DATE OF BIRTH : .2 October .964

TIME OF BIRTH : .5:25 AM

PLACE OF BIRTH :
Mumbai, India

     भारत के वर्तमान गृहमंत्री श्री अमित शाह का जन्म 22 अक्टूबर 1964 में शुक्र की महादशा में मुंबई में एक व्यापारी के घर में हुआ। यह दशा इनके जीवन में शुक्र की महादशा के अंतर्गत चली जो की अपने उच्च के स्थान में बारहवें भाव में रही l इस दशा में शुरुआती पढ़ाई के योग अच्छे रहे है लेकिन इनकी जन्म कुंडली में चंद्रमा अष्टम भाव में बैठे होने के कारण इनको अपनी पढ़ाई का कुछ खास अच्छा लाभ नहीं हुआ l

22 अक्टूबर 1964 को सुबह 5 बजकर 24 मिनट पर मुंबई में जन्मे अमित शाह की कुंडली कन्या लग्न की है। उनकी कुंडली में अष्टमेश मंगल और लाभेश चन्द्रमा का स्थान परिवर्तन योग है जिसने उन्हें साल 2014 में बीजेपी की लोकसभा में जीत के बाद रातों-रात भारतीय राजनीति का बड़ा खिलाड़ी बना दिया। अमित शाह तब उत्तर प्रदेश के प्रभारी थे जहां बीजेपी ने 80 में से 71 सीट जीती थी और पार्टी की सहयोगी अपना दल को 2 सीटों पर जीत मिली थी। अमित शाह उस समय राहु में बुध की शुभ विंशोत्तरी दशा में चल रहे थे। राहु इनकी कुंडली में राजसत्ता के स्थान यानी दशम भाव में बैठा है और बुध दशमेश होकर धन स्थान में मजबूती से विराजमान है।

प्रारंभिक जीवन एवं शिक्षा :—

शाह का जन्म 22 अक्टूबर 1964 को महाराष्ट्र के मुंबई में एक व्यापारी के घर हुआ था। वे गुजरात के एक रईस परिवार से ताल्लुक रखते है। उनका गाँव पाटण जिले के चँन्दूर मे है। मेहसाणा में शुरुआती पढ़ाई के बाद बॉयोकेमिस्ट्री की पढ़ाई के लिए वे अहमदाबाद आए, जहां से उन्होने बॉयोकेमिस्ट्री में बीएससी की, उसके बाद अपने पिता का बिजनेस संभालने में जुट गए। राजनीति में आने से पहले वे मनसा में प्लास्टिक के पाइप का पारिवारिक बिजनेस संभालते थे। वे बहुत कम उम्र में ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़ गए थे। 1982 में उनके अपने कॉलेज के दिनों में शाह की मुलाक़ात नरेंद्र मोदी से हुयी। 198. में वे अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से जुड़े और इस तरह उनका छात्र जीवन में राजनीतिक रुझान बना।

व्यक्तिगत जीवन :—

शाह का विवाह सोनल शाह से हुई, जिनसे उन्हें एक पुत्र रत्न की प्राप्ति हुई, जिनका नाम जय है। वे अपनी माँ के बेहद करीब थे जिनकी मृत्यु उनकी गिरफ्तारी से एक माह पूर्व 8 जून 2010 को एक बीमारी से हो गयी।

राजनीतिक करियर :—

अमित शाह 1986 में भाजपा में शामिल हुये। 1987 में उन्हें भारतीय जनता युवा मोर्चा का सदस्य बनाया गया। शाह को पहला बड़ा राजनीतिक मौका मिला 1991 में, जब आडवाणी के लिए गांधीनगर संसदीय क्षेत्र में उन्होंने चुनाव प्रचार का जिम्मा संभाला। दूसरा मौका 1996 में मिला, जब अटल बिहारी वाजपेयी ने गुजरात से चुनाव लड़ना तय किया। इस चुनाव में भी उन्होंने चुनाव प्रचार का जिम्मा संभाला।

