भजन–राधा का दीवाना—-
अरर रे मेरी जान है राधा, तेरे पे कुर्बान मैं राधा
जब भी बने तू राधा,श्याम बनूँगा
जब भी बने तू सीता,राम बनूँगा
तेरा नाम राधा सुबह शाम रटूँगा
आत्मा से राधा राधा नाम कहूँगा
सुंदर नैन विशाल मोहनी सूरत प्यारी है
इतनी ग्वालन गोपियाँ तू सबसे न्यारी है
तुम बिन रास रचाऊँ कैसे जानत सारी है
श्याम के दिल की रानी तू बरसाने वाली है
तेरा ही तो नाम पुकारे वंशी मोरी री
गईया भी पहचाने राधा महक तोरी री
तूने कीनी नैनन से मेरे मन की चोरी री
कैसी जोड़ी कृष्ण काला राधा गौरी री
हिचकी आए राधा तेरी याद सताती है
यमुना की लहरों में तेरी झलक सी आती है
साज धज के सखियों के संग तू पनघट जाती है
सुखी धरती मैं भी प्रीत के कमल खिलाती है
Ratle Radhey radhey ek nam ban jayenge saare kam………………