जानिए लाल किताब में सूर्य का प्रत्येक भाव के लिए उपाय—-
परन्तु लाल किताब के अनुसार ग्रह चाहे शुभ स्थिति में हो या अशुभ उसका उपाय करने से जहाँ उसके फल में स्थायित्व रहता हें, वही दूसरी तरफ अशुभ ग्रह का उपाय करने से उसके दूष्प्रभाव की शान्ति होती है. इस लेख के माध्यम से सूर्य ग्रह के प्रत्येक भाव मेँ स्थित होने पर उसके उपाय की जानकारी दी गई है. प्रत्येक व्यक्ति जिनका सूर्य जिस-. भाव में स्थित है वह यहाँ दी गई सूची के आधार पर उपाय कर सकता है.
प्रथम भाव में स्थित सूर्य का उपाय—-
.) शराव, मांस, अण्डा के सेवन से परहेज करे़.
2) उड़द की दाल जल में प्रवाहित करें.
.) गले में सोने की चेन पहनें.
4) मसूर की दाल, गुड़, मिर्च, इत्यादी दान करें.
द्वितीय भाव में स्थित सूर्य का उपाय—-
1) अनावश्यक झगडा से बचें.
2) परोपकार करते रहें लाभ में रहेगें.
3) कभी भी दान न ले, तथा मुफ्त में किसी से भी कुछ ना लें.
4) तेल, बादाम व नारियल मन्दिर में दान करें.
5) घर हो या मन्दिर कहीं भी घी का दिया न जलाएं.
तृ्तीय भाव में स्थित सूर्य का उपाय—-
1) बुरे या गलत कार्य से दूर रहें.
2) छोटी कन्याओं की सेवा करें.
3) चावल व दूध का दान करें.
4) माता का आशीर्वाद लें.
चतुर्थ भाव में स्थित सूर्य का उपाय—-
1) मन्दे काम से दूर रहें.
2) दरिया में ताम्बे के पैसे को प्रवाहित करें.
3) शराव, अण्डा, मांस का सेवन ना करें.
4) अन्धों को मुफ्त में दवाई बाटें.
पंचम भाव में स्थित सूर्य का उपाय—
1) तेल को जमीन पर गिरायें.
2) चावल , हल्दी, चने की दाल पीले फूल, देसी खाण्ड इत्यादी जल में प्रवाहित करें.
3) दूसरे से प्रेम भरा व्यवहार करें.
4) मकान के पूर्व में दीवार के साथ रसोई बनाएं.
छ्टें भाव में स्थित सूर्य का उपाय——
1) बन्दर को गेहुँ डालें.
2) लाल चीरियों को बाजरा दें.
3) कुत्ता पालें या कुत्ते की सेवा करें.
4) स्त्रीयों को सलाह न दें.
5) पुराने रीति-रिवाजो को करते रहें.
सप्तम भाव में स्थित सूर्य का उपाय—–
1) 22 वें वर्ष विवाह न करें.
2) पति-पत्नी यदि गुड़ खाते हैं तो दोनो में से एक गुड़ खना बन्द कर दें.
3) ताम्बे के चौकोर टुकडे भूमि में दबाना उत्तम रहेगा.
4) भोजन करने से पहले एक टुकडे को अग्नि में आहुति दें.
5) पति पत्नी दिन के समये एक साथ न रहें.
अष्टम भाव में स्थित सूर्य का उपाय—–
1) सदैव सत्य आचरण करें.
2) बुरे कार्यों से दूर रहें.
3) गुड़ बहते पानी में प्रवाहित करें.
4) ताम्बे का पैसा जलती चिता में डाले़.
5) गाय की सेवा करें.
6) बडे़ भाई की आज्ञा का पालन करें .
7) दूसरो के टुकडो पर न पलें.
नवम भाव में स्थित सूर्य का उपाय——-
1) किसी से भी मुफ्त में कुछ भी न लें.
2) चने की दाल हल्दी दरिया में बहाये.
3) खानदानी पीतल के बर्तनो को खाली न रखें.
दशम भाव में स्थित सूर्य का उपाय——–
1) शराव, मांस, अण्डे से परहेज करें.
2) भूमि का पानी प्रयोग में लाएं.
3) सिर पर सफेद कपडा या टोपी आदी रखें.
एकादश भाव में स्थित सूर्य का उपाय——-
1) शराव, मांस, अण्डे का प्रयोग न करें.
2) किसी के भी साथ छल न करें.
3) ताम्बे का पैसा शाम के चार बजे से सुवह के चार बजे तक गर्म करे़.
4) परोपकार करें.
5) अपना चाल चलन बनाए रखें.
द्वादश भाव में स्थित सूर्य का उपाय———-
1) अपने विचारो को पवित्र बनाएं.
2) धार्मिक स्थान पर जाया करें.
3) सरसो की तेल, नारियल आदिक कारवार न करें
इस प्रकार लाल किताब के अनुसार सूर्य के उपाय करने से तुरन्त लाभ मिलता हैं.
नोट————–
1)एक समय में केवल एक ही उपाय करें.
2) उपाय कम से कम 4. दिन और अधिक से अधिक 43 दिनो तक करें.
3) उपाय में नागा ना करें यदि किसी करणवश उपाय नागा हो तो फिर से प्रारम्भ करें.
4) उपाय सूर्योदय से लेकर सूर्यास्त तक करें.
5) उपाय खून का रिश्तेदार ( भाई, पिता, पुत्र इत्यादि) भी कर सकता हें.
