संतानसुख से क्यों वंचित रह जाते हैं अनेक दंपत्ति ?????
जानिए कुछ अन्य कारण —-
गर्भवती/प्रेगनेंट होना वैसे तो बहुत आसान होता है, लेकिन कई कपल्स को कमजोर या कम स्पर्म काउंट होने की वजह से कंसीव करने में दिक्कत होती है। ऐसे में नेचर के अलावा आपको भी अपने पार्टनर के साथ मिलकर एफर्ट्स करने की जरूरत है। प्रेगनेंट होने के लिए बेस्ट पोजिशन अपनाने का मकसद है मेल स्पर्म्स को फीमेल सर्विक्स के एकदम पास छोड़ना, ताकि कंसीव किया जा सके। सेक्स पोजिशंस का सीधा रिश्ता मेल स्पर्म्स और फीमेल एग्स के साथ होता है। ओवरी से एक बार रीलीज़ होने के बाद ओव्युलेशन स्टेज के दौरान एग फलोपियन ट्यूब से यूटरस की तरफ चलना शुरू कर देता है। एक एग मुश्किल से .4 घंटों तक जिंदा रहता है, जबकि एक स्पर्म फीमेल बॉडी के अंदर 5 दिन तक जिंदा रह सकता है। स्पर्म और एग आपस में मिलें, इसके लिए जरूरी है कि मिलन के वक्त वे ऐक्टिव हों।
हालांकि, बहुत सारे लोग इस बात से सहमत नहीं होंगे कि प्रेगनेंट होने से सेक्शुअल पोजिशंस का भी कुछ लेना-देना होता है। लेकिन इसके पीछे का लॉजिक यह है कि सेक्स के दौरान ऐसी पॉजिशन अपनाई जाए,जिससे एग और स्पर्म का मिलन कम से कम वक्त में हो सके। इसलिए, सेक्स पोजिशंस का ख्याल रखना उन कपल्स के लिए बेहद जरूरी है, जिन्हें कंसीव करने में समस्या होती है। जरूरी है कि उन तरीकों को अवॉइड किया जाए, जिनसे स्पर्म और एग का मिलन मुश्किल हो जाता है। जैसे कि खड़े होकर, बैठकर या फिर वुमन ऑन टॉप पोजिशन में सेक्स करना। इस बात का ख्याल रखना चाहिए कि फीमेल सर्विक्स तक पहुंचकर एग से मिलन करने के बजाए स्पर्म कहीं वजाइना से बाहर न आ जाएं। सेक्स के दौरान वुमन के हिप्स कुछ ऐसी पोजिशन में होने चाहिए, जिससे रीलीज के बाद स्पर्म अंदर ही रहें और उन्हें फीमेल सर्विक्स तक पहुंचने के लिए काफी समय मिले। बेहतर है ये पोजिशंस अपनाई जाएं-
.. मिशनरी पोजिशन: इसे मैन ऑन टॉप पोजिशन भी कहा जाता है। यह पोजिशन प्रेगनेंट होने के लिए बेस्ट है। ऐसा इसलिए, क्योंकि इससे डीप पेनिट्रेशन होता है और स्पर्म्स सर्विक्स के पास रीलीज होते हैं।
2. हिप्स ऊंचाई पर रखें: सेक्स के दौरान तकिए की मदद से हिप्स को थोड़ा ऊपर उठाना कंसीव करने में मदद करता है, क्योंकि इससे फीमेल सर्विक्स को मेल स्पर्म्स को रीसीव करने में आसानी रहती है।
.. डॉगी स्टाइल: इसे रीयर एंट्री पोजिशन कहते हैं, जिसमें सेक्स के दौरान पुरुष रीयर साइड से पेनिट्रेशन करता है। इस पोजिशन में भी स्पर्म फीमेल सर्विक्स के पास डिपॉजिट होते हैं, जिससे कॉन्सेप्शन की संभावनाएं बढ़ जाती हैं।
4. साइड बाइ साइड: अगल-बगल लेटकर इंटरकोर्स करना भी कंसीव करने के लिए मददगार होता है, क्योंकि इससे सर्विक्स को मेल स्पर्म्स रिसीव करने में मदद मिलती है।
5. ऑर्गैज़म जरूरी: सबसे जरूरी है ऑर्गैज़म। हालांकि, इसका सेक्शुअल पोजिशन से तो कोई लेना देना नहीं है, लेकिन इंटरकोर्स के दौरान फीमेल को भी ऑर्गैजम होना बेहद जरूरी है। स्टडीज़ के मुताबिक आर्गैज़म के दौरान फीमेल ऑर्गन में कुछ इस तरह का कॉन्ट्रैक्शन होता है, जिससे स्पर्म्स सर्विक्स की तरफ पुश होते हैं।
आखिर में: कंसीव करने की कोशिश के दौरान सारा ध्यान पोजिशंस पर ही न दें। ऐसा न हो कि बेवजह टेंशन में आकर आप कीमती लम्हों को बर्बाद कर दें। मूड लाइट रखें और इंजॉय करें।
आमतौर पर सेक्शुअली ऐक्टिव माने जाने वाले मर्द भी कुछ बातों को लेकर परेशान रहते हैं। इस वजह से कई बार उनकी सेक्शुअल लाइफ में प्रॉब्लम खड़ी हो जाती हैं। सेक्स से जुड़े मर्दों के 5 सबसे बड़े डर कौन से हैं,आइए डालते हैं एक नजर…
