वास्तु अनुसार सजाएं गेस्ट रूम (वास्तु एवं गेस्ट रूम/मेहमान कक्ष)—-
आजकल बदलते वातावरण के साथ-साथ बदलते आशियानों का माहौल भी कुछ अलग-सा ही होता है। जब घर में मेहमान आते हैं तो हम उनकी खातिरदारी में कोई कसर नहीं रखते सिवाय एक बात के। वह यह कि जितना हम उनकी पसंद-नापसंद का खयाल रखते हैं, उतना ही अनदेखा उनके कमरों को कर देते हैं।
अतिथि देवो भव’ भारतीय संस्कृति में अतिथि को भगवान का दर्जा दिया गया है।
अतः मेहमान का स्वागत-सत्कार करने की हमारी परम्परा रही है। प्राचीन काल से चली आ रही यह प्रथा आज भी जारी है।
प्रायः देखा जाता है कि अतिथि के सोने के लिए कोई विशेष कमरा नहीं होता। इसका एक बड़ा कारण घर में सीमित कमरे होना या फिर गेस्टरूम में कुछ असुविधाएँ होना है। परंतु गेस्टरूम व गेस्ट भी हमारे अपने हैं। अतः इस पर विशेष ध्यान देना जरूरी होता है।अपने आवास का निर्माण करते समय इस बात का ध्यान रखें कि कई कमरों में एक कमरा मेहमान का होना चाहिए। वह कमरा कौन-सा हो, कहां स्थित हो आदि के बारे में वास्तुशास्त्र द्वारा निर्देश इस प्रकार हैं :-
—–इस कमरे में सबसे ज्यादा ध्यान देने योग्य बात यह है कि यहाँ पर्याप्त वेंटीलेशन हो। जिसमें आप कमरे में परिवारजनों का फोटो, म्यूरल व पेंटिंग आदि भी लगा सकते हैं।
—-कमरे में एक ऐसी अलमारी की व्यवस्था हो, जिसके ऊपरी भाग में मेहमान अपना सामान रख सकें और नीचे के हिस्से में आप ज्यादा उपयोग में न आने वाली वस्तुएँ रख सकते हैं।
—–गेस्टरूम को आप गेस्टरूम कम एक्टिविटी रूम भी बना सकते हैं। जिसमें म्यूजिक सिस्टम, होम थिएटर, कम्प्यूटर आदि भी रख सकते हैं। याद रखें कि इस कमरे में केवल वही सामान रखें, जिसकी जरूरत आपको रोजाना न पड़ती हो या बहुत कम प़ड़ती हो।
——अतिथि को ऐसे कमरे में ठहराना चाहिए, जो अत्यंत साफ व व्यवस्थित हो। जिसे देखकर मेहमान का मन खुश हो जाए।
—-कभी भी गेस्टरूम में भारी लोहे का सामान नहीं रखना चाहिए, अन्यथा अतिथि को लगेगा कि उसे बोझ समझा जा रहा है। इस अवस्था में मेहमान तनाव महसूस कर सकता है।
—-अतिथि कक्ष में डेकोरेशन का खास तौर पर ख्याल रखना चाहिए। सजावटी वस्तुओं में ऐसी तस्वीरें लगाने से बचें-जैसे, जंगली जानवर, रोते हुए बच्चे, नंगे बच्चे, युद्ध के दृश्य, भगवान के चित्र, पेड़ आदि के चित्र। उनकी जगह झरने का चित्र लगा
सकते हैं।
—-मेहमान को जिस कमरे में ठहराया जाए, उस कमरे की दीवारों का रंग-रोगन हल्का रखें तो बेहतर है।
——अतिथि कक्ष में सोफासेट की व्यवस्था करना शुभ है।
——सोफासेट पर मैरून व हल्के रंग की चादर, दरी या कालीन बिछाएं तो अतिथि खुश रहेगा।
——इस कक्ष में कूलर की व्यवस्था करनी हो, तो उसकी दिशा पश्चिम में स्थित होनी चाहिए।
——मेहमान कक्ष में बैठने की व्यवस्था इस प्रकार से करें कि मेहमान से बात करते समय परिवार के मुखिया का चेहरा उत्तर-पूर्व या ईशान-कोण में रहे।
—–गेस्टरूम को घर की दक्षिण-पश्चिम दिशा में नहीं बनाना चाहिए क्योंकि यह दिशा केवल घर के स्वामी के लिए होती है।
