यदि पाना हें राजयोग तो बोलें यह बृहस्पति कवच —–
—— गुरु बृहस्पति की प्रतिमा की गंध, अक्षत, फूल से पूजा कर धूप व दीप जला पीले आसन पर बैठ नीचे लिखा बृहस्पति कवच बोलें –
अभीष्टफलदं देवं सर्वज्ञं सुर पूजितम्।
अक्षमालाधरं शान्तं प्रणमामि बृहस्पतिम्।।
बृहस्पति: शिर: पातु ललाटं पातु में गुरु:।
कर्णौ सुरुगुरु: पातु नेत्रे मेंभीष्टदायक:।।
जिह्वां पातु सुराचायो नासां में वेदपारग:।
मुखं मे पातु सर्वज्ञो कण्ठं मे देवता शुभप्रद:।।
भुजवाङ्गिरस: पातु करौ पातु शुभप्रद:।
स्तनौ मे पातु वागीश: कुक्षिं मे शुभलक्षण:।।
नाभिं देवगुरु: पातु मध्यं सुखप्रद:।
कटिं पातु जगदवन्द्य: ऊरू मे पातु वाक्पति:।।
जानु जङ्गे सुराचायो पादौ विश्वात्मकस्तथा।
अन्यानि यानि चाङ्गानि रक्षेन् मे सर्वतोगुरु:।।
इत्येतत कवचं दिव्यं त्रिसन्ध्यं य: पठेन्नर:।
सर्वान् कामानवाप्नोति सर्वत्र विजयी भवेत्।।
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गुरु दोष शांति का सरल उपाय—-
शास्त्रों के मुताबिक गुरु बृहस्पति इंसान के जीवन में गुरु, बुद्धि, ज्ञान, शिक्षा, समृद्धि, संतान व जीवनसाथी सहित अनेक भौतिक सुख नियत करने वाले होते हैं। यही कारण है कि सांसारिक जीवन की ऐसी ही कामनाओं को पूरी करने के लिए गुरुवार को गुरु बृहस्पति की उपासना का महत्व बताया गया है।
अगर आप भी शिक्षा, सही मार्गदर्शन, मानसिक अशांति, पैसों या साधनों की कमी, स्वास्थ्य समस्या के कारण असफलता से जूझ रहें हैं और बिगड़े कामों व कमियों को पूरा करने के लिए गुरु बृहस्पति की उपासना के लिए वक्त निकालने में असमर्थ हैं तो यहां गुरु दोष शांति का ऐसा उपाय बताया जा रहा है, जिसे चलते-फिरते या दिनचर्या के दौरान अपनाकर सुख-शांति और वैभव पा सकते हैं।
गुरु बृहस्पति की कृपा या गुरु दोष शांति का यह सरल उपाय है, यहां बताई जा रही पीली सामग्रियों का दान, जो मात्रा में सवा किलो से सवा पाव या यथाशक्ति भी दान की जा सकती है –
– गुड़,
– चने की दाल,
– केले,
– पीले फूल,
– चन्दन या कपड़े,
– हल्दी,
– पीले रंग की मिठाई
– गाय का घी
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अधिक जानकारी के लए ये लिंक खोलकर पढ़िए—
http://way.wisdom.files.wordpress.com/2.08/.2/upasana-5-guru.pdf