>मोबाईल से मोहब्बत :::——-
मोबाईल से मोहब्बत अब
कितनी आसन हो गयी…
आशिकों के लिए आसमानी बातें…
अब वरदान हो गयी….
कभी भी दिलबर से कर लो बात……
जब दिल की धड़कन सुनसान हो गयी……
अपने-अपने कमरों से रात- रात भर बातें…
..देखा वक्त तो अजान हो गयी…..
अब हर कहीं बुला लो अपने महबूब ko ………
जब हसरतें तुम्हारी जवान ho गयी……
चुपचाप भेज दो एस. एम् .एस………….
जहाँ खामोश जुबान हो गयी…….
रोज अखबार में होते लेला मजनू…………
जब मुहब्बत उनकी परवान चढ़ गयी…….
इसलिए मत दो मोबाईल उनके हाथों में…….
जहाँ बेटी तुम्हारी जवान हो गयी……….
वरना pachhataoge फिर कहोगे…….
दुनिया हमारी वीरान हो गयी………..
मोबाईल से मोहब्बत अब ……..
कितनी आसन हो गयी……………
##### दयानंद “bandhu”#######