विदेश यात्रा के योग –(अब्रॉड जाने का सपना होगा सच–फॉरेन के लिए एस्ट्रोलॉजी)– भारती पण्डित —
फॉरेन जाना हरेक युवा का सपना होता है। ये फॉरेन टूर या तो घूमने के लिए हो सकता है या एजुकेशन के सिलसिले में हो सकता है या फिर करियर यानी जॉब या बिजनेस के सिलसिले में भी हो सकता है। ये सब सोचना और इस ड्रीम का रियलिटी में बदल पाना आपके पक्के इरादों के साथ कई बार हॉरोस्कोप पर भी डिपेंड कर सकता है। ऐसे में अच्छा हो प्रिपरेशन करते-करते एक नजर अपने हॉरोस्कोप पर भी डाल ली जाएँ –
हॉरोस्कोप में आपका मनुष्य ग्रह (लग्न का या एसेंडेंट का स्वामी) यदि ., 6, 8, .. हाउस में हो तो आपका फॉरेन जाना हो सकता है। इसके साथ मून जितना पावरफुल होता है, यह 1, 3, 8, 9, 12 हाउस में हो तो दूर की यात्रा होती है।
यदि मून बहुत पावरफुल हो मगर किसी प्लेनेट से रिलेशन न बनाता हो तो यात्रा केवल घूमने घामने के इंजॉयमेंट के परपज से ही होती है। ये यात्राएँ भले ही बार-बार होती हैं मगर वहाँ जाकर सैटलमेंट के योग नहीं आते।
यदि मून का रिलेशन पावरफुल ज्यूपिटर के साथ हो, स्पेशली 1, 3, 8, 9, 12 में तो एजुकेशन के सिलसिले में फॉरेन जाने का चाँस मिलता है और ग्रहों की दशा-महादशा के हिसाब से वहाँ समय बिताने को मिलता है।
यदि मून का डायरेक्ट रिलेशन वीनस के साथ बन रहा हो तो ये टूर बिजनेस के सिलसिले में हो सकता है और वहाँ सैटल होने का मौका भी मिल सकता है। कब और किस उम्र में, यह आपके नवें हाउस पर डिपेंड करेगा।
यदि 12वें हाउस राहु-केतु के इफेक्ट में हैं तो बर्थप्लेस से काफी दूर जाकर भाग्योदय होता है और अचानक फॉरेन जाने के चांस मिलते हैं, अचानक वापस भी आना पड़ता है।
इसी तरह मून-वीनस यदि सैटर्न (नीच का) राहु या केतु के बुरे प्रभाव में हो तो यात्रा में नुकसान हो सकता है।
तो अब अपने फ्यूचर प्लान को सेट करने से पहले हॉरोस्कोप पर भी नजर डालें और उसके हिसाब से अपने प्लेनेट मजबूत करें, शुभ योगों को बढ़ाएँ और बेधड़क फॉरेन जाएँ, नाम-पैसा और प्रसिद्धि कमाएँ।