पीरियड्स( मासिक धर्म- माहवारी )के दौरान पूजा-पाठ करने की मनाही क्यों..???
पीरियड्स के दौरान पूजा-पाठ करने की मनाही होती है यहां तक की सनातन धर्म के अनुसार जब महिलाओं में पीरियड्स टाईम प्रारंम्भ होता है, तब उन्हें अपवित्र माना जाता है और उन्हे घर के अन्य लोगो के साथ रहने के लिए मना किया जाता है, महिलाओं को पीरियड्स के दौरान कही आने जाने या पूजा-पाठ करने कि मनाही की व्यवस्था प्राचीन समय से चली आ रही है.
पुराने समय में तो इस दौरान महिलाओं के लिए अलग से व्यवस्थाएं होती थी, जब भी महिलाओं को पीरियड्स टाईम आता तो इन्हे ‘कोप-भवन’ में रहना पड़ता था, जबकी जब भी महिलाओं में पीरियड्स टाईम आता है तो उस वक्त उनमें काफी कमजोरी आ जाती है इसलिए ही महिलाओं को इन दिनो अन्य कार्यो से दूर रखा जाता है. और साथ ही इन्हें बाहर घूमने-फिरने भी नहीं दिया जाता है क्योकि इस समय में इन्हे बुरी नजर व बुरे प्रभाव जल्द ही लग जाते है महिलाओं में इस माहवारी की समस्या को तो अब विज्ञान भी मानने लगा है कि पीरियड्स के दौरान महिलाओं के शरीर में रक्त के साथ-साथ शरीर की गंदगी भी योनी के रास्ते बाहर निकलती है जो आसपास के वातावरण के साथ-साथ उनके आसपास रहने वाले लोगो के लिए हानिकारक होती है इससे संक्रमण फैलने का ड़र बना रहता है उस समस उनके शरीर से कुछ विशेष प्रकार की तंरगे निकलती है जो की वातावरण को दूषित भी कर सकती है यही कारण है की अन्य लोगो को इन बुरे प्रभावो से बचाने के लिए ही पीरियड्स के टाईम महिलाओं को अलग रखा जाता है.
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