क हीन वाक्यों का आधार ले कर त्रुटि पूर्ण...
जन्म कुंडली से वैवाहिक सुख का ज्ञान---
विवाह समाज द्वारा स्थापित एक प्राचीनतम परम्परा है जिसका उद्देश्य काम -संबंधों को मर्यादित करके सृष्टि की रचना में सहयोग देना है |सभी पुराणों,शास्त्रों एवम धर्म ग्रंथों में पितरों के ऋण से मुक्त होने के लिए तथा वंश परम्परा की वृद्धि के लिए विवाह की अनिवार्यता पर बल दिया गया है |
जन्म कुंडली...
जन्म कुंडली से वैवाहिक सुख का ज्ञान---
विवाह समाज द्वारा स्थापित एक प्राचीनतम परम्परा है जिसका उद्देश्य काम -संबंधों को मर्यादित करके सृष्टि की रचना में सहयोग देना है |सभी पुराणों,शास्त्रों एवम धर्म ग्रंथों में पितरों के ऋण से मुक्त होने के लिए तथा वंश परम्परा की वृद्धि के लिए विवाह की अनिवार्यता पर बल दिया गया है |
जन्म कुंडली...
जन्मकुंडली से रोग निदान -----
आयुर्वेद एवम ज्योतिश्शाश्त्र के अनुसार हमारे पूर्वार्जित पाप कर्मों के फल ही समय समय पर विभिन्न रोगों के रूप में हमारे शरीर में प्रगट होतें हैं । हरित सहिंता का यह श्लोक देखिये -
जन्मान्तर कृतं पापं व्याधिरुपेण बाधते |
तच्छान्तिरौषधैर्दानर्जपहोमसुरार्चनै : ||
अर्थात पूर्व जन्म में किया गया पाप कर्म ही व्याधि के रूप में हमारे शरीर...