कैसे बढ़ाएं अपनी मेमोरी..याददाश्त ..???
कैसे बढ़ाएं अपनी मेमोरी..याददाश्त ..???

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इसे कहीं देखा तो है, पर नाम याद नहीं आ रहा!
अरे, मोबाइल कहां रख दिया, याद नहीं आ रहा!
मेमरी बेकार हो गई है…
ऐसी बातें बोलते हुए आपने अक्सर लोगों को सुना होगा। इसका मतलब यह नहीं कि उन्हें कोई मेमरी प्रॉब्लम है। दरअसल, फोकस न होने और ध्यान कहीं और होने की वजह से ऐसा होता है।
कैसे निखार सकते हैं आप, अपनी याददाश्त..मेमरी को..???
अक्सर लोगों को लगता है कि हम भूल रहे हैं, लेकिन असल में यह मेमरी लॉस नहीं होता। इसकी वजह अब्सेंट-माइंडेडनेस (दिमाग का वहां न होना) और एंग्जाइटी (बेचैनी या उतावलापन) होता है। मेमरी का फंडा है रेकॉर्ड, स्टोर और फिर री-प्ले। अगर रेकॉर्ड ही नहीं हुआ, तो री-प्ले कैसे होगा। इसलिए अगर किसी चीज को याद रखना चाहते हैं तो सबसे पहले उस पर पूरा ध्यान लगाएं, गौर से सुनें-देखें और फिर दिमाग में बिठाएं। फिर वह आपके दिमाग से निकलेगी नहीं।
ऐसे करें मेमरी तेज—
1. दिमागी तौर पर ऐक्टिव रहें—-
शरीर को फिट रखने के लिए जिस तरह फिजिकल एक्सर्साइज की जरूरत होती है, वैसे ही दिमाग को मेंटल एक्सर्साइज की। दरअसल, हमारे शरीर का मैकनिजम मेमरी पर काम करता है। दिल हमारे शरीर को जिस तरह ब्लड की सप्लाई करता है, उसी तरह दिमाग सेल्स के साथ कम्यूनिकेट करता है। ब्रेन और सेल्स का कनेक्शन जितना हेल्दी होगा, सिग्नल उतनी ही तेजी से आएंगे और जाएंगे। उतना ही दिमाग और मेमरी बेहतर काम करेंगे। मेमरी बेहतर करने के लिए :
– दिमाग को ऐक्टिव रखने वाली ऐक्टिविटीज जैसे कि पजल्स, क्रॉसवर्ड्स, सुडोकू आदि रेग्युलर तौर पर सॉल्व करें।
– दोस्तों के साथ या अकेले भी चेस खेलें। कंप्यूटर पर भी ऐसे तमाम गेम्स हैं, जिनसे आप खेल-खेल में अपनी मेमरी बढ़ा सकते हैं।
– अखबार के उस हिस्से को पढ़ें, जिसे आप आमतौर पर नजरअंदाज कर देते हैं।
– ड्राइव करते हुए ऑल्टरनेट रूट अपनाएं।
– कोई म्यूजिकल इंस्टूमेंट बजाना या फॉरन लैंग्वेज सीखें।
2. कुछ नया करें—
– हमेशा कुछ-न-कुछ नया करें। कुछ ऐसा, जो आपने पहले न किया हो। हफ्ते में एक नया काम या चीज जरूर करें या सीखें।
– यह काम या जानकारी आपकी पसंद की होनी चाहिए।
3. मेल-जोल बढ़ाएं—-
– अकेले न रहें। नियमित रूप से सोशलाइज करें। परिवारजनों और दोस्तों से मिलें।
– अगर आपके रिश्तेदार या दोस्त पास में नहीं हैं तो कोई क्लब, कम्यूनिटी या ऑर्गनाइजेशन जॉइन कर लें। वहां अपने इंट्रेस्ट के लोगों के साथ टाइम बिताएं।
– लोगों से मेलजोल टेंशन, डिप्रेशन के अलावा अल्टशाइमर्स जैसी बीमारियों से बचाता है, जो मेमरी लॉस की बड़ी वजहें हैं।
