भावांजलि-श्रद्धांजलि —


आगामी ..  अप्रेल,2.14  को  मेरी पूज्य माताश्री स्वर्गीय श्रीमती कमला देवी शर्मा की सप्तम / सातवी  पुण्य तिथि (स्मृति दिवस ) हैं..वह मुझे अकेला छोड़कर 21 अप्रेल,2008  में ब्रह्मलीन हो गयी थी, 
गत वर्ष .0  जुलाई,2013  को मेरे पूज्य पिताश्री भेरू लाल जी शर्मा भी मुझे छोड़कर चले गए ..
में उन्हें इन शब्दों द्वारा उन्हें भावांजलि-श्रद्धांजलि  अर्पण करता हूँ–

===माँ====
(सादर समर्पण–पंडित “विशाल” दयानंद शास्त्री )

हमने ना जाना क्या होती हैं माँ,
दर्द होता हैं तो रोती हैं माँ,
खुश हम हो तो सुकून से सोती हैं माँ,
जो हमारे जीवन को सँवार दे,
जो हम पर खुशियां निसार करें,
जो सब कुछ छोड़कर हमें प्रेम दे,
सागर का अनमोल मोती हैं माँ,
इज्जत कर लो ऐ नादानों माँ की,
जन्नत में हम से पहले दाखिल होती हैं माँ,
वो इस तरह हमारे गुनाहों को धो देती हैं,
जब माँ बहुत नाराज हो तो रो देती हैं माँ,
लबों पर उसके कभी बददुआ नहीं होती,
दुनिया में बस एक मेरी माँ थी जो कभी मुझसे नाराज नहीं हुई,
जब भी जिंदगी मेरी मजधार में आई,
मेरी माँ दुआ करते हुए मेरे सपनों में आई,
कुरान में भी “माँ” के प्रेम मिसाल इस तरह मिलती हैं,
की जन्नत उठा के माँ के कदमों में डाल दो..

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