पेशे से स्टॉक ब्रोकर अमित शाह ने 1997 में गुजरात की सरखेज विधानसभा सीट से उप चुनाव जीतकर अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत की। 1999 में वे अहमदाबाद डिस्ट्रिक्ट कोऑपरेटिव बैंक (एडीसीबी) के प्रेसिडेंट चुने गए। 2009 में वे गुजरात क्रिकेट एसोसिएशन के उपाध्यक्ष बने। 2014 में नरेंद्र मोदी के अध्यक्ष पद छोड़ने के बाद वे गुजरात क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष बने। 2003 से 2010 तक उन्होने गुजरात सरकार की कैबिनेट में गृहमंत्रालय का जिम्मा संभाला।

अमित शाह की खेलों में बड़ी रुचि है। वे 2006 में गुजरात शतरंज संघ के अध्यक्ष, 2009 में केंद्रीय क्रिकेट संघ के अध्यक्ष और 2014 में गुजरात राज्य क्रिकेट संघ के अध्यक्ष रहे। उन्होंने 2009 में गुजरात राज्य क्रिकेट संघ के उपाध्यक्ष के रूप में भी कार्य किया। अपने कार्यकाल के दौरान गुजरात राज्य शतरंज संघ के अध्यक्ष के रूप में, उन्होंने अहमदाबाद के सरकारी स्कूलों में पायलट प्रोजेक्ट के आधार पर शतरंज की शुरुआत की। यदि आप उनके छात्र जीवन में देखेंए तो उन दिनों में उन्होंने कई अवसरों पर मंचीय प्रस्तुतियाँ दी थी।

अमित शाह का जन्म 1964 में मुंबई के एक संपन्न गुजराती परिवार में हुआ। सोलह वर्ष की आयु तक वह अपने पैत्रक गांव मान्सा, गुजरात में ही रहे और वहीँ स्कूली शिक्षा प्राप्त की। स्कूली शिक्षा पूर्ण करने के पश्चात उनका परिवार अहमदाबाद चला गया। बालपन में वह सदैव महान राष्ट्रभक्तों की जीवनियों से प्रेरित हुआ करते थे, इसी प्रेरणा के फलस्वरूप उन्होंने भी मातृभूमि की सेवा करने और राष्ट्र की प्रगति में योगदान देने का स्वप्न देखा।

वह विशेष रूप से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की राष्ट्रीयवादी भावना तथा उनके दृष्टांत से प्रेरित व प्रभावित हुए तथा अहमदाबाद में संघ के एक सक्रिय सदस्य बन गए। यह कदम उनके जीवन का एक ऐसा कदम था जिसने उनका जीवन सदा के लिए परिवर्तित कर दिया एवं उन्हें भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व की प्रभावशाली यात्रा की और उन्मुख किया।

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ में शामिल होने के बाद अमित भाई ने संघ की विद्यार्थी शाखा अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् (ABVP) के लिए चार वर्ष तक कार्य किया। उसी अवधी में भाजपा, संघ की राजनितिक शाखा बन कर उभरी और अमित भाई 1984-85 में पार्टी के सदस्य बने। भाजपा सदस्य बनने के बाद उन्हें अहमदाबाद के नारायणपुर वार्ड में पोल एजेंट का पहला दायित्वा सौंपा गया, तत्पश्चात् वह उसी वार्ड के सचिव बनाए गए। इन कार्यो को सफलतापूर्वक पूरा करने के बाद उन्हें उच्चतर दायित्वों हेतु चुना गया और भारतीय जनता युवा मोर्चा का राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष बनाया गया

अमित शाह ने सरखेज उपचुनाव से जो विजय यात्रा आंरभ की अनवरत् 1998, 2002 ओर 2007 में उसी क्षेत्र से विजय हासिल की सरखेज की जनता ने सर माथे पर बैठाया। तथा 2012 में नरनपुरा विधानसभा क्षेत्र से भी विधायक चुने गये। 2003 से 2012 तक आपने गुजरात में गृह मंत्रालय संभाला और प्रदेश में कानून व्यवस्था को इस तरह संभाला कि हर वर्ष परंपरागत ढंग से होने वाले फसाद की दुखद यादे आम आदमी के मानस पटल से तिरोहित हो गयी।