– ऑनलाइन सोशल नेटवर्किंग भी टाइम पास करने का एक तरीका है। हालांकि यह किसी से सामने से मिलने-जुलने के बराबर अच्छा नहीं है। यहां आपको किसी पर भी भरोसा करने से पहले थोड़ा सोचना होगा। साथ ही, इसे हमेशा चेक करने के बजाय इसके लिए एक वक्त तय करें।
4. ऑर्गनाइज्ड बनें—-
– आमतौर पर चीजें फैली हों तो हम उन्हें जल्दी भूल जाते हैं। चीजों जैसे कि मोबाइल, चाबी, डायरी, पर्स आदि के लिए एक जगह तय करें और उन्हें वहीं पर रखें।
– अपने काम, अपॉइंटमेंट, इवेंट्स आदि को डायरी, प्लैनर या कैलेंडर में लिखकर रखें।
5. मल्टि-टास्किंग को ना—–
– एक बार में बहुत सारे काम न करें। आप जो जानकारी हासिल करना चाहते हैं, अगर उसी पर फोकस करेंगे तो वह आपको जरूर याद रहेगी। एक बार में कई जगह ध्यान होगा तो याद करने में मुश्किल आएगी।
6. विजुअलाइज करें—-
– विजुअलाइजेशन भी दिमाग की एक्सर्साइज का अच्छा तरीका है। आप जब भी जाम में फंसे हों, अपॉइंटमेंट के लिए इंतजार कर रहे हों या सोने की तैयारी कर रहे हों तो अपने बचपन से कोई घटना या जगह को सोचें। अपना कमरा, क्लास, कार… कुछ भी। इससे दिमाग ऐक्टिव होता है और तनाव से मुक्ति मिलती है।
7. अच्छी नींद और डाइट—-
– रोजाना 7-8 घंटे सोने से मेमरी अच्छी रहती है।
– तय करें कि आपकी रोजाना खुराक में फल, हरी सब्जियां और कार्बोहाइड्रेट हों। सुबह पेट भरकर फल खाएं तो अच्छा है। ऐसी चीजें खाएं, जिनमें ओमेगा थ्री फैटी ऐसिड्स हों जैसे कि नट्स, फ्लैक्स सीड्स, बादाम आदि। रोजाना 8-9 गिलास पानी भी पीएं।
8. करें रोजाना एक्सर्साइज—-
– रेग्युलर एक्सर्साइज करने से दिमाग समेत पूरे शरीर में ब्लड का सर्कुलेशन होता है।
– हफ्ते में 15. मिनट (ढाई घंटे) की मीडियम अरोबिक एक्सर्साइज जैसे कि ब्रिस्क वॉक और 75 मिनट (सवा घंटे) की भारी ऐरोबिक एक्सर्साइज जैसे कि जॉगिंग या साइकलिंग करें। ब्रिस्क वॉक का मतलब 30 मिनट में 3 किमी चलना है। अगर लगातार वक्त नहीं मिलता तो इसे दिन भर में 10-10 मिनट में बांटकर कर लें।
– मेडिटेशन, डीप ब्रीदिंग जैसी यौगिक क्रियाएं भी दिमाग को दुरुस्त रखने में मददगार है।
इन्हें भी आजमाएं—–
– डिप्रेशन, किडनी, थाइरॉयड, विटामिन बी-12 की कमी जैसी बीमारियों को हल्के में न लें। ये मेमरी पर खराब असर डालती हैं। इनका ढंग से इलाज कराएं।
– म्यूजिक सुनें, लेकिन यह आपकी पसंद का होना चाहिए।
– किताबें पास रखें और उन्हें पढ़ने के लिए टाइम जरूर निकालें। घर पर टाइम नहीं मिलता तो रास्ते में भी पढ़ सकते हैं।
– घर की दीवारों को मजेदार और हटकर कलर करें या वॉलपेपर लगाएं। घर का डेकोर भी कलरफुल और दिलचस्प रखें। घर में खुशबूदार फूल सजाएं।
– घर में कोई पेट रखें। डॉग अच्छा साथी हो सकता है।
