ऐसा हो आपके घर/भवन/मकान का मुख्य द्वार(वास्तु अनुसार)—-
—-अपने घर के मुख्य दरवाजे पर भगवान श्रीगणेश की मूर्ति स्थापित करें और सुबह उठकर उन्हें प्रणाम करें। इसके बाद अपने द्वार, देहली व सीढ़ी आदि पर पानी का छिड़काव करें। ऐसा करने से टोने-टोटके का प्रभाव नहीं पड़ता।
—- नीम, बबूल या आम में से किसी पेड़ की टहनी पत्तियों सहित मुख्य दरवाजे पर लटकाएं।
—- शनिवार के दिन सात हरी मिर्च के बीच एक नींबू काले धागे में पिरोकर मुख्य द्वार पर लटकाएं। इससे भी बुरी नजर नहीं लगेगी।
—– सप्ताह के किसी एक दिन घर की साफ-सफाई करने के बाद एक बाल्टी पानी में थोड़ी शक्कर और दूध डालकर कुश से उसका छिड़काव पूरे घर में करें। आखिर में शेष पानी को दरवाजे के दोनों और थोड़ा-थोड़ा डाल दें।
—– अमावस के दिन एक ब्राह्मण को भोजन अवश्य कराएं। इससे आपके पितर प्रसन्न होंगे और आपके घर व परिवार को टोने-टोटको के अशुभ प्रभाव से बचाएंगे।
—- मुख्य द्वार के सामने की दीवार पर लक्ष्मीजी या श्रीकृष्ण का चित्र लगाने से आने वाले आगंतुक पर बुरा प्रभाव नहीं होता व उसका मन प्रसन्न होने से अच्छी ऊर्जा का संचार होता है।
——मुख्य द्वार के सामने यदि सीढ़ियाँ हों तो उसमें रहने वाले का भाग्य परिवर्तन होता रहता है। ऐसी स्थिति में बागुवा मिरर लगाना चाहिए ताकि उसकी दिशा में परिवर्तन हो एवं उस सीढ़ियों का गलत प्रभाव नहीं पड़े। मुख्य द्वार के सामने रसोई घर का द्वार नहीं होना चाहिए। क्योंकि अच्छी ऊर्जा रसोई घर की ऊर्जा से टकराकर नष्ट हो जाती है और घर में बनने वाली वस्तु आने वाले को दिखाई देती है, जो शुभ नहीं होता है।
—-मुख्य द्वार के खुलते ही बहते झरने का चित्र हो तो तुरंत हटा देना चाहिए, नहीं तो आर्थिक स्थिति दिन-ब-दिन बिगड़ती जाएगी और उन्नति में बाधा आएगी। ध्यान रहे मुख्य द्वार के सामने आईना या अलमारी में लगा काँच न हो। यदि हो तो हटा देना ही शुभ होगा। मुख्य द्वार के सामने सुख-समृद्धिदायक चित्र का लगा होना शुभ फलदायी होता है। मुख्य द्वार के सामने की दीवार पर लक्ष्मीजी या श्रीकृष्ण का चित्र लगाने से आने वाले आगंतुक पर बुरा प्रभाव नहीं होता व उसका मन प्रसन्न होने से अच्छी ऊर्जा का संचार होता है।
—–पश्चिम दिशा का द्वार मुख्यत: स्त्रियों के लिये लाभदायक होता है। इससे उनमें आध्यात्मिक प्रवृत्ति बढ़ती है। वे खुश और संतुष्ट रहती हैं। मुख्य द्वार यदि उत्तर-पश्चिम हिस्से में हो तो अच्छा रहता है।
—–मुख्यद्वार पर “काले घोड़े” की नाल लगाने से घर पर किसी की बुरी नजर नहीं लगती और बरकत बनी रहती है। घर का मुख्य द्वार उत्तर, उत्तर-पश्चिम या पश्चिम में हो तो उसके ऊपर बाहर की तरफ घोड़े की नाल जरूर लगा देना चाहिए। ऐसी मान्यता है कि काले घोड़े की नाल से शनिदोष दूर होते हैं क्योंकि ज्योतिष के अनुसार काले घोड़े के पैरों पर शनि का विशेष प्रभाव माना गया है। शनि न्याय के देवता हैं।नाल इंग्लिश वर्णमाला के अक्षर यू के आकार में लगाना चाहिए। काले घोड़े की नाल की नाल से शनि संबंधी दोष भी दूर होते हैं। इसी वजह से शनि पीड़ा को कम करने के लिए काले घोड़े की नाल का छल्ला भी पहना जाता है।वही नाल घर के दरवाजे पर लगाने से धन, सुख, समृद्धि बनी रहती है। परिवार के सभी सदस्य सदैव बुरी नजर से बचे रहते हैं।
