स्किन प्रोब्लम का कारण हें—बुध एवं केतु—-
( ग्रहों को मनाइये त्वचा रोग भगाइए..)
त्वचा के रोग: —-बुध तरह-तरह से एलर्जी उत्पन्न करते हैं। त्वचा के रोग केतु भी उत्पन्न करते हैं। बुध रसायनों से एलर्जी देते हैं और केतु बैक्टीरिया के कारण एलर्जी उत्पन्न करते हैं। केतु खुद भी सूक्ष्मकाय हैं और सूक्ष्म जीवों के देवता हैं। इन दोनों की दशा-अन्तर्दशाओं में त्वचा के रोग उभर कर सामने आते हैं। दाद, खुजली, एग्जिमा, त्वचा का जल जाना, त्वचा पर रिंकल्स और त्वचा का जवान या बूढ़ा होना बुध या केतु पर निर्भर करता है। त्वचा पर ग्लेज है या नहीं, यह तय करने में और ग्रह भी भूमिका अदा करते हैं जिनमें बृहस्पति भी हो सकते हैं। अब यदि आप एंटी एजिंग क्रीम लगाएं और बुध या केतु आपकी मदद नहीं करें तो वह क्रीम लगाना बेकार हो जाएगा। अगर इन ग्रहों की पूजा-पाठ कर सकें या उनका रत्न पहन सकें तो एंटी एजि क्रीम की आवश्यकता ही बहुत कम प़डेगी।
एक और तथ्य है जिसका आयुर्वेद भी समर्थन करता है। यदि हम शाक-सब्जी के अलावा ऎसी ज़डी बूटियों का प्रयोग करें जो केतु या बुध की कृपा से उत्पन्न होती हैं तो एंटी एजिंग की समस्याएं अपने आप ही दूर हो जाएंगी। आप देखेंगे कि जिनके लग्न से या लग्नेश से बुध या केतु का संबंध होता है तो उनको एंटी एजिंग क्रीम या अन्य त्वचा प्रसाधनों की इतनी आवश्यकता नहीं प़डेगी, पर वही केतु अगर दूसरे भाव में बैठकर खराब हो जाए तो वह व्यक्ति कम उम्र का होकर भी अधिक उम्र वाला दिखेगा। यदि मंगल का लग्न और लग्नेश से संबंध हो जाए तो व्यक्ति अपने आप ही मॉर्निग वॉक करता है, कसरत करता है, खेलों में शामिल रहता है और उसका खान-पान इतना परिष्कृत हो जाता है कि वह उम्र से कम दिखने लगता है। मेरा तो वैसा भी अनुभव है कि जो लोग रेगुलर मॉर्निग वॉकर होते हैं वे अपनी उम्र से दस-पन्द्रह वर्ष कम दिखते हैं और मॉर्निग वॉकर बनाने में मंगल सबसे अव्वल है। यदि कुण्डली मे मंगल बलवान हों तो भी वही परिणाम आते हैं अन्यथा मंगल की प्रसन्नता के लिए मंत्र-मणि और औषधि का प्रयोग किया जाना उचित रहेगा।
सन स्ट्रोक, सन बर्न : —गर्मी में जन्मे व्यक्ति, खासतौर से मिथुन राशि के सूर्य मे जन्मे व्यक्ति अपना हाथ या चेहरा दोपहर के सूर्य के सामने कुछ मिनटों के लिए भी कर दें तो उनकी त्वचा पर धब्बे प़ड जाते हैं या त्वचा काली प़ड जाती है। ये व्यक्ति यदि अपने हाथों को ढककर रखें तो इस समस्या से बच सकते हैं। आप पाएंगे कि सर्दियों में इन लोगों के हाथ या चेहरा गोरा हो जाता है और गर्मियों मे काला प़ड जाता है। बुध की राशियों में सूर्य हों या बुध अस्त हों या बुध वक्री हों या बुध, केतु के साथ हों तो त्वचा की समस्या आती है और सूर्य देवता उसमें सहयोग दे देते हैं परन्तु अग्निकाण्ड मे शरीर जल जाता है। उसमें सूर्य केवल त्वचा पर असर नहीं डालते वरन् सारे शरीर को और