राहू रहस्य :–पंडित राजन शर्मा —–
राहू-केतु चूंकि कर्म नियंत्रक ग्रेह है इनके विषय में मेरा शोध थोडा व्यवहारिक और चकित करने वाला है , यही दोनों इंसान को कई जन्मों तक पितृ दोष के चक्रवयुह में फंसा कर रखते हैं और जब तक उन सारे लोगों का हिसाबकिताब चुकता नहीं करवा देते जिनके साथ किसी भी प्रकार का ‘हक़-मार’ या ‘अन्याय’ या ‘धोखा’ किया हो चाहे वो किसी जानवर को ही कष्ट पहुंचाया हो जैसे कुत्ते को मरवाना , सर्प हत्या करना , मासभक्षण के लिए जीव हत्या करना या भ्रूण हत्या या अपने दोस्त और रिश्तेदार के साथ धोखा करना तब तक हमारी कुंडली में राहू और केतु पितृ-दोष या सभी ग्रहों को बांध कर काल सर्प योग का निर्माण पीढ़ी दर पीढ़ी करते रहते हैं ….. और जब तक जातक का केतु पूरण रूप से खराब नहीं हो जाता तब तक पीछा नहीं छोड़ते या यूं कह लीजिये जिस जन्म में वंश वृद्धि रुक जाती है उस जन्म में मुक्ति की सम्भावना प्रबल हो जाती है यानि केतु+पंचमेश ६/८/१२ में हो , जिस जन्म में केतु खराब मिल गया समझो सबका हिसाब चुकता हो गया …
अब बात कर लेते हैं उपाय की कौन सा ऐसा उपाय है जो जातक राहू की क्रूरता से मुक्ति पा सके वो है केवल ‘त्याग’ यानि सांसारिक रहते हुए यदीं हम उस सुख का त्याग ही कर दें जिस के विषय में हमारी कुंडली राहू के कु-प्रभाव में हो यकीं मान लीजिये जीवन दुखों से मुक्त हो जाता है
{जैसे सप्तम राहू होतो विवाह बिलकुल न करें}
{पंचम राहू हो तो संतान का मोह या विचार त्याग दें}
{चुतर्थ और दशम राहू और केतु हो माता-पिता का घर ही त्याग देना ही एक महा उपाय होता है}
…और कहीं यदीं सारे ग्रेह् राहू – केतु की लपेट में हो जिसे हम तथाकथित नाग पाश या काल सर्प कहते हैं उसे तो पूरे परिवार का मोह त्याग कर एक बार तो समाज सेवा में , राजनीती आदि में उतर जाना चाहिए ताकि एक बार तो सब सुख त्याग कर जन कल्याण में जीवन को झोंक देना चाहिए फिर देखिये कैसे मरणोपरांत भी संसार में यश रहता है नहीं यकीं तो बड़े बड़े राज नेतायों , शहीदों , संतों और कर्मयोगी बिजनस-मैन्स की ”काल सर्प युक्त” कुंडली की विवेचना और उनकी जीवन शैली का आकलन कर लीजिये सब मालूम हो जायेगा …..
परेशानी ये है की साधारण लोगों को सांसारिक सुखों से मोह है , वो विवाह , सन्तान को ही सब कुछ समझते हैं उनके लिए ये व्यवहारिक और अध्यात्मिक उपाय बहुत मुश्किल है आप सामने वाले लाख समझा लो की तुम्हारी कुंडली में सप्तमेश और राहू अष्टम है विवाह करवाते ही पूर्व जन्म का श्राप जाग जायेगा शादी मत करना तो या तो वो ज्योतिषी को ही मूर्ख कहेगा या कहेगा महाराज जी इसका कोई उपाय तो होगा :))
लोगों को नारियल , सिक्का , जौं , मूलियाँ , नील , सर्प , कम्बल वाले उपाय चाहिए जो की और भी उलझा देते हैं या फिर कोई घर बैठे करने वाला मन्त्र चाहिए जो की संसार में ईमान को ताक पर रख कर, स्वार्थी हो कर किया जाता है जैसे देवता सिर्फ मन्त्र की ध्वनी सुनते हैं बाकी झूठ-चोरी-चकारी तो देखते ही नहीं हैं …. और अफ़सोस हमे अपना खोखला वर्चस्व बचने के लिए वही उपाय करवाने पड़ते हैं जो जनता को मन भाते हैं :((
इसीलिए गुरु नानक जी में कहा है ”नानक दुखिया सब संसार” और इन चीज़ों से लाख उपाय कर लीजिये ,,,,दुखी रहेगा ही …..!!!!!!!!

4 COMMENTS

  1. thanks sir life me first time itna practically artical pada.aapne satya kaha adikter log shadi aur santan ko hi jivan ka uddeshya man lete hai,thanks sir again..