जानिए की अगर अक्सर भूलते हैं…
कुछ लोगों को नाम अच्छी तरह याद रहते हैं तो कुछ को छोटी-छोटी डीटेल्स। लेकिन कुछ ट्रिक्स अपना कर आप जिन चीजों को याद नहीं रख पाते, उन्हें जरूर सुधार सकते हैं। दरअसल, हम इन चीजों या बातों को भूले नहीं होते, बस उन काम को करते वक्त ध्यान कहीं और होता है। आप जो काम कर रहे हैं, उस पर अटेंशन और कंसंट्रेशन जरूरी है, खासकर जिन काम या चीजों को आप भूल जाते हैं। अगर आप ध्यान नहीं देंगे तो वह घटना आपकी फर्स्ट मेमरी में ही दर्ज नहीं होगी, तो लॉन्ग टर्म मेमरी में कैसे जाएगी।
कुछ भूलने वाली मुख्य बातें /कामों के उदाहरण से इसे समझते हैं :—-
स्टोव/नल/प्रेस बंद करना—-
अगर आप घर से निकलने के बाद याद करने की कोशिश करते हैं कि नल या स्टोव बंद किया या नहीं और याद नहीं आता है तो अगली बार घर से निकलने से पहले यह तरीका अपनाएं। तेज भागने के बजाय अपनी रफ्तार कम करें और जरा रुकें। फिर से किचन में जाएं। हर अप्लायंस को गौर से देखें कि बंद किया या नहीं। खुद से एक-एक करके बोलें कि स्टोव बंद हो गया…नल बंद हो गया आदि। बाहर निकलकर दरवाजा बंद करने से पहले फिर रुकें। गहरी सांस लें। सोचें कि आप दरवाजा बंद कर रहे हैं। रफ्तार कम होगी और आप सोचने में टाइम देंगे तो भूलने के चांस कम होंगे। इसी तरह अगर आप चाबियां रखकर भूल जाते हैं तो जब चाबी रखने जा रहे हों तो रखने से पहले एक सेकंड के लिए रुकें, लंबी सांस लें, टेबल की तरफ देखें और जोर से बोलें मैं चाबियां रख रहा/रही हूं।
सामान छोड़ना—–
अगर आप अक्सर जरूरी चीजें छोड़ घर जाते हैं तो अपने जरूरी सामान की चेकलिस्ट बना लें। फिर चेकलिस्ट की मदद से बारी-बारी से हर चीज को चेक करें।
चीजें भूलना—-
सबसे पहले तो आपको जो काम करना है, फौरन कर लें। टालें नहीं। टालने से भी भूलने की आदत बढ़ती है। अगर आपको लाइब्रेरी में बुक लौटानी है तो जब आप सोच रहे हों, तभी लौटा दें। वरना कम-से-कम किताब को बाहर ऐसी जगह रखें, जहां से वह आपको बाहर निकलते वक्त नजर आए। इसी तरह स्कूल या ऑफिस के कुछ कागज ले जाना याद रखना है तो आप दरवाजे के ठीक सामने एक बैग या बैकपैक मे सारे कागज रखें।
काम याद न रहना—-
अगर आप रोजाना के काम भूल जाते हैं तो कामों की एक लिस्ट बनाएं। जो काम हो जाएं, उन्हें क्रॉस कर दें। लिस्ट में कैटिगरी बनाकर रखें और उसे हमेशा एक ही जगह पर रखें। अपने कमरे में मिरर पर कार में स्टेयरिंग वील पर, ऑफिस में डेस्कटॉप के साइड में जो काम करने हैं या जिन चीजों को भूल जाते हैं, उनके कलर्ड नोट्स बनाकर लगाएं। इस पर निगाह पड़ेगी तो चीजें याद रहेंगी।
तारीखें याद न रहना—-
