एक सच्चा स्टार वही होता है जो रील लाइफ में ही नहीं बल्कि रियल लाइफ में भी अच्छा इंसान हो| ऐसा ही एक बॉलीवुड सितारा है सोनू सूद। वह भले ही बिग स्क्रीन पर विलेन का किरदार निभाते हो, लेकिन रियल लाइफ में हीरो हैं। इस वर्ष ..20 में, कोविद-.9 के कारण पूरे देश में लॉकडाउन के कारण  लाखों श्रमिक, मज़दूर अपने घर से दूर अलग-अलग जगह फंस गए थे, ऐसे में सोनू सूद ने फंसे हुए प्रवासी कामगारों के लिए बसों की व्यवस्था करके उनको घर तक पहुंचाने का काम किया। नाम, इज्जत ओर शोहरत कमाई।अपनी होटल को इसी कार्य हेतु प्रस्तुत किया। सोनू सूद भारतीय फिल्‍म अभिनेता, मॉडल और निर्माता हैं जो कि टॉलीवुड, कॉलीवुड, बॉलीवुड और कन्‍नड़ फिल्‍मों में काम करते हैं। वे कुछ विज्ञापनों में भी दिखाई दिए जैसे अपोलो टायर्स, एयरटेल आदि।

पृष्‍ठभूमि
सोनू सूद का जन्म .0 जुलाई 1973 को मोगा, जिला – लुधियाना, पंजाब में हुआ, लेकिन बाद में उच्च शिक्षा के लिए वो नागपुर स्थापित हो गये जहाँ के यशवंतराव चव्हाण अभियांत्रिकी महाविद्यालय में वो मॉडलिंग में भाग लेने लग गये। उनके पिता एक एंटरप्रेन्‍योर तो वहीं उनकी मां अध्‍यापिका थीं। उनके पिता का नाम शक्ति सागर सूद जिनकी  कपड़े की दुकान थी जिसका नाम बॉम्बे क्लॉथ हाउस था तथा उनकी माता का नाम सरोज सूद है। उनकी दो बहनें है जिनका नाम मालविका और मोनिका है।
  • राशि- कर्क हैं। जन्म लग्न तुला एवम जन्म नक्षत्र आश्लेषा हैं।
  • ग्रहनगर- नागपुर, महाराष्ट्र हैं।
  • स्कूली शिक्षा- सेक्रेड हार्ट स्कूल, मोगा से सम्पन्न हुई थी।
  • कॉलेज की शिक्षा- यशवंतराव चवन कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग, नागपुर से उन्होंने इलेक्ट्रॉनिक में इंजीनियरिंग की हैं।
  • धर्म- हिन्दू हैं।
  • भाषा- हिन्दी हैं।
  • शौक- कसरत और गिटार बजाना, किक बॉक्सिंग हैं।
  • सोनू सूद की लंबाई- 6 फीट, 2 इंच लगभग हैं।
  • सोनू सूद का वजन- 80 किलो लगभग हैं।
  • उनकी आँखों का रंग- भूरा हैं।
  • सोनू के बालों का रंग- काला हैं।
  • सोनू सूद का विवाह – 25 सितंबर, 1996 को सोनाली के साथ हुआ था।
  • उनके बेटे के नाम- अयान सूद, ईशान सूद
  • उनका बैकग्राउंड फिल्‍मों से नहीं रहा है लेकिन इसके बावजूद उन्‍होंने फिल्‍मों को ही अपना करियर बनाया और इसमें वे सफल भी हुए। उनकी दो बहनें भी हैं।
  • पढ़ाई- सोनू ने वाईसीसीई नागपुर से इलेक्‍ट्रानिक्‍स में इं‍जीनियरिंग की थी।
  • शादी- उन्‍होंने सोनाली से शादी की है जिनसे उन्‍हें एक लड़का है और उसका नाम इशांत है।



करियर
सोनू ने बॉलीवुड में अपने करियर की शुरूआत फिल्‍म ‘शहीदे-ए-आजम’ से की थी जिसमें उन्‍होंने भगत सिंह का किरदार निभाया था। इसके बाद उन्‍होंने कई छोटी बड़ी फिल्‍मों और अन्‍य भाषाओं की फिल्‍मों में भी काम किया जिसमें तमिल, तेलगु भी शामिल है।
प्रसिद्ध फिल्‍में- 