  2. Many many thanks to you because your artical on RAHU & KETU are true according to placement of RAHU & KETU. I request you please give us this type of details information on other planet also.
    Thanks with regards
    Dhananjay Kr. Singh

    • consultation fee—
      for kundali—…0/-
      for vastu 5100/- ( 1000 squre feet)
      for palm reading/ hastrekha–1500/-
      ———————————————–
      (A )MY BANK a/c. No. FOR- PUNJAB NATIONAL BANK- 4190000100154180 OF JHALRAPATAN (RA.). BRANCH NO.-
      ======================================
      (B )MY BANK a/c. No. FOR- BANK OF BARODA- a/c. NO. IS- .9960100003683 OF JHALRAPATAN (RA.). BRANCH NO.-
      ============================================= (c) MY BANK a/c. No. FOR- STATE BANK OF BIKANER & JAIPUR;/ BRANCH-JHALRAPATAN (RA.). IS- 61048420801/; BRANCH NO.-
      ===============================================
      कैसा होगा आपका जीवन साथी? घर कब तक बनेगा? नौकरी कब लगेगी? संतान प्राप्ति कब तक?, प्रेम विवाह होगा या नहीं?वास्तु परिक्षण , वास्तु एवं ज्योतिषीय सामग्री जैसे रत्न, यन्त्र के साथ साथ हस्तरेखा परामर्श सेवाएं भी उपलब्ध हें.
      ज्योतिष समबन्धी समस्या, वार्ता, समाधान या परामर्श के लिये मिले अथवा संपर्क करें :-
      प. दयानंद शास्त्री,
      मोब.—-..,
      ..No.-.(RAJ.),

    • consultation fee—
      for kundali—…0/-
      for vastu 5100/- ( 1000 squre feet)
      for palm reading/ hastrekha–1500/-
      ———————————————–
      (A )MY BANK a/c. No. FOR- PUNJAB NATIONAL BANK- 4190000100154180 OF JHALRAPATAN (RA.). BRANCH NO.-
      ======================================
      (B )MY BANK a/c. No. FOR- BANK OF BARODA- a/c. NO. IS- .9960100003683 OF JHALRAPATAN (RA.). BRANCH NO.-
      ============================================= (c) MY BANK a/c. No. FOR- STATE BANK OF BIKANER & JAIPUR;/ BRANCH-JHALRAPATAN (RA.). IS- 61048420801/; BRANCH NO.-
      ===============================================
      कैसा होगा आपका जीवन साथी? घर कब तक बनेगा? नौकरी कब लगेगी? संतान प्राप्ति कब तक?, प्रेम विवाह होगा या नहीं?वास्तु परिक्षण , वास्तु एवं ज्योतिषीय सामग्री जैसे रत्न, यन्त्र के साथ साथ हस्तरेखा परामर्श सेवाएं भी उपलब्ध हें.
      ज्योतिष समबन्धी समस्या, वार्ता, समाधान या परामर्श के लिये मिले अथवा संपर्क करें :-
      प. दयानंद शास्त्री,
      मोब.—-..,
      ..No.-.(RAJ.),
      “आओ भरले इन रंगो को हम सब ही के जीवन मे, खुशियो को सतरंगी करले हम सब के ही जीवन मे, फ़ेंक उदासी झूमो गाओ हर चेहरा इन्द्रधनुषी हो जाये, मुस्कानो की फ़सल उगादे हम सब के ही जीवन मे,
      u can call me–09024390067(rajasthan)…(uttarakhand.)..mob.– 09711060179(delhi)…..waiting.
      मक्की की रोटी नींबू का अचार
      सूरज की किरणें खुशियों की बहार
      चांद की चांदनी अपनॊं का प्यार
      मुबारक हो आपको होली का त्यौहार।
      एक ऐसा त्यौहार जिसमें मानो दुनिया की समस्त उदासी , हताशा ,निराशा ,,रंगों की अद्भुत छटा में आनंद में परिवर्तित हो जाती है ……….गरीब अमीर …सुंदर असुंदर ..छोटे बड़े ..ऊँचे नीचे ..सब भेदभाव होली रंगों से सराबोर होकर एक हो जाते हैं …..मानो सब पर एक दीवानगी सी छा जाती है ..हमें गर्व है की हमने उस देश में जन्म लिया है जहां होली जैसा त्यौहार मनाया जाता है ….हमें गर्व है की हमने दुनिया के महानतम हिंदू धर्म में जन्म लिया है ..जिसमें स्वयं परमात्मा —कृष्ण रूप से प्रगट होकर पावन धरा पर आनंद की वो धारा बहा देते हैं की हजारों वर्ष बीत जाने पर भी जो कृष्ण के प्रेम में रंग जाता है वो स्वयं आनंद का सिंधु बन जाता है ……..होली पर यूँ तो सब और रंगों की बहार दिखाई देते है लेकिन आनंद की इस पावन धरा पर कुछ लोग बहुत ही दुर्भाग्य शाली हैं ..हम तो अपने नटखट कान्हा की अद्भुत लीलाओं में मगन हैं ….

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here