—–मान्यता हें की घर के मुख्य द्वारा पर काले घोड़े की नाल, अन्दर व बाहर की ओर गणपति अथवा दक्षिणमुखी द्वार पर हनुमान जी की तस्वीर लगाने से सुख-समृद्धि के साथ ऊपरी हवाओं की समस्या से निजात मिल सकता है।
—-मुख्य द्वार के दोनों और मांगलिक चिन्ह जेसे (ॐ , श्री, शुभ-लाभ , स्वस्तिक , बैठे हुए हनुमान आदि ) बनाना/लगाना शुभ होता है |
—–हा एक महत्वपूर्ण बात ध्यान में रखे की यदि आप गणेश जी की प्रतिमा लगना चाहते है तो उसे मुख्यद्वार के अन्दर लगाये क्योकि गणेशजी की पीठ में दरिद्रता होती है व दृष्टि में सुख-समृधि होती है इसीलिए यदि आप मुख्यद्वार पर गणेश प्रतिमा लगायेगे तो दरिद्रता आपके घर पर ही आएगी और यदि आप मुख्यद्वार के अन्दर लगते है तो सुख और समृधि बढेगी |
—–मुख्य द्वार पर दर्पण प्रयोग न करे, उससे सकारात्मक उर्जा परावर्तित होती है व मुख्यद्वार दो पल्लो का व दोनों दरवाजे अन्दर की और खुलने चाहिए मुख्यद्वार साफ सुथरा होना चाहिए टूटा-फूटा नही होना चाहिए |
——-घर का मुख्य द्वार सदैव पूर्व या उत्तर में होना चाहिए |
—–यदि ऐसा न हो तो घर के मुख्य द्वार पर सोने, चांदी या ताम्बे या पंच धातु से बना हुआ ‘स्वास्तिक’ की प्राण प्रतिष्ठा करवाएं |
——घर के मुख्य द्वार पर तुलसी का पौधा जरूर लगायें और सुबह – शाम उसमे जल अर्पित कर, दीपक जलाएं | ऐसा करने से घर में देवी-देवताओं का वास होता है और सभी बुरी चीज़ें घर से दूर रहती हैं |
——दिशा में चढ़ते सूर्य के सामने तुलसी का पौधा रखें | इससे सूर्य की किरणे, तुलसी स्पर्श से घर को ऊर्जावान बनाकर, घर के सभी सदस्यों के आत्म विश्वास को बढाती है |
—-घर में किसी भी प्रकार के वास्तु दोष से बचने के लिए घर में पांच तुलसी के पौधे लगायें और उनकी नियमित सेवा करें |
——मुख्य द्वार पर मांगलिक चिन्ह जैसे स्वास्तिक, ऊँ आदि अंकित करने के साथ साथ गणपति लक्ष्मी या कुबेर की प्रतिमा स्थापित करनी चाहिए।
—– मुख्य द्वार के सामने मन्दिर नहीं होना चाहिए।
—–मुख्य द्वार की चौड़ाई हमेशा ऊँचाई की आधी होनी चाहिए।
—–किसी कौने में अधिक पेड़-पौधें ना लगाए इसका दुष्प्रभाव माता-पिता पर भी होता हैं वैसे भी वृक्ष मिट्टी को क्षति पहुंचाते हैं।
—-घर का मुख्य द्वार छोटा हो तथा पीछे का दरवाजा बड़ा हो तो वहॉ के निवासी गंभीर आर्थिक संकट से गुजर सकते हैं।
—–मुख्य द्वार पर कभी दर्पण न लगायें। सूर्य के प्रकाश की और कभी भी कॉच ना रखे। इस कॉच का परिवर्तित प्रकाश आपका वैभव एवं ऐश्वर्य नष्ट कर सकता है।