     सरखेज के विधायक के रूप में चार कार्यकाल देने वाले शाह को मोदी के सबसे भरोसेमंद सहयोगी के रूप में माना जाता है और गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में मोदी के कार्यकाल के दौरान राज्य सरकार में कई प्रमुख विभागों को संभालते रहे हैं। शाह जो एक समृद्ध व्यापार साम्राज्य, पीवीसी पाइपलाइनों के मालिक हैं, अहमदाबाद में अपने कॉलेज के दौरान एक आरएसएस स्वयंसेवक (स्वयंसेवक) बन गए। आरएसएस में उनके कार्यकाल के दौरान 1982 में उन्होंने मोदी से मुलाकात की। अमित शाह ने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत आरएसएस के छात्र संगठन के नेता के रूप में की और 1986 में बीजेपी में शामिल हो गए। वहां उन्होंने भाजपा के प्रमुख कार्यकर्ता के रूप में काम किया और प्रधानमंत्री की राजनीतिक मेज की बगल में अपनी जगह अर्जित की।

पिता का नाम – अमित अनिल चंद्र शाह
माता का नाम – श्रीमती कुसुमबेन शाह
जीवनसाथी का नाम – सोनालबेन शाह
जीवनसाथी का व्यवसाय – सामाजिक कार्यकर्ता
बेटा – 1
सम्पर्क
स्थाई पता – 16, सुदीप सोसाइटी, रॉयल क्राइसेंट, जलसा पार्टी प्लॉट के पास, सरखेज-गांधीनगर हाईवे, अहमदाबाद -380013
वर्तमान पता – 11, अकबर रोड, नई दिल्ली -110011

अमित शाह की कुंडली में धन स्थान के स्वामी शुक्र और 12 वें घर के स्वामी सूर्य का भी स्थान परिवर्तन हो रहा है। बड़े व्यापारिक घराने में जन्मे अमित शाह बीजेपी के लिए कॉर्पोरेट फंडिंग जुटाने में माहिर माने जाते हैं, जिसमें उनकी कुंडली के इस स्थान में परिवर्तन योग का बड़ा हाथ है। राहु में शुक्र की शुभ दशा में वर्ष 2017 में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष रहते हुए उनके नेतृत्व में बीजेपी ने उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, गोवा और मणिपुर आदि कई राज्यों में सरकार बनाने में सफलता हासिल की।

     शुक्र उनकी कुंडली में धनेश होकर 12वें घर में सूर्य के साथ स्थान परिवर्तन योग में शामिल है। यह समय उनके राजनीतिक करियर का चरमोत्कर्ष था। बाद में राहु में सूर्य की अशुभ दशा ने उनको कर्नाटक, राजस्थान, मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ के विधानसभा चुनावों में साल 2018 में असफलता का स्वाद चखने पर विवश कर दिया। सूर्य उनकी जन्म कुंडली में नीच के मंगल की पाप दृष्टि से पीड़ित है।

अमित शाह की कुंडली मॆ जन्म से उन्हे सारी कारक दशा मिली सूर्य, चंद्र, मंगल, राहु तथा 2010से गुरु की दशा चल रही है जो उन्हे 2026 तक चलेगी। तीसरे स्थान का राहु परम कारक होता है। ऐसा व्यक्ति अपने सारे मिशन फतह करता है। उसे अपने जीवन मॆ हार का मुँह नही देखना पड़ता।

     अमित शाह की कुंडली मॆ मंगल का विशेष प्रभाव है इसीलिये वे ग्रह मंत्रालय तथा भाजपा अध्यक्ष और नरेंद्र मोदी के सेनापति बनकर कार्य कर रहे है। अभी उनके रक्षामंत्री बनने की भी चर्चा है। ग्रह मंत्रालय, रक्षा मंत्रालय तथा सेनापति ये सब मंगल महाराज का ही कार्य है। लग्न मॆ चंद्र होने के कारण वे मां के लाडले थे।

मेष राशि की जन्मपत्री मॆ गुरु भाग्य स्थान का स्वामी होता है। दूसरे स्थान का गुरु जातक को भारी मान सम्मान तथा यश दिलाता है। वर्तमान मॆ शाह को लोकसभा मॆ भाजपा को बहुमत तथा उत्तरप्रदेश मॆ भाजपा सरकार बनने की उपलब्धि इसी दशा मॆ प्राप्त हुई। आगे यह दशा 2026 तक चलेगी ।