- पार्टनर को असंतुष्ट छोड़नाः अपने फीमेल पार्टनर को असंतुष्ट छोड़ देने का डर मर्दें के मन में सबसे ज्यादा है। इस डर का सीधा संबंध ‘साइज’ से है। जहां महिलाओं को बड़ा साइज पसंद होता है तो वहीं पुरुषों को अपनी पार्टनर को चरम सुख देने में असफल रहने का डर हमेशा लगा रहता है। चरम सुख न दे पाने से पुरुषों के मन में ये भावना घर कर जाती है कि वे पूर्ण सेक्स पार्टनर नहीं हैं। यह बात पुरुषों के इगो को हर्ट करती है।
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कैसे छुटकारा पाएं??:– डॉ. गीतांजलि शर्मा कहती हैं कि पुरुषों को इस बात का डर रहता है कि वे अपने फीमेल पार्टनर को संतुष्ट कर पायेंगे कि नहीं। वह जितना ज्यादा इस बारे में सोचते हैं उतना ही समस्या बढ़ती जाती है। बेहतर है कि बिना साइज की चिंता किए अपने फीमेल पार्टनर की जरूरतों को समझे और प्यार करें। 2.जल्द स्खलन का डरः पुरुष की कोशिश होती है कि वह अपने फीमेल पार्टनर को पूरी तरह खुश कर पाए लेकिन इस दौरान वह उन्हें खुद के चरम सुख तक पहुंचने की भी चिंता होती है। जो उनके जल्दी स्खलित होने से जुड़ी होती है। ऐसा अक्सर देखा जाता है कि जल्द स्खलन सेक्स लाइफ को खराब कर देता है।
कैसे छुटकारा पाएं???:— डॉ. अरोरा कहती हैं कि मेडिकल साइंस के हिसाब से जो पुरुष अपना स्खलन एक मिनट तक रोक सकते हैं, वे नॉर्मल होते हैं। लेकिन ज्यादातर पुरुषों को यह पता नहीं होता। उनकी समस्या ज्यादातर उनके खुद की निगेटिव सोच का नतीजा होती है।
3. पार्टनर के प्रेगनेंट न हो पाने से डरः— पुरुष को इस बात का डर सताता है कि उसकी फीमेल पा़र्टनर प्रेग्नेंट हो पाएगी या नहीं। ये डर पुरुषों के सेक्शुअल परफॉर्मेंस पर असर डालता है।
कैसे छुटकारा पाएं: डॉ. अरोरा कहती हैं कि अगर सीमेन से जुड़ी कोई समस्या है तो उसे टेस्ट किया जा सकता है। प्रेग्नेंसी के लिए जरूरी है सही खान-पान और हेल्थी लाइफ। अच्छी सेक्स लाइफ महत्वपूर्ण है प्रेग्नेंसी नहीं।4.पॉर्न ऐक्ट नहीं दोहरा पाने सेः पुरुष अक्सर सेक्स के बारे में जानकारी जुटाने के लिए पॉर्न फिल्में देखते हैं। वह पॉर्न फिल्मों में दिखाए गए ऐक्ट को अपने पार्टनर के साथ दोहराने की कोशिश करते हैं और कई बार इसमें सफल न होने पर ये सोचकर निराश हो जाते हैं कि उनमें कुछ कमी है।
कैसे छुटकारा पाएं???:– डॉ. गीतांजलि कहती हैं कि पुरुष अक्सर अपने सेक्शुअल परफॉर्मेंस की तुलना पॉर्न फिल्मों से करते हैं। उन्हें लगता है कि पॉर्न फिल्मों से एक्सपीरियंस हासिल करना जरूरी है। जबकि अपने फीमेल पार्टनर को प्यार करने और उसकी जरूरतों को समझकर आप हेल्थी सेक्शुअल लाइफ जी सकते हैं। इसके लिए आपको किसी पॉर्न फिल्म के एक्सपीरियंस की जरूरत नहीं होती।
5.मास्टरबैशन से जुड़ा डरः कई सर्वे ये बात साबित कर चुके है कि मास्टरबैशन का परुषों की सेक्स लाइफ पर कोई असर नहीं होता है। अक्सर पुरुषों को लगता है कि बचपन या कम उम्र में उनके द्वारा किया गया मास्टरबैशन उनकी वर्तमान सेक्शुअल प्रॉब्लम के लिए जिम्मेदार है।
कैसे छुटकारा पाएं???:— डॉ. अरोरा सलाह देती हैं कि मास्टरबैशन से पुरुष की सेक्स लाइफ पर कोई असर नहीं पड़ता। लेकिन मास्टरबैशन से जुड़ा गलत होने का अहसास ज्यादा खतरनाक है। इसलिए मास्टरबैशन की चिंता छोड़ पुरुषों को अपनी सेक्शुअल लाइफ एंजॉय करनी चाहिए।
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