—–आप गेस्टरूम को उत्तर-पश्चिम दिशा में बना सकते हैं। यह आपके मेहमानों के ठहरने के लिए सबसे सुविधाजनक दिशा है।
—–आप आग्नेय कोण अर्थात दक्षिण पूर्वी दिशा में भी गेस्टरूम बना सकते हैं। गेस्टरूम का दरवाजा भी वास्तु के अनुसार हो तो बहुत अच्छा होता है।
——उत्तर-पूर्वी दिशा में बना पूर्वमुखी या उत्तरमुखी दरवाजा गेस्टरूम के लिए सबसे उत्तम होता है।
——-यदि गेस्टरूम वायव्य कोण (उत्तर-पश्चिम)या आग्नेय कोण में है तो आपको इस रूम का बाथरूम नैऋत्य कोण में बनाना चाहिए और उत्तर पूर्वी कोने में एक खिड़की जरूर रखना चाहिए।
—–जहाँ तक हो सके गेस्टरूम में ही लेटबाथ अटैच बनाए पर यदि यह संभव नहीं हो तो कोशिश करें कि गेस्टरूम के समीप ही कॉमन लेटबाथ की व्यवस्था हो सकें। इससे आपके घर आए मेहमानों को परेशानी नहीं होगी।
—–यदि गेस्टरूम छोटा है तो आप फोल्डिंग बेड, सोफा कम बेड या दो अलग-अलग बेड का भी इस्तेमाल कर सकते हैं, जिससे कमरा भरा-भरा भी नहीं दिखेगा व सुविधायुक्त भी रहेगा।
—–जहाँ तक हो सके कमरे की सजावट व रंग-रोगन सामान्य हो इस बात पर विशेष गौर फरमाएँ। ज्यादा चटकीले रंग व गेस्टरूम में की गई भड़कीली सजावट अतिथि को आपसे भिन्न होने का एहसास दिला सकती हैं।
—– यदि आपने फ्लैट में मकान खरीदा है या आपका स्वतंत्र बंगला या मकान है। अगर आपके पास . बेडरूम से ज्यादा कमरे हैं तो आप एक बेडरूम को गेस्टरूम में तब्दील कर सकते हैं। जिससे आप घर आने वाले मेहमानों की उचित ढंग से देखभाल कर सकें।
—–पश्चिम एवं उत्तर दिशा में स्थित वायव्य कोण में बने कमरे का यदि ड्राइंगरूम या गेस्टरूम के रूप में प्रयोग करें तो मेहमानों को वहां रहना तो अच्छा लगेगा ही, साथ ही वे आपके प्रशंसक भी बनेंगे। वैसे, वायव्य कोण भी आने-जाने वालों के लिए उत्तम स्थान है।
—–मेहमान के कमरे के लिए अलग से एंट्री बनाएं। घर के बीचों-बीच ब्रह्म स्थान खाली हो, तो उत्तर की ओर सीढि़यां बनवाकर पहली या दूसरी मंजिल पर गेस्ट रूम बनाया जा सकता है।
—— इस बात का ध्यान रखें कि यह कमरा अन्य बेडरूम के समीप हो, जिससे अतिथि खुद को आपसे अलग न समझ सकें।
——फूल हर किसी का ध्यान अपनी ओर खींच लेते हैं और जब गेस्ट रूम में फूलों को सजाया जाएँ तो मेहमानों की उन पर नजर पड़ना स्वभाविक है। यदि आप अपने गेस्ट रूम को फूलों से सजाकर नया लुक देना चाहते हैं तो एक बार ‘लेमनी फूल सज्जा’ को जरूर ट्राय करें। इसके लिए एक नाव के आकार का गुलदान या लंबी ट्रे लें। इस ट्रे या गुलदान में हमें करना है लाइम और लेमनी फूल सज्जा। लाइम यानी हरी और लेमनी यानी पीली। इसके लिए आपको पीले गुलाब के फूल और खुशबूदार हरे पत्तों की जरूरत होगी। नीबू व आम के पत्ते काफी अच्छी महक देते हैं।
इस प्रकार का एक गेस्ट रूम तैयार करवाकर आप अपने मेहमानों का दिल से स्वागत। जिसे देखकर आपके आने वाले गेस्ट तो खुश होंगे ही। आप भी अपने इस फैसले पर फूली नहीं समायेंगे तो सजाइए फटाफट एक गेस्टरूम और बुला भेजें एक कौवे को जो दे आएगा निमंत्रण आपके प्यारे मेहमानों को घर आने के लिए….