खास डेट्स को याद रखने के लिए अपने पास हमेशा एक पोर्टेबल कैलंडर रखें। हर दिन एक तय वक्त पर कैलंडर चेक करें ताकि यह आदत बन जाए। नया साल शुरू होने पर नया कैलंडर खरीदें तो पुरानी सारी डेट्स उसमें ट्रांसफर कर दें। आजकल हर मोबाइल में कैलंडर होता है। उसमें एंट्री कर दें और रिमाइंडर भी सेट कर दें।
नाम याद न रहना—-
अगर किसी से मिलकर उसका नाम भूल जाते हैं तो उसके नाम का जो दूसरा शख्स आपका करीबी है, उससे जोड़कर नाम याद रखें। मसलन मेरे कजन या मेरे फेवरिट हीरो का भी यही नाम है। जब कोई अपना नाम बताए तो उस पर पूरा ध्यान दें। नाम को फिर से मन में रिपीट करें। हो सके तो नाम को जोर से बोलें। थोड़ी-थोड़ी देर में नाम दोहराएं। इसी तरह किसी चीज को याद रखने के लिए उसे किसी चीज से जोड़कर याद करें जैसे कि सेब को लाल रंग से जोड़ सकते हैं।
नंबर याद न रहना—-
लंबे नंबरों को एक बार में पूरा याद करने के बजाय टुकड़ों में याद करें। जैसे कि 4815613572 को एक बार में याद करने के बजाय 481-5613-572 तीन हिस्सों में तोड़कर याद करें। इससे भी बेहतर है कि आप 0 से 9 तक हर नंबर को किसी विजुअल से जोड़ लें। जैसे कि 0 से फुटबॉल , 1 से डंडा, 2 से बतख आदि। फिर जो भी नंबर हों, उन्हें इस विजुअल्स के जरिए कहानी का हिस्सा बना दें।
पढ़ाई को याद रखने के टिप्स—-
– लगातार पढ़ने के बजाय हर 50 मिनट बाद 10 मिनट का ब्रेक लें। फिर पढ़ें। रेग्युलर तौर पर पढ़ें, न कि एग्जाम से पहले मैराथन पढ़ाई ।
– पढ़ाई करते हुए म्यूजिक सुनना चाहते हैं तो इंस्ट्रूमेंटल सुनें और यह डिस्टर्ब करने वाला न हो।
– पढ़ाई की जगह तय करें। रोजाना उसी जगह पर पढ़ने से दिमाग खुद को पढ़ाई के लिए तैयार कर लेता है।
– एक दिन में एक ही सब्जेक्ट पढ़ने के बजाय दो-तीन सब्जेक्ट की पढ़ाई करें यानी वैरायटी लाएं।
– जो पढ़ रहे हैं, उसमें खुद को इनवॉल्व करें। सिर्फ पढ़ते जाने के बजाय आप सोचें कि आप क्या पढ़ रहे हैं? उसके बारे में सवाल बनाएं और खुद से उनके जवाब पूछें। यह भी पूछें कि आगे क्या हो सकता है और क्यों? सोचें कि जो पढ़ा, उसके मेन पॉइंट क्या थे। मन में समरी तैयार करें।
– आप जो पढ़ रहे हैं, उसे विजुअलाइज करें। खुद को उस कैरक्टर में फिट करके या उस जगह पर रखकर देखें। उसकी पिक्चर तैयार करें। जैसे कि झांसी की रानी को तौर पर खुद को विजुअलाइज करें। जितना आप सीन में खुद को फिट करेंगे, उतना ही ज्यादा आपको याद रहेगा। पढ़ाई में लॉ ऑफ गिविंग को अपनाएं। यानी अपने सब्जेक्ट से किसी करेक्टर को जोड़ दें और जो पढ़ा, सब उसे दे दें या उसमें समाहित कर दें। जैसे कि अगर टीबी की प्रॉपटीज याद करना है तो अगर गब्बर सिंह आपको पसंद है, उसे टीबी से जोड़ लें। मसलन टीबी में जुकाम हो जाता है तो सोचें कि गब्बर सिंह को जुकाम हो