परन्तु लाल किताब के अनुसार ग्रह चाहे शुभ स्थिति में हो या अशुभ उसका उपाय करने से जहाँ उसके फल में स्थायित्व रहता हें, वही दूसरी तरफ अशुभ ग्रह का उपाय करने से उसके दूष्प्रभाव की शान्ति होती है. इस लेख के माध्यम से सूर्य ग्रह के प्रत्येक भाव मेँ स्थित होने पर उसके उपाय की जानकारी दी गई है. प्रत्येक व्यक्ति जिनका सूर्य जिस-. भाव में स्थित है वह यहाँ दी गई सूची के आधार पर उपाय कर सकता है.
प्रथम भाव में स्थित सूर्य का उपाय—-
.) शराव, मांस, अण्डा के सेवन से परहेज करे़.
2) उड़द की दाल जल में प्रवाहित करें.
.) गले में सोने की चेन पहनें.
4) मसूर की दाल, गुड़, मिर्च, इत्यादी दान करें.
द्वितीय भाव में स्थित सूर्य का उपाय—-
1) अनावश्यक झगडा से बचें.
2) परोपकार करते रहें लाभ में रहेगें.
3) कभी भी दान न ले, तथा मुफ्त में किसी से भी कुछ ना लें.
4) तेल, बादाम व नारियल मन्दिर में दान करें.
5) घर हो या मन्दिर कहीं भी घी का दिया न जलाएं.
तृ्तीय भाव में स्थित सूर्य का उपाय—-
1) बुरे या गलत कार्य से दूर रहें.
2) छोटी कन्याओं की सेवा करें.
3) चावल व दूध का दान करें.
4) माता का आशीर्वाद लें.
चतुर्थ भाव में स्थित सूर्य का उपाय—-
1) मन्दे काम से दूर रहें.
2) दरिया में ताम्बे के पैसे को प्रवाहित करें.
3) शराव, अण्डा, मांस का सेवन ना करें.
4) अन्धों को मुफ्त में दवाई बाटें.
पंचम भाव में स्थित सूर्य का उपाय—
1) तेल को जमीन पर गिरायें.
2) चावल , हल्दी, चने की दाल पीले फूल, देसी खाण्ड इत्यादी जल में प्रवाहित करें.
3) दूसरे से प्रेम भरा व्यवहार करें.
4) मकान के पूर्व में दीवार के साथ रसोई बनाएं.
छ्टें भाव में स्थित सूर्य का उपाय——
1) बन्दर को गेहुँ डालें.
2) लाल चीरियों को बाजरा दें.
3) कुत्ता पालें या कुत्ते की सेवा करें.
4) स्त्रीयों को सलाह न दें.
5) पुराने रीति-रिवाजो को करते रहें.
सप्तम भाव में स्थित सूर्य का उपाय—–
1) 22 वें वर्ष विवाह न करें.
2) पति-पत्नी यदि गुड़ खाते हैं तो दोनो में से एक गुड़ खना बन्द कर दें.
3) ताम्बे के चौकोर टुकडे भूमि में दबाना उत्तम रहेगा.
4) भोजन करने से पहले एक टुकडे को अग्नि में आहुति दें.
5) पति पत्नी दिन के समये एक साथ न रहें.
अष्टम भाव में स्थित सूर्य का उपाय—–
1) सदैव सत्य आचरण करें.
2) बुरे कार्यों से दूर रहें.
3) गुड़ बहते पानी में प्रवाहित करें.
4) ताम्बे का पैसा जलती चिता में डाले़.
5) गाय की सेवा करें.
6) बडे़ भाई की आज्ञा का पालन करें .
7) दूसरो के टुकडो पर न पलें.
नवम भाव में स्थित सूर्य का उपाय——-
1) किसी से भी मुफ्त में कुछ भी न लें.
2) चने की दाल हल्दी दरिया में बहाये.
3) खानदानी पीतल के बर्तनो को खाली न रखें.
दशम भाव में स्थित सूर्य का उपाय——–
1) शराव, मांस, अण्डे से परहेज करें.
2) भूमि का पानी प्रयोग में लाएं.
3) सिर पर सफेद कपडा या टोपी आदी रखें.
एकादश भाव में स्थित सूर्य का उपाय——-
1) शराव, मांस, अण्डे का प्रयोग न करें.
2) किसी के भी साथ छल न करें.
3) ताम्बे का पैसा शाम के चार बजे से सुवह के चार बजे तक गर्म करे़.
4) परोपकार करें.
5) अपना चाल चलन बनाए रखें.
द्वादश भाव में स्थित सूर्य का उपाय———-
1) अपने विचारो को पवित्र बनाएं.
2) धार्मिक स्थान पर जाया करें.
3) सरसो की तेल, नारियल आदिक कारवार न करें
इस प्रकार लाल किताब के अनुसार सूर्य के उपाय करने से तुरन्त लाभ मिलता हैं.
नोट————–
1)एक समय में केवल एक ही उपाय करें.
2) उपाय कम से कम 4. दिन और अधिक से अधिक 43 दिनो तक करें.
3) उपाय में नागा ना करें यदि किसी करणवश उपाय नागा हो तो फिर से प्रारम्भ करें.
4) उपाय सूर्योदय से लेकर सूर्यास्त तक करें.
5) उपाय खून का रिश्तेदार ( भाई, पिता, पुत्र इत्यादि) भी कर सकता हें.