जन्मकुंडली में सैकड़ों तरह के योग होते हैं उनमें से एक योग पिशाच योग कहलाता है जो कि राहु के कारण उत्पन्न होता है। पिशाच योग राहु द्वारा निर्मित योगों में यह नीच योग है।पिशाच योग जिस व्यक्ति की जन्मपत्री में होता है वह प्रेत बाधा का शिकार आसानी से हो जाता है।इनमें इच्छा शक्ति की कमी रहती है ।इनकी मानसिक स्थिति कमज़ोर रहती है, ये आसानी से दूसरों की बातों में आ जाते हैं.इनके मन में निराशात्मक विचारों का आगमन होता रहता है।कभी कभी स्वयं ही अपना नुकसान कर बैठते हैं।

आइए जानते हैं पिशाच योग कैसे बनता है –

  • किसी कुंडली में राहू या केतु सप्तम भाव में होने पर जीवन में पिशाच बाधा होने की कभी संभावना बन सकती है।
  • किसी जातक की जन्म कुंडली में लग्न में राहू ग्रस्त चन्द्रमा होने और पंचम और नवंम में पापग्रस्त शनि और मंगल होने पर पिशाच बाधा हो सकती है।
  • लग्न में शनि-राहू युति कभी पिशाच बाधा दे सकती है।
  • लग्न में केतु किसी भी पापी ग्रह से युत या दृष्ट होने पर पिशाच बाधा दे सकता है।
  • लग्न में शुक्र हो और सप्तम भाव में शनि हो और किसी भी स्थान में पापी ग्रह दृष्ट चंद्र होने से भूत -प्रेत -पिशाच बाधा योग बनता है।
  • शनि से युक्त चन्द्रमा अष्टम भाव में होने पर पिशाच बाधा योग उत्पन्न करता है।
  • किसी भी पाप ग्रह से चन्द्रमा छठे भाव में हो और सप्तम भाव में राहू या केतु हो तो ऐसे जातक को पिशाच बाधा योग बनता है।
  • यदि किसी जातक की कुंडली में शनि-राहू द्वितीय भाव में हो तो पिशाच बाधा कभी दे सकते है।
  • छठे भाव के पाप दृष्ट राहू या केतु पिशाच बाधा दे सकते है।
  • अष्टम का क्षीण चन्द्रमा मंगल राहू युत हो तो पिशाच बाधा की संभावना उत्पन्न हो सकती है।
  • लग्न में बुध -केतु पापी ग्रह से दृष्ट हो तो पिशाच बाधा दे सकते है।
  • यदि आपकी कुंडली में पिशाच योग है तो आप ज्योतिष परामर्श प्राप्त कर इसका समाधान प्राप्त कर सकते हैं इस लेख के साथ उपाय इसलिए नहीं बताया गया है कि कुंडली में किस कारण से पिशाच योग बना है और उससे नुकसान की कितनी संभावना है उसका आकलन करने के बाद ही उपाय संभव है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here