श्रावण मास के पर्व:—-
श्रावण संक्रान्ति …1, 16 जुलाई —
Festival in the Month of Shravan : Shravan Sankranti 2011, 16 July–
16 जुलाई, 2011, शनिवार, श्रावण कृ्ष्ण प्रतिपदा की रात्रि 27:20 ( अगले दिन की 0.:20 प्रात:) अर्थात पर श्रवण नक्षत्र काल में श्रावण संक्रान्ति प्रारम्भ होगी. संक्रान्ति के प्रारम्भ होने के समय वृ्षभ लग्न उदित हो रहा होगा. संक्रान्ति का पुन्य काल 17 जुलाई रविवार, सूर्योदय से प्रात; 9:44 का रहेगा. इस समय संक्रान्ति से संबन्धित दान -स्नान कार्य किये जा सकते है. वार के अनुसार इस संक्रान्ति का नाम राक्षसी संक्रान्ति रहेगा. अपने नाम के अनुसार यह संक्रान्ति दुष्टों को लाभ देने वाली रहेगी.
श्रवण मास में शिव पूजन महत्व
Importance of Shiv Poojan in Shravan Month
श्रवण मास में विशेष रुप से श्री भगवान भोले नाथ की पूजा- अर्चना कि जाती है. इस माह में भगवान भोलेनाथ की पूजा करने से पुन्य फलों में वृ्द्धि होती है. इस मास में प्रतिदिन श्री शिवमहापुराण व शिव स्तोस्त्रों का विधिपूर्वक पाठ करके दुध, गंगा-जल, बिल्बपत्र, फलादि सहित शिवलिंग का पूजन करना चाहिए.
इसके साथ ही इस मास में “ऊँ नम: शिवाय:” मंत्र का जाप करते हुए शिव पूजन करना लाभकारी रहता है. इस मास के प्रत्येक मंगलवार को श्री मंगलागौरी का व्रत, पूजानादि विधिपूर्वक करने से स्त्रियों को विवाह, संतान व सौभाग्य में वृ्द्धि होती है.
पंचक प्रारम्भ
Beginning of Panchak
श्रावण मास में 18 जुलाई, 2011 के दिन 19:53 से प्रारम्भ होगें. तथा ये पंचक 23 जुलाई 17:48 तक रहेगें. इन पांच दिनों में शुभ कार्य करने से बचना चाहिए.
कामिका एकादशी 2011, 26 जुलाई
Kamika Ekadashi 2011, 26 July
कामिक एकादशी के दिन श्री हरि का पूजन करना चाहिए. पितरों का उद्वार करने के लिये इस व्रत को सबसे अधिक उतम कहा गया है. कामिका एकाद्शी का व्रत रखने के साथ जो जन रात्रिं में विष्णु स्तोत्रों का पाठ करता है, उसके कष्टों में कमी होती है. लालमणि, मोती, दूर्वा और मूंगे आदि से भगवान विष्णु की पूजा करना हितकारी रहता है.
श्री विष्णु को तुलसी की पूजा अतिप्रिय है. इसलिये जब विष्णु का पूजन तुलसी से किया जाता है तो वे शीघ्र प्रसन्न होते है. एकादशी तिथि को दिन रात में दीपदान करने से कई यज्ञों के समान फल मिलता है. कामिका एकादशी का व्रत कर श्री हरि का पूजन करने से पाप रुपी संसार से मुक्ति मिलती है.
प्रदोष व्रत 2011, 28 जुलाई
Fast of Pradosh 2011, 28 July
प्रदोष व्रत कृ्ष्ण पक्ष व शुक्ल पक्ष कि त्रयोदशी अर्थात दोनों पक्षों की तेरहवीं तिथि को रखा जाता है. इस व्रत को भगवान शिव के लिये किया जाता है. प्रदोष व्रत व श्रावण मास दोनों इस तिथि में होने के कारण इस व्रत की शुभता इस माह में बढ जाती है. श्रावण मास में विशेष रुप से शिव का पूजन किया जाता है, तथा प्रदोष व्रत भी भगवान शिव का आशिर्वाद प्राप्त करने के लिये किया जाता है. इस दिन उपावस कर पूरे दिन भगवान भोलेनाथ का स्मरण करना चाहिए. सूर्यास्त के बाद प्रदोष काल में इस उपवास का समापन होता है.