इस दशा मॆ वे भारत देश तथा भाजपा को महत्वपूर्ण उपलब्धि दिलायेंगे।

कैसा रहेगा अमित शाह के लिए वर्ष 2020

  • गृह मंत्री अमित शाह की कुंडली की बात करें तो उनका जन्म कन्या लग्न और मेष राशि में हुआ है।
  • इनकी कुंडली में सूर्य और बुध दूसरे भाव में, केतु चौथे भाव में, शनि छठे भाव में, चंद्रमा आठवें भाव में, गुरु नवें भाव में, राहु दसवें भाव में, मंगल ग्यारहवें भाव में और शुक्र बारहवें भाव में स्थित है।
  • यदि इनकी चंद्र कुंडली की बात करें तो साल 2020 में शनि का गोचर इनके दसवें भाव में होने जा रहा है। जिसके कारण इनका मान- सम्मान और भी अधिक बढ़ने वाला है और इन्हें जनता की भी पूरा साथ मिलने वाला है।

वहीं यदि अमित शाह की वर्षफल कुंडली की बात करें तो इनका तुला लग्न और कर्क राशि बन रही है। जिसमें सूर्य,शुक्र और बुध लग्न में, दूसरे भाव में गुरु,तीसरे भाव में शनि और केतु, नवें भाव में राहु, चंद्रमा दशम भाव में और मंगल बारहवें भाव में स्थित है। जो यह बताते हैं कि इस साल अमित शाह अपने लिए गए फैसलों से कदम पीछे नहीं हटाएंगे और देश की जनता के हित में कार्य करते रहेंगे। इसके साथ ही इनकी वर्षफल कुंडली यह भी बताती है कि इस साल इन्हें जनता का भी पूरा सर्पोट मिलेगा।

     साल 2020 में अमित शाह पर राहु की महादशा और चंद्रमा की अतरदशा चलेगी। जिसकी वजह से यह जो भी फैसले लेंगे वह सही ही साबित होंगे। इस साल सितंबर तक अमित शाह इसी तरह के शक्तिशाली फैसले लेते रहेगें जिसका उनको लाभ भी प्राप्त होगा। अमित शाह साल 2021 में जनसंख्या नियंत्रण कानून भी ला सकते हैं। जिसका जनता पूरी तरह से स्वागत भी करेगी। इस कानून के बाद अमित शाह को जनता के द्वारा और भी ज्यादा प्रसिद्धि हासिल हो सकती है।

लेकिन अमित शाह के फरवरी तक का समय कुछ खराब कहा जा सकता है। इस समय में इन्हें अनेकों विरोधों का सामना करना पड़ सकता है। इस समय में विरोधी पक्ष इन पर पूरी तरह से हावी भी हो सकता है। वहीं जनता के बीच में भी इनकी छवि कुछ खराब हो सकती है। लेकिन फरवरी के बाद अमित शाह अपने सभी विरोधों को दबा देंगे और अपने शत्रु पक्ष को पूरी तरह से परास्त करने में भी सक्षम होंगे। इस साल अमित शाह पूरी पार्टी का नेतृत्व अकेले ही करेंगे। जिसकी वजह से पार्टी को अन्य जगहों पर भी फायदा होगा।

स्वास्थ्य के लिहाज से अमित शाह के लिए यह वर्ष सामान्य रहेगा। इस समय में इन्हें पेट से जुड़ी कुछ परेशानियां हो सकती हैं। इस साल आतंकवाद के खिलाफ भी अमित शाह के द्वारा कोई बड़ा फैसला लिया जा सकता है। जिसकी वजह से आतंकवाद फैलाने वाले लोगों की कमर पूरी तरह से टूट जाएगी।

वहीं साल 2020 में भी अमित शाह के द्वारा आने वाले चुनावों में अन्य राज्यों में बीजेपी को बहुत बड़ा फायदा हो सकता है।

अक्टूबर 2018 के बाद भारतीय जनता पार्टी का बल ग्रहोंनुसार पचास फीसदी ही रह गया है भारतीय जनता पार्टी की स्थापना दिवस की जन्मकुंडली में, क्योंकि दूसरा सबसे बड़ा आम जनता का कारक ग्रह चन्द्रमा भारतीय जनता पार्टी की स्थापना दिवस की जन्मकुंडली में अपनी नीच राशि में स्थित है, और अक्टूबर 2018 से भारतीय जनता पार्टी की कुंडली में नीच राशि में स्थित चन्द्रमा ग्रह की 10 वर्ष की महादशा अवधि भी आरम्भ हो गयी है, जिसके कारण आम जनता में भारतीय जनता पार्टी के आदर्शों के प्रति जो मन से लगाव व समर्पण था, वो अब धीरे-धीरे खत्म होता दिखाई देगा आने वाले समय में, आने वाले समय में केवल मोदीजी के शुभ ग्रह और उनकी वर्तमान राजयोगकारी महादशा जो कि लगभग 2024 तक चलेगी।