शहीदे-ए-आजम, युवा, चंद्रमुखी, आशिक बनाया आपने, जोधा अकबर, सिंह इज किंग, एक विवाह ऐसा भी, अरूंधति, दबंग, बुड्ढा होगा तेरा बाप, शूटआऊट एट वडाला, रमैया वस्तावैयया, आर राजकुमार, इंटरटेनमेंट, हैप्‍पी न्‍यू ईयर, गब्‍बर इज बैक, दबंग 3 आदि।
ऐसे हैं सोनू सूद की जन्म कुण्डली के ग्रह नक्षत्र 
     सोनू सूद की जन्मपत्रिका के अनुसार उनकी जन्म राशि- कर्क हैं, जन्म लग्न तुला एवम जन्म नक्षत्र आश्लेषा हैं।उनका जन्म मोगा, पंजाब में दोपहर 1 बजकर 30 पर हुआ था। लग्न का स्वामी शुक्र जन्म कुंडली के ग्यारहवें भाव में स्थित है। जब लग्न का स्वामी शुक्र ग्यारहवें स्थान में बैठता है तो ऐसा व्यक्ति अपने कर्म क्षेत्र में नाम और शोहरत हांसिल करता है। कुंडली का पंचम भाव मनोरंजन और फ़िल्म इंडस्ट्री का परिचायक होता है और पंचम भाव का स्वामी शनि नवम भाव में अपने परम मित्र बुध के साथ मजबूत स्थित में है और इसके साथ ही ग्लैमर का कारक शुक्र सप्तम दृष्टि से पंचम भाव को सीधा देख रहा है इसी योग ने सोनू सूद को फ़िल्म इंडस्ट्री में स्थापित किया।
     सोनू सूद की कुंडली में लग्न भाव के सामने सप्तम भाव में स्थित होकर लग्न भाव पर सीधी दृष्टि डाल रहा है इसलिए इनको सुगठित शरीर कुदरत से मिला है। सोनू सूद की कुंडली में चंद्रमा,सूर्य के साथ दशम भाव में स्वराशि में स्थित है और बृहस्पति चतुर्थ भाव में बैठकर उच्च की पूर्ण दृष्टि चंद्रमा पर डालता है जो कि गजकेसरी योग बनाता है , ऐसा व्यक्ति परोपकारी, भावुक और दूसरों की मदद करने वाला होता है ,इसके साथ ही चंद्रमा का दो शुभ ग्रहों के बीच स्थित होना भी सोनू सूद को मददगार और मसीहा के रूप में स्थापित करता है।
     सोनू सूद की कुंडली की सबसे महत्वपूर्ण बात ये है कि वर्तमान में चन्द्र की महादशा जनवरी 2018 से चल रही है जो आने वाले दस साल तक चलेगी , चंद्रमा इनकी कुंडली में पूर्ण प्रभावी है ये लोगों की मदद करते रहेंगे। 2028 तक का समय चंद्रमा की दशा के चलते सोनू सूद को नाम, शोहरत और प्रोफेशनल ग्रोथ देगा और आगे आने वाले समय में चंद्रमा की दशा के प्रभाव में ये आगे भी समाजसेवा में भागीदारी करते नजर आएंगे।
      सोनू की जन्म कुंडली में लग्न तुला राशि का है और लग्नेश का स्वामी शुक्र लाभ भाव यानि एकादश भाव में सिंह राशि में विराजमान है। लग्नेश की यह स्थिति सोनू को साहसी और महत्वकांक्षी तो बनाती है साथ ही यह उनको दूसरों की मदद करने के लिए भी प्रेरित करती है क्योंकि तुला न्यायप्रिय और सौम्य राशि है। इसके साथ ही तुला राशि कला, अभिनय आदि का प्रतिनिधित्व भी करती है इसलिए सोनू को कला के क्षेत्र में भी अऩुकूल फल मिल रहे हैं।
      सोनू सूद की कुंडली का सप्तम भाव बहुत ऊत्तम हैं जहां मंगल अपनी स्वराशि मेष में विराजमान है। यह भाव विवाह का होता है इसलिए सोनू का वैवाहिक जीवन अच्छा होगा। अपने जीवनसाथी का उन्हें सहयोग प्राप्त होगा। यह भाव सामाजिक सरोकारों को भी दिखाता है लेकिन यहां पर मंगल ग्रह विराजमान है, यह ग्रह स्वतंत्रता पसंद करता है। इसलिए सोनू अपने दम पर समाज के लिए कुछ करने के लिए हमेशा आगे रहेंगे। इन्हें भेड़ चाल से नफरत होगी, ऐसे लोगों में योद्धा की तरह आगे बढ़ते रहने और कभी हार नहीं मानने की जिद्द होती है।