गया। टीबी से लंग्स खराब हो जाते हैं तो सोचें कि गब्बर के लंग्स बाहर निकल रहे हैं और सांबा उन्हें पेचकस से कस रहा है। टीबी में बाल झड़ जाते हैं तो देखें कि गब्बर के बाल झड़ रहे हैं। इसी तरह प्लास्टिक की प्रॉपर्टीज़ याद करना है तो अपने किसी करीबी दोस्त को विजुअलाइज करें। प्लास्टिक लाइट होता है तो सोचें कि वह पतला है। प्लास्टिक में जंग नहीं लगता तो सोचें कि उसे माथे पर बल नहीं पड़ते। प्लास्टिक का लो मेल्टिंग पॉइंट होता है तो सोचें कि दोस्त की नाक बह रही है। प्लास्टिक की मेंटनेंस कम होती है तो दोस्त कम खाना खाता है। इस तरह आप हर प्रॉपर्टी से दोस्त को जोड़ दें। फिर वह कभी नहीं भूलेगा।
– अब पूरे चैप्टर को पढ़ें। पहली बार में अंडरलाइन न करें। ऐसा करेंगे तो आप बहुत सारे पॉइंट्स को अंडरलाइन कर लेंगे, जो कि इम्पोर्टेंट नहीं होंगे। जो पॉइंट अंडरलाइन किए हैं, उनके बारे में सोचें।
– अब मुख्य सवालों के जवाब जोर से बोलें। जितनी देर आप पढ़ते हैं, उसमें से कम-से-कम आधा टाइम पढ़े हुए को जोर से बोलकर बिताएं।
– क्लास में नोट्स उतारते वक्त भी उन पर गौर करें। यह सोचकर न लिखें कि अभी लिख लेता हूं, बाद में पढ़ लूंगा। लिखते हुए ही मन में दोहराएं भी। टीचर की हर बात को लिखने के बजाय जो इम्पोर्टेंट हो, उसे नोट करें। बाकी को छोड़ दें।
– एक बार याद करने के बाद फिर से दोहराएं। 24 घंटे बाद पहली बार और एक हफ्ते बाद दूसरी बार जरूर दोहराएं।
– जो पढ़ा है, उसे किसी ऐसी चीज से जोड़कर याद करें, जिसे आप पहले से जानते हों। आपने जो पढ़ा है, उसे लेकर कोई कविता, गाना आदि भी बना सकते हैं।
– जो नया पढ़ा, उसे फ्रेंड को पढ़ाने की कोशिश करें। उसे तभी पढ़ा या समझा पाएंगे, जब आपको वह टॉपिक बिल्कुल क्लीयर होगा।
– अपने पढ़ाई के रुटीन में बदलाव करते रहें। एक ही तरीके से एक ही समय पर लगातार पढ़ने से बोरियत होती है और पढ़ाई में मन नहीं लगता।
मेंटल जिम में जाएं—-
रोजाना दिमाग की एक्सर्साइज करें। इसके लिए क्रॉसवर्ड्स, सुडोकू जैसे पहेलियां या चेस जैसे गेम खेलना ही जरूरी नहीं है। बल्कि ऐसा कोई भी काम करें, जो आपको पसंद हो। जिससे अच्छा महसूस हो। किसी को डांस पसंद हो सकता है, तो किसी को पेंटिंग। पुरानी अल्बम देखना या कॉमिक्स पढ़ना। अपनी पसंद के काम के लिए रोजाना आधा घंटा जरूर निकालें।
इन उपायों द्वारा रखें मेमरी…याददाश्त सही/ बरकरार—
1. रेस्ट करें। रोजाना 7-8 घंटे जरूर सोएं।
2. खूब फल खाएं।
3. खुश रहें और खुश रहने के बहाने तलाशें।
4. कुछ हटकर करें, ऐसा कुछ जो पहले न किया हो। कुछ नहीं सूझ रहा तो उलटे हाथ से ब्रश या कंघी करना, दूसरे रूट से जाना जैसे चीजें भी कर सकते हैं।
कब होता है मेमरी लॉस…???