शनिवारी अमावस्या 2011, 30 जुलाई
New Moon on Saturday 2011, 30 July
30 जुलाई, 2011 के दिन श्रावण मास कि अमावस्या शनिवार के दिन की रहेगी. शनिवारी अमावस्या के दिन शनि मंदिरों में पूजा- अर्चना करने वालों की भीड अधिक रहती है. इस दिन भक्त शनिदेव को प्रसन्न कर्नए के लिये विभिन्न तरीकों से पूजा-पाठ करते है. अमावस्या तिथि में पूर्वजों की शान्ति से संबन्धित कार्य किये जाते है. इस दिन जप, तप, दान, स्नान तथा तर्पण कार्य करने का विशेष महत्व रहेगा.
हरियाली तीज / सिंघारा तीज 2011, 02 अगस्त
Hariyali Teej / Singhara Teej 2011, 02 Aug
श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की तृ्तीया तिथि का दिन हरियाली तीज या सिंघारा तीज के नाम से जाना जाता है. वर्ष 2011 में इस दिन (मु) वर्ग के रमजान भी आरम्भ हो रहे है. यह त्यौहार विशेष रुप से नवविवाहित व विवाहित महिलाओं के द्वारा किया जाता है. पौराणिक कथाओं के अनुसार हरियाली तीज को शिव-पार्वती के पुनर्मिलन के उपलक्ष्य में मनाया जाता है.
इस प्रकार यह पर्व आस्था ओर प्राकृ्तिक सौन्दर्य और चारों ओर हरियाली छाने से मन में उठने वाली उंमग का है. इस दिन बारिश होने पर इस त्यौहार की छटा ओर भी बढ जाती है. इस दिन झूले डाल कर लोकगीतों गायन और नाच के इस त्यौहार को मनाया जाता है. व विशेष रुप से माता- पार्वती की पूजा की जाती है.
नाग-पंचमी 2011, 04 अगस्त
Nag-Pamchami 2011, 04 Aug
प्रत्येक वर्ष की श्रावण मास, शुक्ल पक्ष की पंचमी के दिन नाग पंचमी का पर्व श्रद्धा व विश्वास के साथ मनाया जाता है. इस मास में नाग देव की पूजा करने से काल सर्प दोष से मुक्ति मिलती है. विधिपूर्वक विधि-विधान से इस दिन उपवास रख नागों की प्रतिमा या चित्र का पूजन करना शुभ रहता है. इस दिन घर की दहलीज को गोबर से लीप कर शुद्ध कर दुर्वा, दूध ओर कुशा सहित पूजा की जाती है. इस प्रकार पूजन करने से सर्पो का भय नहीं रहता.
पवित्रा एकाद्शी 2011, 09 अगस्त
Pavitra Ekadashi 2011, 09 Aug
श्रावण मास में 9 अगस्त के दिन एकादशी तिथि रहेगी. यह एकादशी पवित्रा नाम से रहेगी. भगवान विष्णु को प्रसन्न करने के लिये एकादशी का उपवास किया जाता है.
श्रावणी पूर्णिमा, रक्षा बन्धन 2011, 13 अगस्त
Shravani Poornima, Raksha Bandhan 2011, 13 Aug
भाई-बहन के स्नेह का प्रतीक पर्व रक्षा बन्धन, वर्ष 2011 में 13 अगस्त के दिन मनाया जायेगा. इस पर्व के दिन बहने अपने भाईयों कि कलाई पर राखी बांधती है, तथा भाई अपनी बहनों को उपहार व रक्षा का वचन देते है. प्राचीन काल से ही यह पर्व भावनात्मक बंधन व बहन के प्रति एक भाई की जिम्मेदारियों का स्मरण कराने का दिन है. रक्षा- बंधन के दिन भद्रा समय के बाद राखी बांधी जाती है. इस दिन भद्रा 15: 31 मिनट तक रहेगी. इसके बाद का समय राखी बांधन के लिये शुभ है.