     चूंकि मंगल लग्न भाव को भी देख रहा है इसलिए सोनू में हमेशा युवा शक्ति बनी रहेगी। ऐसे लोग हमेशा अपनी उम्र से कम उम्र के दिखते हैं और अपने स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान देते हैं। हालांकि कई बार ऐसे लोग भावावेश में आकर गलत फैसले भी ले सकते हैं या अत्यधिक क्रोध भी कर सकते हैं। हालांकि अपने गुस्से पर यदि यह लोग काबू कर लें तो हर मुश्किल आसान हो जाती है।
दशम स्थान यानी कर्म भाव में सूर्य-चंद्र की युति
कुछ ज्योतिष मानते हैं कि कुंडली में सूर्य-चंद्र का एक साथ विराजमान होना शुभ नहीं होता यह अमावस योग का निर्माण करता है, जो कि शुभ नहीं होता। हालांकि कुछ विद्वान मानते हैं कि सूर्य और चंद्र क्रमश: दोनों माता-पिता के कारक ग्रह हैं इसलिए माता-पिता यदि एक साथ हों तो व्यक्ति का अहित कैसे हो सकता है।
     खैर सोनू सूद की कुंडली की बात करें तो कर्म भाव जिसे लोकप्रियता का भाव भी कह सकते हैं में लोकप्रियता का स्वामी चंद्रमा स्थित है, इसके साथ ही मंगल और बृहस्पति की दृष्टि भी इस भाव पर है इसलिए ग्रहों की यह स्थिति सोनू को उनके कर्मों के जरिये समाज में लोकप्रियता दिलाएगी।
     इसके साथ ही चंद्रमा अपनी ही राशि यानि कर्क में विराजमान है, कर्क राशि दूसरों की देखभाल और साथ देने वाली राशि होती है इसलिए सोनू में भी यह गुण होने स्वाभाविक हैं। ऐसे लोगों का स्वभाव अपनी माता की तरह होता है। सूर्य जो कि सरकार और पिता का प्रतिनिधित्व करता है वह भी दशम भाव में विराजमान है इसलिए सरकार से भी इनको सम्मान की प्राप्ति होगी।
भाग्य स्थान अर्थात नवम भाव में शनि-बुध की युति
जिन जातकों की कुंडली में शनि नवम भाव में स्थित होता है उनको ज्यादातर 30 साल के बाद उपलब्धि मिलती है। ऐसे लोगों को अपने प्रयासों का जल्दी फल नहीं मिलता लेकिन यह लगातार मेहनत करते रहते हैं जिसका परिणाम इन्हें देर से ही सही लेकिन मिलता जरुर है। बुध का शनि के साथ नवम भाव में होना दिखाता है कि सोनू को कई बार अपनी बातों को रखने में परेशानी होती है। लोगों के साथ कुछ मतभेद भी पैदा हो सकते हैं लेकिन यह अपनी समझदारी से उसे दूर करने में भी समर्थ होंगे।
वर्तमान स्थिति 
सोनू सूद की कुंडली मे चन्द्रमा की दशा का प्रभाव 
     वर्तमान में जब सोन सूद अपना 48वां जन्मदिन 30 जुलाई 2020 को मनाने जा रहे हैं तब उनकी जन्म कुंडली अनुसार चंद्रमा की विंशोत्तरी महादशा में राहु की अंतर्दशा एवम शुक्र की प्रत्यंतर्दशा (03 सितम्बर 2020 तक)  से गुजर रहे हैं। उनके लिए यह दशा बहुत अच्छी है जैसा कि देख रहें हैं कि सोनू की राशि भी चंद्रमा के स्वामित्व वाली है और मंगल भी इनकी कुंडली में उच्च का है इसलिए यह दोनों ग्रह मिलकर इन्हें और मानवीय और लोगों का मददगार बनाएंगे। इसके साथ ही सोनू को इस समय सरकार से किसी तरह सम्मान मिलने की भी संभावना है। इसका कारण यह भी है कि चंद्रमा सरकार का प्रतिनिधित्व करने वाले सूर्य ग्रह के साथ विराजमान है।