अब उसके फलस्वरूप ही भारतीय जनता पार्टी को मध्य प्रदेश, राजस्थान, और छतीसगढ़ अर्थात उपरोक्त राज्यों में जो कि बीजेपी के गढ़ माने जाते हैं, इन राज्यों में सम्पन्न हुए चुनाव परिणामों में एवम इसके साथ आने वाले लोकसभा 2019 के चुनावों परिणामों में मोदीजी के राजयोगकारी महादशा के फलस्वरूप ही भारतीय जनता पार्टी अपनी मान प्रतिष्ठा बचा पाएगी, अर्थात मोदीजी के राजयोग की वजह से ही आने वाले समय में भारतीय जनता पार्टी का अस्तिव बना रहेगा।

महादशा के बारे में

  • 05 नवंबर 1980 में सूर्य की महादशा के अंतर्गत जो की इनकी जन्म कुंडली में दूसरे भाव में बैठे है l इस दशा के अंतर्गत अमित शाह ने अपने पिता के साथ ही उनके बिजनेस में काम करना शुरू किया l इसी दशा में इनके राजनीति से जुडने के योग भी बने यह दशा इनके जीवन में 6 साल यानि 1986 तक रही l
  • 05 नवंबर 1986 – 04 नवंबर 1996 तक इनकी जन्म कुंडली में चन्द्र की महादशा रही इस महादशा के दौरान 1987 में उन्हें भारतीय जनता युवा मोर्चा में जुडने के योग बने l यहाँ से अमित शाह ने राजनीति में अपना कदम रखा और इस दशा के अंतर्गत इनको राजनीति के क्षेत्र में बारहवें भाव में शुक्र अपने उच्च स्थान में बैठ कर इनको राजनीति की ओर ले गया l अमित शाह का विवाह सोनल शाह से 1987 चन्द्र की महादशा में हुआ जो की इनको काफी लाभ कारक साबित हुआ l अमित शाह अपनी माँ के बहुत करीब रहे लेकिन जन्म कुंडली में चन्द्र अष्टम भाव में स्थित होने के कारण इनकी माँ को मृत्यु तुल्य कष्ट प्राप्त हुए और एक भारी बीमारी के कारण उनकी मृत्यु हुई ।
  • 05 नवंबर 1996 – 04 नवंबर 2003 तक इनकी जन्म कुंडली में मंगल की महादशा में इनको राजनीति से बहुत लाभ प्राप्त हुआ l मंगल इनकी जन्म कुंडली में ग्यारहवें भाव में लाभ के स्थान बैठ कर मेहनत का फल दिया l इस दशा के अंतर्गत इनको एक पुत्र की प्राप्ति के योग बने जिसका नाम जय शाह है। इसके बाद 1997 में गुजरात की सरखेज विधानसभा सीट से उप चुनाव जीतकर अपने राजनीतिक कैरियर की शुरुआत की। इसके बाद इनके राजनीति में ऊँचाइयाँ छूने के योग बने l इसके बाद 1999 में वे अहमदाबाद डिस्ट्रिक्ट कोऑपरेटिव बैंक (एडीसीबी) के रूप में उभर कर आए l
  • 05 नवंबर 2003 – 04 नवंबर 2021 तक के समय में राहू की महादशा के अंतर्गत इनके अपने मान-सम्मान में खराबी के योग बने और चल रही वर्तमान महादशा में इनको काम में तरक्की मिली लेकिन मान-सम्मान में खराबी के योग बने ही रहेंगे यदि ये अपने राहू के कुछ उपाय करते है तो आगे आने वाले समय में इनको काफी नेम फेम मिलेगा l
  • 2021 के बाद आने वाली दशा गुरु की है, जो की इनके भाग्य के स्थान पर बैठे है जहां से इनको नेम फेम मिलेगा ।

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