आपकी जन्म कुंडली बताती है-कब बन रहे हैं विदेश जाने के योग, कब तक रहेंगे परदेश में–
प्रिय पाठकों/मित्रों, पुरातन काल में जहाँ विदेश यात्रा को निकृष्ट समझा जाता था, वहीं आज के इस भौतिक युग में विदेश गमन से प्राप्त होने वाले धन लाभ और शिक्षा के महत्व ने विदेश निवास को सम्मान की श्रेणी में ला खडा किया है। वर्तमान में अच्छे व्यापार, नौकरी के विदेश में अधिक सुअवसर प्राप्त होने, अच्छा वैवाहिक संबंध मिलने की वजह से भी विदेश में जाने की चाह उत्कुट हुई है. लेकिन ऐसा सभी तो नही कर सकते।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार यदि जातक की जन्म कुंडली में विदेश यात्रा का योग हो तो वह किसी ना किसी कारण से विदेश यात्रा जरूर करता है। फिर भले ही वह घूमने जाए, पढ़ाई के लिए जाए, जॉब करने के उद्देश्य से जाए या हमेशा के लिए वहां व्यवसाय स्थापित कर बस जाए। कारण कुछ भी हो सकता है। वैसे तो आजकल हर किसी को विदेश जाने की चाह होती है, इसका कारण इन देशों की खूबसूरती व अन्य सुविधाएं भारतीयों को विदेशों की ओर आकर्षित करती हैं। आजकल की यंग जेनरेशन में विदेश जाकर पढ़ाई करने और उसके बाद नौकरी या व्यवसाय करकेे वहीं बसने की इच्छा होती है। लेकिन ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जब तक जातक की कुंडली में विदेश यात्रा के योग नहीं होते हैं, कई जतन करने के बाद भी नहीं जा पाता।
इसके साथ साथ ज्योतिषीय दृष्टिकोण में देखें तो हमारी कुंडली में बने कुछ विशेष ग्रहयोग ही हमारे जीवन में विदेश से जुड़कर काम करने या विदेश यात्रा का योग बनाते हैं। हमारी जन्मकुंडली में बारहवें भाव का सम्बन्ध विदेश और विदेश यात्रा से जोड़ा गया है इसलिए दुःख भाव होने पर भी आज के समय में कुंडली के बारहवे भाव को एक सुअवसर के रूप में देखा जाता है। पण्डित दयानन्द शास्त्री के अनुसार चन्द्रमा को विदेश यात्रा का नैसर्गिक कारक माना गया है। कुंडली का दशम भाव हमारी आजीविका को दिखाता है तथा शनि आजीविका का नैसर्गिक कारक होता है अत: विदेश यात्रा के लिये कुंडली का बारहवां भाव, चन्द्रमा, दशम भाव और शनि का विशेष महत्व होता है।
ज्योतिष के अनुसार जन्मकुंडली से अध्ययन से बताया जा सकता है कि किसी जातक की कुंडली में विदेश यात्रा का योग है या नहीं।
विदेश यात्रा हमारे जीवन में नए अवसर और उन्नति लाती है। हममें से अधिकांश की इच्छा होती है कि कम से कम एक बार तो विदेश यात्रा कर ही लें। किसी भी कुंडली के अष्टम भाव, नवम, सप्तम, बारहवां भाव विदेश यात्रा से संबंधित होते हैं जिनके आधार पर पता लगाया जा सकता है कि कब विदेश यात्रा का योग बन रहा है।
विदेश यात्रा से जुड़ी बातें जानने के लिए कुंडली के बारहवां और अष्टम भाव का अध्ययन किया जाता है। इन भावों का अध्ययन करने पर हम ये जान सकते हैं कि कुंडली में विदेश यात्रा के योग हैं या नहीं…
आइए ज्योतिर्विद पण्डित दयानन्द शास्त्री से जानते हैं जन्म कुंडली के कौन से योग बताते है आपके विदेश जाने के योग—
यदि योग कुंडली में योग ना हो–
हो सकता है कि व्यक्ति पहले से ही विदेश में पढ़ाई कर रहा हो, और वहीं से ही उसे नौकरी का ऑफर मिल जाए। लेकिन यदि यह योग नहीं है तो वह कितनी भी कोशिश कर ले उसे नौकरी या व्यवसाय करने के लिए वापस अपने देश आना ही पड़ता है।
क्यों बनते हैं विवाह के बाद विदेश जानें के योग–
ज्योतिर्विद पण्डित दयानन्द शास्त्री के अनुसार यदि किसी जातक की जन्म कुंडली के सप्तम और बाहरवें भाव या उनके स्वामियों का परस्पर सम्बन्ध हो, तो जातक विवाह के बाद विदेश जाता है। विवाह के बाद विदेश जाने के भी दो तरीके ज्योतिषियों ने बताए हैं, जैसे कि या तो वह व्यक्ति विदेश में शादी करके या किसी विदेशी मूल के व्यक्ति से शादी करने के बाद वीजा पाकर विदेश में सेटेल हो जाता है।
