ग्रह जब भ्रमण करते हुए संवेदनशील राशियों के अंगों से होकर गुजरता है तो वह उनको नुकसान पहुंचाता है। नकारात्मक ग्रहों के प्रभाव को ध्यान में रखकर आप अपने भविष्य को सुखद बना सकते हैं।
वैदिक वाक्य है कि पिछले जन्म में किया हुआ पाप इस जन्म में रोग के रूप में सामने आता है। शास्त्रों में बताया है-पूर्व जन्मकृतं...
कलश स्थापना---
किसी भी धार्मिक समय में और योजना आदि में कलश स्थापना का बहुत महत्व है,पृथ्वी को कलश रूप में स्थापित किया जाता है,फ़िर कलश में सम्बन्धित देवी देवता का आवाहन कर विराजित किया जाता है,चूंकि पृथ्वी एक कलश की भांति है,और जल को संभाल कर लगातार गोल घूम रही है,जल का एक एक बूंद कितने ही अणुओं की...
क्या होता है विवाह मुहूर्त...????
विवाह स्त्री और पुरुष की जीवन यात्रा की शुरुआत मानी जाती है,पुरुष का बायां और स्त्री का दाहिना भाग मिलाकर एक दूसरे की शक्ति को पूरक बनाने की क्रिया को विवाह कहा जाता है,भगवान शिव और पार्वती को अर्धनारीश्वर की संज्ञा देना इसी बात का प्रमाण है। ज्योतिष में चार पुरुषार्थों में काम नाम का...
क्या होता है विवाह मुहूर्त...????
विवाह स्त्री और पुरुष की जीवन यात्रा की शुरुआत मानी जाती है,पुरुष का बायां और स्त्री का दाहिना भाग मिलाकर एक दूसरे की शक्ति को पूरक बनाने की क्रिया को विवाह कहा जाता है,भगवान शिव और पार्वती को अर्धनारीश्वर की संज्ञा देना इसी बात का प्रमाण है। ज्योतिष में चार पुरुषार्थों में काम नाम का...
12 महिनों के व्रत त्यौहार ::-----
चैत्र सुदी एकम् को हिंदु समाज का नव वर्ष का आरंभ होता हैं। इसे सभी हिंदु धर्म के लोग काफी उल्लास से मनाते हैं। महाराष्ट् में नववर्ष को गुडी पाडवा भी कहते हैं। इस दिन से नव रात्रौं की घट स्थापना होती हैं। नौ दिन तक दुर्गा माता के सप्तशती के पाठ...
गण्डात नक्षत्र .........
भारतीय ज्योतिष में संधिकाल या संक्रमणकाल सदैव अशुभ माना गया हैं | संधि से
मतलब दो परस्पर ग्रह, नक्षत्र , राशियों का समाप्तीकाल और दुसरों का प्रारंभकाल से माना गया हैं |
सर्वविदित हैं कि जब दो ऋतुयें परस्पर मिलती हैं तो उसी समय दुनियाँ में रोग ज्यादा
फैलते हैं | दिन और रात्री के संधिकाल में भजन किर्तन करना...
शनि की साढ़े साती और शांति के उपाय---
प्रायः जीवन में शनि की साढे सती तीन बार आती है। प्रथम बचपन में , दुसरी यौवनावस्था में और तीसरी वृध्दावस्था में । प्रथम का प्रभाव शिक्षा पर , द्वितीय का प्रभाव धन , मान-सम्मान, नौकरी - रोजगार आदि पर और तृतीय का प्रभाव आयु और स्वास्थ्य पर पडता है। ९...
श्री विष्णु सहस्त्रनामस्तोत्र----
ध्यान----
शान्ताकारं भुजगशयनं पद्मनाभं सुरेशं
विश्वाधारं गगनसदृशं मेघवर्णं शुभाङ्गम् ।
लक्ष्मीकान्तं कमलनयनं योगिभिर्ध्यानगम्यं
वन्दे विष्णुं भवभयहरं सर्वलोकैकनाथम् ॥
सशङ्खचक्रं सकिरीटकुण्डलं सपीतवस्त्रं सरसीरुहेक्षणम् ।
सहारवक्षः स्थलकौस्तुभश्रियं नमामि विष्णुं शिरसा चतुर्भुजम् ॥
स्तोत्र
यस्य स्मरणमात्रेण जन्मसंसारबन्धनात् ।
विमुच्यते नमस्तस्मै विष्णवे प्रभविष्णवे ॥
नमः समस्तभुतानामादिभुताय भूभृते ।
अनेकरूपरूपाय विष्णवे प्रभविष्णवे ॥
वैशम्पायन उवाच
श्रुत्वा धर्मानशेषेण पावनानि च सर्वशः ।
युधिष्ठिरः शान्तनवं पुनरेवाभ्यभाषत ॥ १ ॥
युधिष्ठिर उवाच
किमेकं दैवतं लोके किं वाप्येकं परायणम् ॥ ९...
पति पत्नी के सुखी जीवन के लिये वास्तु की उपयोगिता---
आज के भौतिक संसार में मनुष्य अध्यात्म को छोड़कर भौतिक सुखों के पीछे भाग रहा है। समय के अभाव ने उसे रिश्तों के प्रति उदासीन बना दिया है। किंतु आज भी मनुष्य अपने घर में संसार के सारे सुखों को भोगना चाहता है। इसके लिए हमें वैवाहिक जीवन को वास्तु...
श्रीगणेश वन्दना---
Om Gan Ganptye Namah:---
“Shri Ganesh ka Naam Liya to Badha Fatak nahi pati hai, Devon Ka vardan Barasta, Budhdhi vimal ban jati hai.”
Praying Lord Ganesha makes a human free from all problems and obstacles. He is marked by intelligence, sharpness and wisdom as he is blessed by other divinity powers. All our works starts with remembering to Lord...