     कुल मिलाकर कहा जाए तो सोनू की कुंडली उन्हें एक अच्छे अभिनेता के साथ ही एक न्यायप्रिय और मददगार शख्स बनाती है। वर्तमान में वह चंद्रमा की विंशोत्तरी महादशा (16 जनवरी 2018 से) से गुजर रहे हैं और यह महादशा 16 जनवरी 2028 तक रहेगी। इस दशा काल में सोनू को कई उपलब्धियां प्राप्त हो सकती हैं और वह एक समाजसेवक के रुप में उभर सकते हैं।
     चूंकि सूर्य उनके कर्म भाव में विराजमान है इसलिए राजनीति में भी उनको जाने का अवसर प्राप्त हो सकता है। हालांकि वह भविष्य में क्या करना चाहते हैं यह तो उनका निर्णय होगा लेकिन यह जरुर कहा जा सकता है कि सोनू जैसे मानवीय, मददगार और समझदार लोगों की हर समाज को आवश्यकता होती है।
ऐसे होते हैं अश्लेषा नक्षत्र के जातक
     वैदिक ज्योतिष के अनुसार आश्लेषा नक्षत्र का स्वामी बुध ग्रह है। यह कुंडलित साँप की तरह दिखायी देता है। इस नक्षत्र के नागास / सरपस और लिंग स्री है। अश्लेषा का अर्थ आलिंग होता है। आकाश मंडल में अश्लेषा नक्षत्र का स्थान 9वां है। यह कर्क राशि के अंतर्गत आता है। इस नक्षत्र का स्वामी बुध है। सूर्य के नजदीक होने से इसे प्रातः काल में देखा जा सकता है। इस नक्षत्र का स्वामी बुध है। अश्लेषा नक्षत्र में जन्म होने पर जन्म राशि कर्क तथा राशि स्वामी चन्द्रमा, वर्ण ब्राह्मण, वश्य जलचर, योनि मार्जार, महावैर यानी मूषक, गण राक्षस तथा नाड़ी अन्त्य है। इस नक्षत्र में जन्म लेने वालों पर जीवनभर बुध व चन्द्र का प्रभाव पड़ता है। इस नक्षत्र के जातक भाग्यशाली व हृष्ट-पुष्ट शरीर के स्वामी होते हैं और आपकी वाणी में लोगों को मंत्र-मुग्ध करने की ग़ज़ब की शक्ति छुपी हुई है। संभव है कि आपको बातचीत करना पसंद हो; किसी भी विषय पर आप घंटों बैठकर चर्चा कर सकते हैं। आपका चेहरा वर्गाकार, मुख-मंडल बहुत सुन्दर और आँखें छोटी हैं। आपके चेहरे पर कोई तिल अथवा दाग़-धब्बा हो सकता है। आपकी बुद्धिमानी और पहल करने की क्षमता आपको हमेशा शीर्ष पर पहुँचने की प्रेरणा देती रहती है। अपनी स्वतंत्रता में आपको किसी भी प्रकार का हस्तक्षेप बर्दाश्त नहीं होता इसलिए आपसे बात करते वक़्त इस बात का ख़ास ख़्याल रखा जाना चाहिए कि आपकी किसी भी बात को काटा न जाए।
     आश्लेषा नक्षत्र का स्वामी ग्रह बुध है और बुध को ज्ञान का कारक माना गया है. यह वाणिक ग्रह भी है जिसके फलतः इस नक्षत्र में जन्मे जातक सफल व्यापारी, चतुर अधिवक्ता, भाषण कला में निपुण होते हैं. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इस नक्षत्र में जन्म लेने वाले व्यक्ति ईमानदार होते हैं इसके साथ ही यह मौक़ापरस्त भी होते हैं. दूसरों पर आसानी से विश्वास नहीं करते. यह स्वभाव मे हठीले एवं जिददी होते हैं और अपनी जिद के आगे किसी की भी नहीं सुनते.इस जातक में नाग देवता का प्रभाव अधिक प्रतीत होता है. फलतः व्यक्ति अपेक्षाकृत क्रोधी होता है।
