आज रात्रि को होगा दुर्लभ कालसर्प योग-(षडय़ंत्र या कुछ गोपनीय बातें सामने आने के योग –)——-
आज शनिवार, .6 जून,..12 की रात 10 बजे सारे ग्रह राहु और केतु के बीच में आ जाएंगे। जिससे सैकड़ों साल बाद अद्भुत दुर्लभ कालसर्प योग बनेगा। ग्रहों की यह स्थिति 1 जुलाई तक रहेगी। इसी दौरान 26 जून को शनि भी अपनी चाल बदलेगा। ये घटना बहुत ही दुर्लभ होगी ।
पिछले 100 से अधिक वर्षों/सालों में ऐसा देखने में नहीं आया कि शनिवार को शुरू होने वाले कालसर्प योग के चलते शनि ने अपनी चाल बदली हो। कालसर्प योग खत्म होने के कुछ ही दिनों पहले शनि सीधा होगा। कालसर्प के इन 15 दिनों में से 10 दिन तो शनि टेढ़ा ही चलेगा। जो कि अशुभ फल देने वाला रहेगा।
राहु और केतु के कारण कालसर्प योग बनता है। राहु और केतु शनि के दोनों हाथ है। शनि किसी को भी कर्मो का फल देता है तो राहु और केतु के द्वारा ही देता है। शनिवार को ही राहु और केतु के कालसर्प योग बनने और वक्री शनि के चाल बदलने के कारण ये घटना बहुत बड़ी और असरदार रहेगी।
जानिए की क्या प्रभाव/असर होगा देश दुनिया में-?????
राहु-केतु परेशानियां और दुर्घटनाओं के कारक होते हैं। वर्तमान में देश-दुनिया के स्तर पर देखा जाए तो कर्काेटक नाम का कालसर्प दोष बन रहा है जो बहुत अशुभ माना जाता है। भारत की कुंडली और राशि के अनुसार देखा जाए तो तक्षक नाम का कालसर्प योग बन रहा है। देश-दुनिया में कई बड़े बदलाव होने के योग बनेंगे।
राहु-केतु परेशानियां और दुर्घटनाओं के कारक होते हैं। वर्तमान में देश-दुनिया के स्तर पर देखा जाए तो कर्काेटक नाम का कालसर्प दोष बन रहा है जो बहुत अशुभ माना जाता है। भारत की कुंडली और राशि के अनुसार देखा जाए तो तक्षक नाम का कालसर्प योग बन रहा है। देश-दुनिया में कई बड़े बदलाव होने के योग बनेंगे।
राहु-केतु रेल दुर्घटना या कोई बड़ी दुर्घटना की ओर इशारा कर रहे हैं। इस कालसर्प में देश-दुनिया में कहीं कोई प्राकृतिक आपदाएं आने के योग बन रहे हैं। राहु मुख्य रूप से भूकंप का कारक भी होता है। भारत के उत्तरी और दक्षिणी हिस्सों में तेज बारिश होने के योग हैं। कालसर्प और शनि की चाल बदलने से महत्वपूर्ण पदाधिकारियों के संबंध में षडय़ंत्र या कुछ गोपनीय बातें सामने आने के योग बन रहे हैं। भ्रष्टाचार आम जनता के सामने आएगा। आम जनता का केंद्र सरकार पर विश्वास और कम हो जाएगा। बड़े संत-महात्माओं के कारण धर्म और आस्थाओं को ठेस पहुंचेगी। सीमा रेखा पर तनाव होने के योग बन रहे हैं। अपने देश की सीमाओं से जुड़ें राष्ट्रों में भी तनाव की स्थिति पैदा होगी।
राहु खनिज और भूमिगत चीजों का कारक है इसलिए खनिज वस्तुओं में तेजी आएगी। सोना-चांदी में कुछ तेजी के साथ गिरावट आना संभव है। शेयर बाजार की स्थिति भी असामान्य रहेगी। इस समय में जनता के संबंध में कुछ महत्वपूर्ण निर्णय लिए जाएंगे। सरकार के सहयोग से कोई बिल या विधेयक पास होगा जो आने वाले समय में जनता के लिए प्रभावशाली रहेगा। टेलीकॉम सेक्टर में भी बड़े बदलाव होने के योग बन रहे हैं।
जानिए की क्या होता है कालसर्प दोष..????
