कर्क राशी (ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो) का राशिफल(…2 )—-
2012 का यह राशिफल चन्द्र राशि आधारित है और वैदिक ज्योतिष के सिद्धान्तों के आधार पर तैयार किया गया है।
राजकीय पक्ष में रुके हुए तथा बाधित कार्य सिद्ध होंगे | कार्य क्षेत्र में प्रभाव बढेगा तथा साथी कर्मचारियों से सहयोग व प्रेमभाव भी बढ़ेगा | इस वर्ष आपकी राशी के दशम भाव में वृहस्पति लाभ भाव में एवं कर्म क्षेत्र में विराज्मान्हें..वहीँ आप शनि की साढ़े सटी से भी प्रभावित रहेंगे..याद रखें क्रोध सबसे पहले अपना नुकसान करता है, इसलिए गुस्से पर काबू रखना जरूरी है. वैवाहिक जीवन में संदेह घातक साबित हो सकता है. नौकरीपेशा लोगो को स्थान परिवर्तान, पदोन्नति अथवा नई नौकरी के योग बनेंगे |पिछले समय में जो भी आर्थिक, व्यापारिक तथा संबंधो की क्षति हुई उसकी पूर्ति इस वर्ष संभव है | आर्थिक पक्ष का ध्यान रखें तथा स्वास्थ्य उत्तम रहेगा | गोचर में आपकी कुंडली के दूसरे भाव का स्वामी छठे भाव में बैठा हुआ है. जिस कारण आर्थिक स्थिति कमजोर बनी रहेगी.धार्मिक क्रियाकलाप व धर्म के प्रति रुझान बढ़ेगा | कोई भी बड़ा आर्थिक निर्णय तथा पूंजी निवेश करने से पहले किसी योग्य अथवा अनुभवी व्यक्ति से सलाह अवश्य कर लें | विद्यार्थी वर्ग को पढ़ाई में एकग्रता की कमी रहेगी, मन में भटकाव की इस्थाती बनेगी, अत: अध्यन में ध्यान देने की आवश्यकता है | भवन, भूमि, वाहन सुख प्राप्ति का उत्तम समय है, इनमे निवेश भी शुभ फलदाई होगा |कर्क राशि के व्यापार मालिकों के लिए यह समय भारी मुनाफा कमाने का सुनहरा अवसर दे रहा है. लेखकों और प्रकाशकों के लिए यह समय अच्छा है. जो लोग नौकरी या व्यापार संबंधी कार्यों को लेकर यात्रा कर रहे हैं उनके लिए अच्छा समय है. व्यापार के अच्छे अवसर प्राप्त होंगे. बृहस्पति संबंधित दान और पूजा करने से परिणाम और अच्छे होंगे.वरिष्ठ अधिकारी आपसे नाराज हो सकते हैं. पूंजी निवेश करने से पहले किसी जानकार की सलाह अवश्य लें.धर्म के प्रति आस्था बढ़ेगी..
स्वास्थ्य —-शुक्र की गोचर में स्थिति के परिणाम स्वरूप और आपके खराब स्वस्थ्य के कारण आप अपनी जीवनी शक्ति को खो सकते हैं.मंगल ग्रह के पंचम भाव में जाने और राहु से युति संबंध होने के कारण पेट के दर्द की गंभीर समस्या का सामना करना पड़ सकता है. आप इस उदर समस्या को गंभीर रुप से लें और चिकित्सक से तुरन्त सलाह लें. योग और श्वास संबंधी व्यायाम का प्रयोग करें..बाहर खाने से बचें, वरना सेहत पर इसका बुरा असर नजर आ सकता है.जो दिल कि परेशानी से जूझ रहे हैं उनके हृदय में दर्द की शिकायत और हृदय संबंधित समस्याओं में इज़ाफा हो सकता है. आप इस कारण स्वयं को कमजोर और सुस्त महसूस करेंगे.
ये करें उपाय—
01 .–प्रदोष के दिन सायंकाल में शिवजी की सेवा-पूजा करें..
02 .–पूर्णिमा की रात्रि में चंद्रमा को अर्क(दूध,दही,शहद द्वारा) देवें..
0. .–मोती या चंद्रमणि(मून स्टोन) ,चांदी में धारण करें..रोहिणी या पुनर्वसु नक्षत्र में
04 .–सोमवार का वृत/उपवास करें..श्वेत सामग्री ( दही,दूध,सफ़ेद कपडे,चांदी)का दान किसी विधवा या युवती को करें..
05 .–भोजन में सफ़ेद वस्तुओ( दूध,दहीं,खीर,दूध/मावे की मिठाई,खीर आदि) का प्रयोग करें…
वास्तु और कर्क राशी के जातक– इस राशी वाले जातकों के लिए पश्चिम और उत्तर दिशा शुभ रहते हुए लाभ प्रदान करती हें..कर्क राशी के जातक यदि अपने आवास/भवन पर गुलाबी,मोतिया सफ़ेद रंग करवाएं तो शुभ परिणाम प्राप्त होंगे..इस राशी के जातकों को किसी भी शहर के नेरित्य भाग/हिस्से में निवास करने से बचना चाहिए..