रक्त मांस-मज्जा को भी झुलसा देते हैं। सूर्य-मंगल युति अक्सर अग्नि से दाह पैदा करती है। अग्नि से झुलसे हुए लोगों का साधारण उपायों से इलाज नहीं किया जा सकता और वह समय जन्मपत्रिकाओ के अधीन होता है। मोटापा,चर्बी व शारीरिक असंतुलन: बृहस्पति यदि वक्री हों या अस्त हों तो तेज गति से मोटापा देते हैं। बृहस्पति अच्छी राशियों में हों तो मोटापा अनियंत्रित रूप से नहीं बढ़ता बल्कि स्वाभाविक विकास के कारण होता है। थॉयरायड की समस्या में बृहस्पति का योगदान नहीं होता और उसके कारण जो मोटापा बढ़ता है, उसमें बुध का सहयोग होता है। गले के या वाणी के कारक बुध हैं। श्वास नली का गले वाला क्षेत्र बुध से प्रभावित होता है। जन्मपत्रिकाओं का दूसरा भाव श्वास नली के रोगों से संबंधित होता है परन्तु श्वास नली में कैंसर या ट्यूमर होता है तो उसका कारण शनि-मंगल या राहु होते हैं। साधारण ढंग से मोटापा जब बढ़ता है तो बृहस्पति का पूजा पाठ, बृहस्पतिवार का व्रत इत्यादि मदद करते हैं। कई ज़डी-बूटियां ऎसी होती हैं जो बृहस्पति का शमन करती हैं। बृहस्पति चेहरे पर ओज देते हैं। त्वचा की कांति में भी बृहस्पति का योगदान होता है। चेहरे पर मेद बृहस्पति के कारण आता है। कई बार मोटापा और चेहरे पर कांति साथ-साथ बढ़ते हैं, फिर कांति स्थिर हो जाती है और मोटापा और भी ज्यादा बढ़ जाता है। भारतीय मायथोलॉजी के अनुसार कर्मो की शक्ति भी चेहरे पर ओजस्विता लाती है। चेहरे पर कांति से ब़डा कोई सौन्दर्य प्रसाधन हो ही नहीं सकता परन्तु केतु की तरह ही बृहस्पति भी उम्र से जल्दी बूढ़ा करा सकते हैं। रक्त दोष, पित्त: मंगल रक्त विकारों के ग्रह हैं। चेहरे पर लालिमा, बदन पर लालिमा, हाथों में गुलाबीपन, सुन्दर गुलाबी अंगुलियां और आंखों में नशा। साहसपूर्ण प्रतिमा, आत्मविश्वास और मुकाबले को तैयार भाव भंगिमा। यह सब मंगल की देन है। मंगल कुण्डली में बहुत बलवान हों तो हीमोग्लोबिन बढ़ा देंगे और लाल रक्त कणों की संख्या बढ़ा देंगे। जरा से आवेश में चेहरा लाल सुर्ख हो जाएगा। चेहरे के उतरते-चढ़ते भाव किसी मॉइश्चराइजर को टिकने ही नहीं देंगे। इन्हें कोई सौन्दर्य प्रसाधन चाहिए ही नहीं। आत्मविश्वास ही इनका सबसे ब़डा आभूषण है परन्तु पित्त से, मंदाग्नि से, पाइल्स से और ब्लड प्रैशर जैसी समस्याओं से ग्रस्त रहेंगे। मंगल अच्छे हुए तो ढंग से जी जाएंगे और मंगल खराब हुए तो बीच जवानी में तकलीफें आनी शुरू हो जाएंगी।

1 COMMENT

  1. My dob is 7-.-.996
    Time 4AM
    Place Delhi.
    I HV a lot of skin problem like acne pimples blackheads in neck unwanted hair on chin n cheeks and irregular periods I want to know that which planet is behind all these causes till when I HV to get suffer and what’s the remedy pls tell me

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