आपमें एक विशेषता यह है कि जिन लोगों से आपकी पक्की मित्रता होती है उनके हित के लिए आप किसी भी सीमा तक जा सकते हैं। कभी-कभी आप उन व्यक्तियों के लिए कृतज्ञता व्यक्त करना भूल जाते हैं जिन्होंने आपकी किसी-न-किसी रूप में मदद की होती है, ऐसी स्थिति में आपके सम्बन्ध बिगड़ने की भी संभावना है। कभी-कभार आपका क्रोध करना भी लोगों को आपके ख़िलाफ़ कर देता है इसलिए अपने क्रोध पर हमेशा क़ाबू रखना चाहिए।
अश्लेशा नक्षत्र के बारे में यह कहा जाता है कि अगर पहले पद मे जन्म हुआ है तो माता को त्याग देता है, दूसरे पाये में पिता को त्याग देता है, तीसरे पाये में अपने बड़े भाई या बहन को और चौथे पाये में अपने को ही सात दिन, सात महीने, सात वर्ष के अन्दर सभी प्रभावों को दिखा देता है।
     वैसे इस नक्षत्र के जातक काफ़ी मिलनसार होते हैं। आप किसी भी संकट का पूर्वानुमान लगाने में कुशल हैं इसलिए आप पहले से ही हर संकट या समस्या का हल खोज कर रखते हैं। आँखें मूंद कर किसी पर विश्वास कर लेना आपकी फ़ितरत नहीं है इसलिए आप अक्सर धोखा खाने से बच जाते हैं। स्वादिष्ट और राजसी भोजन करना आपको पसंद है परन्तु मादक पदार्थों के सेवन से हमेशा बचना चाहिए। आपका मन निरंतर किसी न किसी उधेड़बुन में लगा रहता है और आप रहस्यमय ढंग से कार्य करना पसंद करते हैं। अपने शब्दों के जादू से लोगो को वश में करने में आप माहिर हैं इसलिए आप राजनीति के क्षेत्र में विशेष सफल हो सकते हैं। वैसे भी आपमें नेतृत्व तथा शिखर पर पहुँचने के पैदायशी गुण छुपे हुए हैं। शारीरिक मेहनत की बजाय आप दिमाग़़ से ज़्यादा कार्य करेंगे। लोगों से घनिष्ठता आप तब तक बनाये रखेंगे जब तक आपको लाभ मिलता रहेगा। किसी भी व्यक्ति को परखकर अपना काम निकालने में आप माहिर हैं और एक बार जो निश्चय कर लेंगे तो उस पर अटल रहेंगे। भाषण कला में भी आप प्रवीण हैं, जब आप बोलना शुरू करते हैं तो अपनी बात पूरी करके ही शब्दों को विराम देते हैं।
     इस नक्षत्र के जातक अच्छे लेखक हैं। अगर आप अभिनय के क्षेत्र में जाते हैं तो सफल अभिनेता बन सकते हैं। कला अथवा वाणिज्य के क्षेत्र में भी आप जा सकते हैं और नौकरी की बजाय व्यवसाय में अधिक सफल हो सकते हैं। अतः संभव है कि आप अधिक समय तक नौकरी न करें। यदि नौकरी करेंगे तो साथ-ही-साथ किसी व्यवसाय से भी जुड़े रह सकते हैं। भौतिक दृष्टि से आप काफ़ी समृद्ध होंगें तथा धन-दौलत से परिपूर्ण होंगे। कीटनाशक और विष सम्बन्धी व्यवसाय, पेट्रोलियम उद्योग, रसायन शास्त्र, सिगरेट व तम्बाकू सम्बन्धी व्यवसाय, योग प्रशिक्षक, मनोविज्ञान, साहित्य, कला व पर्यटन से जुड़े कार्य, पत्रकारिता, लेखन, टाइपिंग, वस्त्र निर्माण, नर्सिंग, स्टेशनरी के सामान उत्पादन और बिक्री करके सफल होने की अधिक संभावना है।

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