सौर मंडल में सात ग्रह है। सूर्य, चंद्र, मंगल, बुध, गुरु, शुक्र और शनि इसके अलावा दो छाया ग्रह है राहु और केतु। ज्येातिष की भाषा में राहु को सांप का मुंह माना जाता है और केतु को सांप की पूंछ। किसी भी व्यक्ति की जन्मकुंडली में जब राहु-केतु के बीच में सारे ग्रह आ जाते हैं तो वह कुंडली कालसर्प दोष से ग्रस्त मानी जाती है। काल सर्प दोष अनिर्णय या असमंजस की स्थिति पैदा करता है। इससे पीडि़त व्यक्ति महत्वपूर्ण मौकों पर निर्णय लेते समय गफलत की स्थिति में आ जाता है और इससे उसका नुकसान हो जाता है।
सौर मंडल में सात ग्रह है। सूर्य, चंद्र, मंगल, बुध, गुरु, शुक्र और शनि इसके अलावा दो छाया ग्रह है राहु और केतु। ज्येातिष की भाषा में राहु को सांप का मुंह माना जाता है और केतु को सांप की पूंछ। किसी भी व्यक्ति की जन्मकुंडली में जब राहु-केतु के बीच में सारे ग्रह आ जाते हैं तो वह कुंडली कालसर्प दोष से ग्रस्त मानी जाती है। काल सर्प दोष अनिर्णय या असमंजस की स्थिति पैदा करता है। इससे पीडि़त व्यक्ति महत्वपूर्ण मौकों पर निर्णय लेते समय गफलत की स्थिति में आ जाता है और इससे उसका नुकसान हो जाता है।
काल का अर्थ समय और सर्प का मतलब ग्यारह रुद्रों को माना जाता है, विभिन्न लोगों ने अपने अपने विवेक और बुद्धि से कालसर्प योगों की व्याख्या की है, लेकिन भूतडामर तंत्र के अनुसार कालसर्प का पूरा ब्यौरा भगवान रुद्र (शिव) के प्रति ही माना गया है, इस प्रकार का दोष ही भगवान शिव के द्वारा अभिशापित माना जाता है, जिस प्राणी को जो सजा देनी होती है उसे उसी के अनुसार कालसर्प दोष होता है। कुछ विद्वानों ने कुंडली के पहले भाव को विष्णु और बाकि ग्यारह भावों को एकादश रूद्र का रूप माना है। ग्यारह रूद्रों के नामों के अनुसार कालसर्प दोषों को बांटा गया है।
कितने तरह के होते हैं कालसर्प दोष..????
कुंडली में खास तौर से बारह तरह के कालसर्प दोष बताए गए हैं। मतभेद के अनुसार कुछ विद्वानों के मतानुसार कालसर्प .456 प्रकार के होते हैं। इनमें से कर्कोटक, विषधर, घातक और शंखचूड यह सबसे दुष्प्रभावी कालसर्प योग होते हैं। बाकी के कालसर्प योग कम नुकसान दायक होते है। इनका पूजन पाठ कराने से ये शांत हो जाते हैं। कालसर्प दोष जिस व्यक्ति को होता है। वह हमेशा असमंजस में रहता है तथा कोई कार्य ठीक ढंग़ से नही कर पाता हमेशा भयग्रस्त रहता है। कुछ विद्वानों ने रूद्र और नाग लोक के नागों के नाम पर कालसर्प योग के नाम बताए है।
जानिए की किस राशि वालों के लिए रहेगा शुभ-????—- मिथुन, कन्या, धनु, मकर, कुंभ
जानिए की किसके लिए रहेगा अशुभ-????? —-मेष, वृष, कर्क, सिंह, तुला, वृश्चिक, मीन
जानिए की किसके लिए रहेगा अशुभ-????? —-मेष, वृष, कर्क, सिंह, तुला, वृश्चिक, मीन
( किसी निर्णय/नतीजे पर पहुँचाने से पूर्व अपनी जन्मकुंडली किसी योग्य आचार्य की अवश्य दिखा लीजियेगा…जरुरी नहीं हें ही मेरे यह विचार सर्वमान्य हो)
.शुभम भवतु…कल्याण हो….
आप का अपना —
Pt.Dayananada Shastri…(. )