ज्योतिष

सूर्य उपासना का महत्व ---- वैदिक युग से भगवान सूर्य की उपासना का उल्लेख मिलता हैं। ऋग्वेद में सूर्य को स्थावर जंगम की आत्मा कहा जाता हैं। सूर्यात्मा जगत स्तस्थुषश्च ऋग्वेद 1/115 वैदिक युग से अब तक सूर्य को जीवन स्वास्थ्य एवं शक्ति के देवता के रूप में मान्यता हैं। छान्दोग्य उपनिषद में सूर्य को ब्रह्म कहा गया हैं। आदित्यों...
सूर्य उपासना का महत्व ---- वैदिक युग से भगवान सूर्य की उपासना का उल्लेख मिलता हैं। ऋग्वेद में सूर्य को स्थावर जंगम की आत्मा कहा जाता हैं। सूर्यात्मा जगत स्तस्थुषश्च ऋग्वेद 1/115 वैदिक युग से अब तक सूर्य को जीवन स्वास्थ्य एवं शक्ति के देवता के रूप में मान्यता हैं। छान्दोग्य उपनिषद में सूर्य को ब्रह्म कहा गया हैं। आदित्यों...
कुंवारी/अविवाहित युवतियों के लिए-- अच्छे वर प्राप्ति हेतु स्तोत्र--- कन्या को वर मिलने के लिये इस स्तोत्र के ग्यारह पाठ नित्य एक मण्डल (इकतालीस दिन ) तक पूर्ण आस्था व विश्वास के साथ करना चाहिये। सोरठा सिय रघुवीर बिबाहु , जो सप्रेम गावहिं सुनाहिं। तिन्ह कहॅु सदा उछाहु , मंगायतन राम जसु।। चैपाई कोमल चित अति दीन दयाला। कारन बिनु रघुनाथ कृपाला।। जानहु ब्रह्मचर्य हनुतन्ता। शिव स्वरूप...
कुंवारी/अविवाहित युवतियों के लिए-- अच्छे वर प्राप्ति हेतु स्तोत्र--- कन्या को वर मिलने के लिये इस स्तोत्र के ग्यारह पाठ नित्य एक मण्डल (इकतालीस दिन ) तक पूर्ण आस्था व विश्वास के साथ करना चाहिये। सोरठा सिय रघुवीर बिबाहु , जो सप्रेम गावहिं सुनाहिं। तिन्ह कहॅु सदा उछाहु , मंगायतन राम जसु।। चैपाई कोमल चित अति दीन दयाला। कारन बिनु रघुनाथ कृपाला।। जानहु ब्रह्मचर्य हनुतन्ता। शिव स्वरूप...
स्वप्न का मानव-जीवन से सम्बन्ध---- प्रायः हम सभी लोग प्रगाढ निद्रा में अथवा अर्ध सुषुप्तावस्था में कुछ चित्रात्मक अनुभूति-सी प्राप्त करते हैं; जिसका कुछ अंश तो जाग्रत अवस्थाम ें आते ही विस्मृत हो जाता है और कभी-कभी सम्पूर्ण चित्रात्मक अनुभूति का ही विामरण हो जाता है और कुछ उसका सार रुप अथवामिश्रितरुप ही स्मृतिपटल में चित्रित रहता है। इस प्रकार...
स्वप्न का मानव-जीवन से सम्बन्ध---- प्रायः हम सभी लोग प्रगाढ निद्रा में अथवा अर्ध सुषुप्तावस्था में कुछ चित्रात्मक अनुभूति-सी प्राप्त करते हैं; जिसका कुछ अंश तो जाग्रत अवस्थाम ें आते ही विस्मृत हो जाता है और कभी-कभी सम्पूर्ण चित्रात्मक अनुभूति का ही विामरण हो जाता है और कुछ उसका सार रुप अथवामिश्रितरुप ही स्मृतिपटल में चित्रित रहता है। इस प्रकार...
क्या गुण मिलान ही काफी हे एक सफल वैवाहिक जीवन के लिए..???? गुण-मिलान ही काफी नहीं सफल विवाह के लिये.....!!!! विवाह मानव जीवन का एक पड़ाव है जिसके वाद इन्सान अपनी पूर्व की जीवन शैली को छोड़ कर एक नये जीवन के सफर पर चलता है। हर स्त्री या पुरुष विवाह के समय अपना जीवन एक अन्जान व्यक्ति के साथ सिर्फ...
क्या गुण मिलान ही काफी हे एक सफल वैवाहिक जीवन के लिए..???? गुण-मिलान ही काफी नहीं सफल विवाह के लिये.....!!!! विवाह मानव जीवन का एक पड़ाव है जिसके वाद इन्सान अपनी पूर्व की जीवन शैली को छोड़ कर एक नये जीवन के सफर पर चलता है। हर स्त्री या पुरुष विवाह के समय अपना जीवन एक अन्जान व्यक्ति के साथ सिर्फ...
कितना शुभ है ग्रह मालिक योग..???? जन्म के समय उपस्थित योगो का मानव जीवन से घनिश्ठ सम्बन्ध है , इन योगो के आधार पर ही मानव जीवन व्यतीत होता है । जन्म समय षुभ ग्रह योग होने पर जीवन सुख षान्ति पूर्वक व्यतीत होता है , तो अशुभ योग होने पर जीवन से निराष होना स्वाभाविक है , ज्योतिश...
कितना शुभ है ग्रह मालिक योग..???? जन्म के समय उपस्थित योगो का मानव जीवन से घनिश्ठ सम्बन्ध है , इन योगो के आधार पर ही मानव जीवन व्यतीत होता है । जन्म समय षुभ ग्रह योग होने पर जीवन सुख षान्ति पूर्वक व्यतीत होता है , तो अशुभ योग होने पर जीवन से निराष होना स्वाभाविक है , ज्योतिश...

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