जानिए विदेश में शिक्षा (पढ़ाई) के लिए विदेश जाने के योग–
पण्डित दयानन्द शास्त्री ने बताया की यदि जातक की जन्म कुंडली में स्थित पंचम और बाहरवें भाव के साथ उनके स्वामियों का संबंध बनता है तो, वह जातक शिक्षा के लिए विदेश जाने का योग पाता है। लेकिन कितने लंबे समय के लिए, यह कहना कठिन होता है।
जानिए कब बनेंगें नौकरी या व्यवसाय के लिए विदेश जाने के योग —
पण्डित दयानन्द शास्त्री के अनुसार यदि जातक की कुंडली के दसवें और बारहवें भाव या उनके स्वामियों का संबंध हो तो व्यक्तिक को विदेश से व्यापार या नौकरी के अवसर प्राप्त होते हैं।
आइए जाने जन्म कुण्डली के लग्न ओर लग्नेश अनुसार विदेश यात्रा योग–
कुंडली में दर्शाए भावों के अलावा लग्न तथा लग्नेश के आधार पर विदेश यात्रा संबंधी योग बताते हैं।पण्डित दयानन्द शास्त्री के अनुसार लग्न तथा लग्नेश की स्थिति हमारे जीवन को अत्यंत प्रभावित करती है।
मेष लग्न, लग्नेश तथा भाग्येश अपने-अपने स्थानों में हों या उनमें स्थान परिवर्तन योग बन रहा हो तो निश्चित विदेश यात्रा के योग बनते हैं। मेष लग्न में अष्टम भाव में बैठा शनि जातक को जन्म स्थान से दूर ले जाता है तथा बार-बार विदेश यात्राएं करवाता है।
वृषभ लग्न के साथ शनि अष्टम भाव में स्थित हो तो जातक अनेक बार विदेश जाता है। वृष लग्न में भाग्य स्थान या तृतीय स्थान में मंगल राहु के साथ स्थित हो तो जातक सैनिक के रूप में विदेश यात्राएं करता है। वृष लग्न में राहु लग्न, दशम या द्वादश में हो तो भी विदेश यात्रा का योग बनता है।
कर्क लग्न यदि लग्नेश नवम भाव में स्थित हो और चतुर्थेश छठे, आठवें या द्वादश भाव में हो तो कई विदेश यात्राएं होती हैं। लेकिन यदि लग्नेश बारहवें स्थान में हो या द्वादशेश लग्न में हो तो काफी संघर्ष के बाद विदेश यात्रा होती है।
सिंह लग्न हो तथा मंगल और चंद्रमा की युति द्वादश भाव में हो तो विदेश यात्रा होती है। यदि सिंह लग्न स्थान में सूर्य बैठा हो व नवम व द्वादश भाव शुभ ग्रह हो तो विदेश यात्रा का योग बनता है।
कन्या लग्न मे यदि लग्नेश, भाग्येश और द्वादशेश का परस्पर संबंध बने तो जातक को जीवन में विदेश यात्रा के अनेक अवसर मिलते हैं। कन्या लग्न में बुध और शुक्र का स्थान परिवर्तन विदेश यात्रा का योग बनाता है।
यदि नवमेश या दशमेश का परस्पर संबंध या युति या परस्पर दृष्टि संबंध हो तो विदेश यात्रा का योग बनता है। तुला लग्न में शुक्र व सप्तम में चंद्रमा हो तो भी जातक विदेश यात्रा करता है।
यदि वृश्चिक लग्न वाले जातकों का सप्तमेश शुभ ग्रहों से दृष्ट होकर द्वादश स्थान में स्थित हो तो निश्चित ही विवाह के बाद विदेश यात्रा का अवसर मिलता है। वृश्चिक लग्न में लग्नेश सप्तम भाव में स्थित हो व शुभ ग्रहों से युक्त हो तो जातक विदेश में ही बस जाता है।
धनु लग्न के अष्टम भाव में चंद्रमा, गुरु की युति, नवमेश नवम भाव में हो तो विदेश यात्रा का प्रबल योग बनता है। धनु लग्न में बुध और शुक्र की महादशा के कारण जातक को अनेक विदेश यात्रा करनी पड़ती हैं।
मकर लग्न, चतुर्थ और दशम भाव में चर राशि के किसी भी स्थान में शनि हो तो विदेश यात्रा होती है। मकर लग्न में सूर्य अष्टम में स्थित हो तो कई विदेश यात्राएं करनी पड़ती हैं।
कुंभ लग्न में तृतीय स्थान, नवम स्थान व द्वादश स्थान का परस्पर संबंध विदेश यात्रा का योग उत्पन्न करवाता है।
मीन लग्न में यदि शुक्र चंद्रमा से छठे, आठवें या बारहवें स्थान में स्थित हो तो भी विदेश यात्रा का अवसर मिलता है। मीन लग्न में लग्नस्थ चंद्रमा व दशम भाव में शुक्र हो तो जातक को कई देशों की यात्रा करने का अवसर मिलता है।