अल्टशाइर्म्स और डिमेंशिया के मरीजों को असल में मेमरी लॉस की शिकायत होती है। इसकी वजह ऑर्गेनिक होती हैं यानी दिमाग में प्रॉब्लम होती है और ब्लड सप्लाई कम हो जाती है। ऐसे मरीजों के लिए एक छोटा-सा मेंटल स्टेट एग्जामिनेशन टेस्ट होता है। इसमें मरीज से कुछ सवाल पूछे जाते हैं। न्यूरोलॉजिस्ट या सायकायट्रिस्ट या दोनों मिलकर यह टेस्ट करते हैं। दिक्कत होने पर ब्लड टेस्ट, एमआरआई और ईईजी जैसे कुछ और टेस्ट होते हैं। फिर मरीज के लिए मेडिकेशन और थेरपी तय की जाती हैं। ऐसे मरीजों को हर छोटे-बड़े काम के लिए डायरी मेंटेन करने की सलाह दी जाती है। अल्टशाइर्म्स और डिमेंशिया जैसी बीमारी अक्सर उम्र बढ़ने पर होती हैं लेकिन उम्र बढ़ने पर मेमरी कम होगी ही, यह जरूरी नहीं है। बस आपको उसे फिट रखने के लिए कोशिश करनी होगी।
होम्योपैथी में इलाज—-
सबसे पहले डॉक्टर देखते हैं कि प्रॉब्लम अटेंशन की है या रिकॉल की। ज्यादातर मामलों में प्रॉब्लम अटेंशन की होती है। रिकॉल की समस्या गिने-चुने मामलों में होती है, जो अल्टशाइमर्स या डिमेंशिया जैसी बीमारियों की वजह से होता है।
अटेंशन को बेहतर बनाने के लिए बीमारी के कारण, हिस्ट्री आदि जानकर निम्न दवाएं दी जाती हैं:
एनाकार्डियम (Anacardium) 30, फॉस्फोरस (Phosphorus) 30, कैली फॉस (Kali phos) 6x, जेलसियम (Gelsium) 30, आर्सेनिक अल्बम (Arsenic Album) 30। इनमें से सिर्फ कैली फॉस ऐसी दवा है, जिसे आमतौर पर डॉक्टर एग्जाम आदि के दिनों में स्टूडेंट्स को भी देते हैं, ताकि उनका अटेंशन बेहतर हो सके।
नोट : इनमें से कोई भी दवा डॉक्टर से बिना पूछे न लें।
तकनीक का भी लें सहारा—–
Improve Memory Naturally: इस फेसबुक पेज पर मेमरी बढ़ाने के लिए तमाम चीजें दी गई हैं। कई अच्छी एक्सर्साइज भी हैं।
Improve Memory: इस ब्लॉग पर ऐसी तमाम तकनीक और जानकारी दी गई है, जिसकी मदद से आप बेहतर तरीके से चीजों को याद रख सकते हैं।
Memory Trainer: इस ऐंड्रॉयड ऐप के जरिए दिमाग की बत्तियां जलाने वाली कई एक्सर्साइज कर सकते हैं। इस ऐप को गूगल स्टोर से फ्री में डाउनलोड कर सकते हैं।
Auto Memory Manager: बीते साल के कुछ बेहतरीन ऐप्स में से रेट किया गया था इस ऐंड्रॉयड ऐप को। यह फ्री में आपकी मेमरी को बेहतर बनाने में मदद करता है।

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